एक्सक्लूसिव: मर्द को दर्द नहीं होता के लिए अभिमन्यु दसानी ने ली 9 महीने मार्शल आर्ट ट्रेनिंग, शेयर की कई बातें

अभिमन्यु ने बताया कि इस फिल्म के लिए 9 महीने तक वो हर रोज 6 घंटे मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली है। इसके साथ ही उन्होंने नेपोटिज्म पर भी खुलकर बात की और अपने बचपन से जुड़ी शरारतों को भी हिंदी रश डॉट कॉम के साथ शेयर किया।

अभिमन्यु दसानी (फोटो:हिंदी रश)

21 मार्च को केसरी के साथ एक और फिल्म बड़े पर्दे पर दस्तक देने वाली है और वो है वसन बाला के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘मर्द को दर्द नहीं होता’। इस फिल्म से भाग्यश्री के बेटे अभिमन्यू दसानी बॉलीवुड में डेब्यू करेंगे। आपको बता दें कि अभिमन्यु की भले ये पहली फिल्म हो, लेकिन इससे पहले वो ‘दम लगा के हाईसा’ और ‘नौटंकी साला’ फिल्मों में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम कर चुके हैं।

इस फिल्म के प्रमोशन के लिए इसके एक्टर अभिमन्यु दसानी देश की राजधानी दिल्ली आए थे। इस मौके पर उन्होंने हिंदी रश डॉट कॉम से एक्सक्लूसिव बातचीत की और फिल्म के साथ-साथ और भी कई सवालों के जवाब दिए। आइए जानते हैं क्या-क्या दिलचस्प बातें शेयर की।

सवाल – आपकी ये डेब्यू फिल्म है? इस फिल्म और इससे जुड़े अनुभव के बारे में हमें बताए?
अभिमन्यु – बहुत मजा आया। पूरी टीम और वासन सर से काफी कुछ सीखने को मिला। जब मैं वासन सर से मिला तब मैं खुद में यकीन नहीं करता था, लेकिन जब वासन सर ने जब मुझपर भरोसा दिखाया तो मुझे भी अपने आप पर यकीन होने लगा। बहुत कुछ सीखने को मिला। बहुत प्यारे लोग मिले सेट पर। गुलशन और राधिका को काफी एक्सपीरियंस है। महेश मांजरेकर जी की तो बात ही अलग है। वो जब सेट पर आते थे तो मैं पहले उनका पैर छूता था और फिर जोक मारता था। वासन सर एक बेहतरीन डायरेक्टर होने के साथ ही बेहद अच्छे इंसान हैं। उऩके साथ जब कभी मुझे वक्त बिताने का मौका मिल जाता है मैं छोड़ता नहीं हूं। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

सवाल – महेश मांजरेकर जी इसमें आपके दादा का किरदार निभा रहे हैं? वो एक मंझे हुए कलाकार और डायरेक्टर हैं। उनसे क्या सीखने को मिला?अभिमन्यु – वो अपने आप में एक पूरा इंस्टीट्यूट हैं। वो एक पल में कैरेक्टर में घुस जाते थे। कैमरा ऑन होते कैरेक्टर में और कट होते ही वो महेश मांजरेकर बन जाते थे। वो जो तज्जुर्बे से काम करते हैं उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। उनसे बहुत कुछ सीखने मिला। वो सेट पर आते थे तो ऐसा एहसास नहीं होने देते थे कि वो सीनियर हैं। उनसे दोस्ती जैसी हो गई थी। मैं खुश हूं कि उनके साथ काम करने का मौका मिला।

सवाल – फिल्म में अपने रोल के बारे में बताइए?
अभिमन्यु – सूर्या एक लड़का है जिसे एक बीमारी है जिसे साफ शब्दों में कहें तो मर्द को दर्द नहीं होता है। ये जो लड़का है वो सबमें है। हममें एक बच्चा है जो अपनी ड्रीम को पूरा करना चाहता है लेकिन सोसाइटी की वजह से उन सपनों को जीने नहीं देते हैं। सूर्या वहीं बच्चा है जो अपने सपनों को पूरा करना चाहता है। ब्लैक एंड व्हाइट कैरेक्टर है। वो कभी अपने बचपन और घर से से बाहर नहीं गया तो थोड़ा डरता है। वो जानता सब है लेकिन खुद को एक्सप्रेस नहीं कर पाता है। वो इस बीमारी में से गुजरा है इसलिए वो चीजों को समझ नहीं पाता है। उसके दादा उसे फिल्में दिखाते हैं जैसे एक्शन फिल्म ताकि वो समझे चोट लगने पर दर्द क्या होता है। लेकिन उसे मार्शल आर्ट पसंद है वो वहीं देख-देख कर बड़ा हुआ है। एक तरीके में वो एकलव्य भी है। इस रोल से हर कोई जुड़ाव महसूस करेगा।

