आज अमरीश पुरी (Amrish Puri) का 87th जन्मदिन मनाया जा रहा है| भले ही वो अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी दमदार फिल्में और उनकी अदाकारी हमेशा दर्शकों को याद रहेगी| वैसे तो उन्होंने सभी तरह की फिल्में की हैं लेकिन खासतौर उनके विलेन वाले किरदार लोगों को बेहद ही पसंद आते हैं| हाल में ही हिंदी रश डॉट कॉम से खास बातचीत करते हुए अनुपम खेर (Anupam Kher) ने बताया कि आखिर वो अमरीश पुरी को किस तरह से याद करते है?
अनुपम खेर (Anupam Kher Interview) ने कहा, “एक दो मिनटके इंटरव्यू में मैं अमरीश पुरी की ज़िन्दगी नहीं बताना चाहता| लेकिन बात ये है कि वो बहुत ही कमाल के इंसान थे, लगन वाले इंसान थे| फिल्मों में बेशक वो विलेन का किरदार करते थे, हालाँकि उन्होंने कुछ अच्छे और पोसिटिव कैरेक्टर्स भी उन्होंने किये हैं| शिमला के रहने वाले थे मेरे बड़े भाई की तरह थे | मैंने बहुत से ऐसे क्षण उनके साथ गुज़ारे हैं और उनसे बहुत कुछ सीखा है| मैं उनको बहुत ही मिस करता हूँ|”
आपको बता दें अमरीश पुरी ने रेशमा और शेरा नाम की फिल्म से अपना बॉलीवुड करियर शुरू किया था| हालाँकि इसके पहले उन्होंने एक मराठी फिल्म भी की थी| अमरीश पूरी को मिस्टर इंडिया (Mr. India) के मोगैम्बो (Mogambo), विधाता (Vidhaata) फिल्म में जगावर (Jagavar), मेरी जंग (Meri Jung) फिल्म में ठकराल (Thakral), त्रिदेव (Tridev) फिल्म में भुजंग (Bhujang), घायल (Ghayal) के बलवंत राय (Balwant Rai), दामिनी (Damini) में बैरिस्टर चड्ढा (Barrister Chadda) और करण अर्जुन (Karan Arjun) के ठाकुर दुर्जन सिंह (Thakur Durjan Singh) जैसी फिल्मों में विलेन के दमदार किरदारों को परदे पर उतारने के लिए जाना जाता है|
साल 1990 से लेकर साल 2005 में उनकी मौत तक, अमरीश पूरी कई सारे पॉसिटिव और सपोर्टिंग किरदारों में नज़र आये| इन फिल्मों में दिलवाले दुल्हनियां ले जायेंगे (Dilwale Dulhaniya Le Jayenge), फुल और कांटें ( Phool Aur Kaante), गर्दिश (Gardish), परदेश ( Pardes) , विरासत (Virasat) , घातक (Ghatak), चाइना गेट (China Gate) और मोहब्बतें (Mohabbatein) जैसी फिल्में शामिल हैं|
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