बॉलीवुड के पॉपुलर राइटर, कवि, गीतकार और डायरेक्टर गुलजार (Gulzae Birthday) का आज 85वां जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1934 में जन्म हुआ। वह पिछले 6 दशक से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। गुलजार आज भी फिल्मों के लिए गाना लिखते हैं। उनके द्वारा लिखे गानों को आज भी लोग बहुत दिल से सुनते हैं। उन्होंने साल 1963 में फिल्म बंदनी से अपने करियक की शुरुआत की। उनके जन्मदिन के मौके पर यहां हम आपको बता रहे हैं उनकी लाइफ से जुड़े कुछ अनसुने किस्से-
- गुलजार का असली नाम समपूरन सिंह कालरा है। उनका जन्म ब्रिटिश इंडिया में झेलम जिले के दिना में हुआ। जोकि अब पाकिस्तान में है।
- उन्होंने खुद अपना नाम गुलजार (Gulzar Film)दीनवी रखा। इसके बाद उन्होंने दोबार अपना बदलकर सिर्फ गुलजार रखा।
- फिल्मों में आने से पहले वह एक कार मैकेनिक का काम करते थे। उन्हें पहली बार फिल्म बंदिनी (1963) के गाने लिखने का मौका मिला। एसडी बर्मन ने इस फिल्म का म्यूजिक कंपोज किया।
- गुलजार भारतीय सिनेमा के लिए पहला गाना मोरा गोर अंग ले ले लिखा। इसके बाद उन्होंने आनंद, मेरे अपने, मौसम, माचिस, ओेमकारा, कमीने, गुरु और हैदर सहित कई फिल्मों के गाने लिखे।
- गुलजार ने साल 1971 में फिल्म मेरे अपने को डायरेक्ट किया। बतौर डायरेक्टर यह उनकी पहली फिल्म थी। यह बंगाली फिल्म अपनाजन का हिंदी रीमेक थी।
- गुलजार ने साल 1988 में मिर्जा गालिब नाम से टीवी सीरियल डायरेक्ट किया। इसमें नसीरुद्दीन शाह ने अहम किरदार निभाया था।
- गुलजार ने दूरदर्शन पर आने वाले जंगल बुक, एलाइस इन वंडरलैंड, हैलो जिंदगी, गुच्छे और पोटली बाबा बच्चों जैसे टीवी सीरियल के गाने और डायलॉग को लिखा।
- साल 2004 में गुलजार को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। उन्होंने 21 बार फिल्मफेयर अवार्ड और कई नेशनल फिल्म अवार्ड (National Film Awards) अपने नाम किए।
- गुजलार को फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर के सॉन्ग जय हो के लिए बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग की कैटरी में 81वां एकडेमी यानी ऑस्कर अवार्ड मिला। इसके बाद उन्होंने ग्रैमी अवार्ड भी जीता।
- साल 2013 में उन्हें भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा अवार्ड दादासाहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया। इतने अवार्ड मिलने के बाद भी बॉक्स ऑफिस पर अपनी फिल्मों के जरिए कमाल दिखाने में असफल रहे।
अभय देओल अपनी शर्टलेस फोटो की वजह से हुए ट्रोल
यहां देखिए, फरहान अख्तर और शिबानी दांडेकर ने किया अपनी शादी का ऐलान…