EXCLUSIVE: सिंगर जावेद अली ने बताई अपने संघर्ष की कहानी- तब हमारे पास खाने के पैसे तक नहीं होते थे!

जावेद अली ने गुज़ारिश (Guzarish), तू ही हकीकत (Tu Hi Haqeeqat), अर्ज़ियाँ (Arziyan) जैसे कई शानदार गानों को अपनी आवाज़ दी है, हिंदी रश के साथ खास बातचीत में उन्होंने म्युज़िक इंडस्ट्री में ऑटोट्यून के बढ़ते उपयोग और नए सिंगर्स पर अपनी बात रखी, जरूर पढ़ें ये इंटरव्यू

जावेद अली (Hindi Rush)

बॉलीवुड में गुज़ारिश (Guzarish), तू ही हकीकत (Tu Hi Haqeeqat), अर्ज़ियाँ (Arziyan) जैसे एक से बढ़कर एक सुपरहिट गाने गा चुके जावेद अली जल्द ही बच्चों के सिंगिंग रियालिटी शो सुपरस्टार सिंगर में जज की भूमिका निभाते हुए नज़र आएंगे| हाल में ही हिंदी रश डॉट कॉम ने उनसे खास मुलाकात की और म्युज़िक इंडस्ट्री में नए टैलेंट और विवादित ऑटोट्यून पर खुलकर बातचीत हुई| यहां पढ़ें ये इंटरव्यू-

सवाल: सुपरस्टार सिंगर में क्या कभी जज करते समय मुश्किल होती है क्योंकि सामने मासूम से बच्चे होते हैं?

जावेद अली : हां! शत प्रतिशत ऐसा ही होता है| बच्चों के साथ बच्चा बनना पड़ता है| ये ख्याल रखना होता है कि कोई भी वर्ड ऐसा न बोल दें जो उनको कड़ा लगे और उनकी भावनाओं को ठोस लगे| मैं अपनी तरफ से इस बात का ख्याल रखता हूँ और हल्के फुल्के माहौल में उनके साथ पेश आता हूँ|

सवाल: आप तीनों ( शो के बाकी जज हिमेश रेशमिया, अल्का याग्निक ) में से कौन आसानी से मार्क्स दे देता है?

जावेद अली : हम तीनों ही ऐसे हैं हिमेश जी (Himesh Reshammiya), अल्का (Alka Yagnik)जी और मैं तीनों ही बहुत इमोशनल हैं| कोई भी एकदम सख्त नहीं है कि इतने मार्क्स काट लूंगा| अगर किसी बच्चे ने अच्छा नहीं गाया है तो उसे बहला फुसला कर ये भी बताना होता है कि वो और बेहतर कैसे कर सकता है? ताकि वो और पॉलिश हो| मार्क्स तो फॉर्मेट का एक हिस्सा है| बच्चों को ये बताना जरुरी है कि क्या करें और क्या ना करें| सही गाइडेंस लें और सही ग्रूमिंग लें अगर सेलेक्ट नहीं भी हुए तो|

सवाल: आपके म्युज़िक करियर में कई स्ट्रगल रहे होंगे आज के जेनेरेशन की स्ट्रगल क्या है?

जावेद अली : देखिये, मैं जब इंडस्ट्री में आया था तो मैं एकदम नया था, मैं किसी को नहीं जानता था| मैं एक पेइंग गेस्ट के तौर पर रहा हूँ , बस में ट्रैन में सभी जगह ट्रैवेल किया है| खाने के पैसे नहीं होते थे| बहुत सी चीजें हैंडल करनी पड़ती थी| मैं एक लो क्लास फैमिली से हूँ, पैसे नहीं होते थे, कुछ भी नहीं था, तो मुझे स्ट्रगल करके अपनी जगह बनानी पड़ी| मैंने अपना फोकस नहीं छोड़ा| अपने काम पर अपना फोकस रखा| जो हार्डवर्क किया उसका सिला मुझे मिला| आज की जो सिंगर्स हैं उनका अपना एक अंदाज़ है मैं किसी की आलोचना तो नहीं करूँगा तो वो भी अच्छा है| (हँसते हुए)

सवाल: ऑटोट्यून गाने को लेकर म्युज़िक इंडस्ट्री में समय समय पर विवाद होते रहे हैं, इसपर आपका क्या कहना है?

जावेद अली : देखिये, ऑटोट्यून (Auto tune) की वजह से जो आपका रियल टैलेंट है वो सामने नहीं आ पाती| आज टेक्नोलॉजी आ गयी है| मुझे लगता है आज अगर ऑटोट्यूनर नहीं होता तो जितने सिंगर्स आज है वो नहीं होते| ऑटोट्यून आने की वजह से आपको ज्यादा प्रैक्टिस करने की जरुरत नहीं है | टेक्सचर अच्छा है तो आपको सुर में लाया जा सकता है| ये एक डिसएडवांटेज हुआ है|

यहां देखिये जावेद अली ने आगे क्या कहा-

 

श्रेया दुबे :खबरें तो सब देते हैं, लेकिन तीखे खबरों को मजेदार अंदाज़ में आपतक पहुंचाना मुझे बहुत अच्छा लगता है। पिछले चार साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में हूं। कुछ नया सीखने की कोशिश कर रही हूं। फिलहाल इंटरनेट को और एंटरटेनिंग बना रही हूं।