शेर-ए-हिंदुस्तान देखने के लिए बेकाबू हुए फैंस, दिनेश लाल यादव निरहुआ ने शेयर की तस्वीरें

इस फिल्म के डायरेक्टर हैं मनोज नारायण। मनोज नारायण ने एक गंभीर मुद्दे को लेकर फिल्म बनाई है। इस फिल्म को आप अपने परिवार के साथ बैठकर देख सकते हैं। एक तरफ अश्लीलता के लिए भोजपुरी फिल्म का  नाम ख़राब है तो वहीं दूसरी तरफ इस तरह की फिल्म का निर्माण सारहणीय है।

शेरे-ए-हिन्दुस्तान फिल्म का पोस्टर (फोटो इंस्टाग्राम)

दिनेश लाल यादव निरहुआ की फिल्मों को लेकर फैंस कितने क्रेजी हैं ये आपको बताते हैं। दिनेश लाल यादव की फिल्म शेर -ए- हिंदुस्तान होली के दिन देशभर में रिलीज हो गई है। रिलीज होते ही एक बड़ी संख्या में लोग इस फिल्म को देखने के लिए पहुंचे। टिकट काउंटर से टिकट खरीदने के लिए दर्शकों को काफी जद्दोजहद करना पड़ा है। फिल्म देखने के लिए सिनेमाघर के सामने जुटी भीड़ की कुछ तस्वीरें और वीडियो निरहुआ ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किए हैं। फैंस शेरे-ए-हिन्दुस्तान फिल्म को बहुत सारा प्यार दे रहे हैं इसलिए निरहुआ ने सभी का धन्यवाद भी किया है। आइए अब कुछ बातें फिल्म की कहानी को लेकर भी कर लेते हैं। शेर -ए- हिंदुस्तान फिल्म की कहानी एक तेज तर्रार कमांडो की कहानी है। कमांडो का किरदार निभा रहे हैं दिनेश लाल यादव। दिनेश लाल यादव को भारत सरकार स्पेशल मिशन के लिए नेपाल भेजती है। दरअसल निरहुआ को खबर मिलती है कि नेपाल में भारत के विदेशमंत्री की जान को खतरा है। खबर होती है कि बहुत से दुश्मन विदेशमंत्री की जान लेने के लिए घात लगाए बैठे हैं। यही से शुरू होती है निरहुआ की एक्शन के साथ धमाल एंट्री। निरहुआ जो कि एक कमांडर हैं वे अपनी जान पर खेलकर विदेशमंत्री की जान बचाते हैं।

देखें शेरे-ए- हिंदुस्तान फिल्म देखने के लिए जुटी हुई भीड़ 

इस  फिल्म के डायरेक्टर हैं मनोज नारायण। मनोज नारायण ने एक गंभीर मुद्दे को लेकर फिल्म बनाई है। इस फिल्म को आप अपने परिवार के साथ बैठकर देख सकते हैं। एक तरफ अश्लीलता के लिए भोजपुरी फिल्म को नाम ख़राब है तो वहीं दूसरी तरफ इस तरह की फिल्म का निर्माण सारहणीय है। वैसे दिनेश लाल यादव ने पहले ही साफ़ कर दिया है  कि वे अपनी फिल्मों को अश्लीलता से दूर रखेंगे।

ऐसे मिला निरहुआ को भोजपुरी फिल्म में पहली बार काम 

धर्मेंद्र दुबे :मेरा नाम धर्मेंद्र दुबे है। फिल्म जगत की खबरें आप तक पहुंचना मेरा काम है। अजय देवगन ने मेरे लिए कहा था, 'तुम एक अच्छे पत्रकार ही नहीं बल्कि एक अच्छे इंसान भी हो'।