सवाल- इसके लिए क्या-क्या तैयारियां करनी पड़ी?
अभिमन्यु – इस फिल्म के लिए मैंने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली है। हर रोज 6 घंटे मार्शल आर्ट करता था। दिन में 3 घंटे और शाम में 3 घंटे। वर्कआउट भी किए है। स्विमिंग और मेडिटेशन भी किया। इस कैरेक्टर के लिए तीन महीने तक मैंने सबसे दूरी बना ली थी। न सोशल मीडिया न फ्रेंड किसी से कोई कॉन्टैक्ट नहीं। हमेशा अपने रूम में रहता था। बस वासन सर और ट्रेनर से कॉन्टैक्ट में था। तीन महीने के लिए खुद से बात करना शुरू किया क्योंकि इस फिल्म का कैरेक्ट जो मैं प्ले कर हूं सूर्या वो एक्सप्रेसिव नहीं है वो खुद से ही बात करता है।

सवाल – आपकी मां भागश्री ने आपको फिल्मों में आने से पहले कोई सलाह दी?
अभिमन्यु- बचपन से ही ये कहते आ रहे हैं कि अच्छे लोगों के साथ अच्छा होता है। आस-पास हमेशा अच्छे लोगों के साथ रहना सिखाया। मैं पढ़ाई में अच्छा था वो खुश थी। लेकिन एक दिन मैंने एक बूढ़ी औरत के लिए दरवाजा खुला रखा तो वो बहुत खुश हुईं। उन्होंने कहा कि अभिमन्यु पढ़ाई में हर कोई नंबर वन आ सकता है लेकिन जिंदगी की रेस में नंबर वन आना काफी मुश्किल है।

सवाल – जैसा कि फिल्म के ट्रेलर में हमने देखा कि आप बचपन में काफी शरारतें कर रहे हैं? रियल लाइफ में भी आप बचपन में ऐसे थे? अपनी बचपन की कोई शरारत जो आपको याद हो?
अभिमन्यु – बहुत शरारतें करता था। बचपन में जैकी चैन की फिल्में देखता था। डब्लूडब्लूई देखता था और घर पर भी इसे खेलता था। डब्लूडब्लूई खेलते वक्त एक बार मेरा कजिन और मैंने थ्रू द टेबल वाला मूव किया जिसमें कोने में मेरा सिर अटक गया था और फोरहेड कट गया। आज भी उसका निशान है। बचपन में बहुत खाता था। जब किसी के यहां जाता था तो वो डर जाते थे कि सारा खाना मैं खा जाउंगा।

सवाल – विक्की कौशल, आयुष्मान खुराना और रणवीर सिंह में से किसमें पोटेंशियल ज्यादा नजर आता है।
अभिमन्यु – सबको पर्सनली जानता हूं। सभी काफी अच्छे एक्टर हैं किसी एक को बेहतर कहना गलत होगा। सभी काफी मेहनती हैं। रणवीर सिंह के साथ तो मैंने फुटबॉल खेला है और उन्हें शुरू से लेकर स्टार बनने तक का सफर देखा है। वो एक बेहतरीन इंसान भी हैं।

सवाल – नेपोटिज्म के बारे में आपका क्या कहना है? आपको लगता है कि स्टार किड को स्ट्रगल नहीं करना पड़ता है?
अभिमन्यु – मेरी फिल्म का टीजर आया? नहीं आया? किसी प्रोड्यूसर ने कहा कि मैंने अभिमन्यु को साइन किया है? नहीं। शूटिंग शुरू की तब भी किसी को पता नहीं था। मेरे बारे में लोगों ने जाना जब फिल्म का ट्रेलर 4 बजे सुबह रिलीज होने के बाद वायरल हुआ? आप मेरा काम जानते हैं। आपने मुझे रेड कारपेट या पार्टीज में नहीं देखा होगा। तो नेपोटिज्म की कही बात नहीं आती है।

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जागृति प्रिया :मुझे एंटरटेंमेंट, लाइफस्टाइल, हेल्थ, ट्रेंड और ब्यूटी की खबरें लिखना पसंद है। पाठकों को इनसे जुड़ी खबरों से अवगत कराती हूं। मैंने पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन करने के बाद माखनलाल यूनिवर्सिटी से मास्टर इन जर्नलिज्म किया है।