स्टार भारत पर जल्द ही ‘सूफियाना प्यार मेरा’ नाम का शो आ रहा है। इस शो में हेली शाह और राजवीर सिंह लीड रोल में होंगे। हाल में ही हिंदी रश डॉट कॉम को दिए इंटरव्यू में राजवीर सिंह ने अपने किरदार के साथ-साथ इस सीरियल की खासियतें बताईं। यहां पढ़ें उनका पूरा इंटरव्यू…
सवालः आपको रोल कैसे मिला? जब आपको बताया गया कि जारून के किरदार के लिए आप चुन लिए गए हैं तो आपका रिएक्शन क्या था?
राजवीर सिंह: रोल कैसे मिला ? ये याद नहीं है क्योंकि बहुत टाइम हो चुका है। नाजिया करके एक कास्टिंग डायरेक्टर हैं, जिन्होंने मुझे कॉल करके बताया था कि ये किरदार है। जब कॉल आया तो जाहिर सी बात है कि मैं बहुत एक्साइटेड हुआ था।
सवालः ‘सूफ़ियाना प्यार मेरा’ में आपका जो किरदार है वो असल जिंदगी से कितना मिलता-जुलता है?
राजवीर सिंह: जारून और मेरा कोई मेल नहीं है। जारून के दिल में जो होता है वो बोल देता है। मैं रियल लाइफ में बहुत ही शर्मीला हूं। चुप रहता हूं और जितना जरुरी होता है उतना ही बोलता हूं।
सवाल: असल जिंदगी में आप हिंदू हैं लेकिन पर्दे पर आप मुस्लिम किरदार कर रहे हैं, तो क्या चुनौतियां सामने आईं?
राजवीर सिंह: देखिये मुझे ऐसा कुछ चैलेंजिंग नहीं लगा। हमारी भाषा हिंदुस्तानी है जो हम बोलते हैं और उर्दू के शब्द तो हमारी शब्दावली में घुस चुके हैं। बाकी शब्दों के उच्चारण का ध्यान रखना पड़ा। इसके अलावा ऐसा कुछ चैलेंजिंग नहीं था जो लगा कि हम नहीं कर पाएंगे। कहीं न कहीं ये डिपेंड करता है कि आपकी स्कूलिंग कहां से हुई है। हेली बहुत ही मेहनती कलाकार हैं, मैंने भी बहुत मेहनत की है। हम सभी ने मेहनत की है कि जो हमारे राइटर ने हमें लिखकर दिया है उसे हम पर्दे पर उतार सकें।
सवाल: प्रोमो में हमने देखा कि जारून अल्लाह से दुआ मांगता है कि उसने जिस लड़की को देखा है वो उसे मिल जाए, तो क्या कभी असल लाइफ में ऐसा हुआ है कि जो लड़की दुआओं में मांगी हो वो मिल गई हो?
राजवीर सिंह: ये तो सबकी लाइफ में हुआ है चाहे वो लड़की हो या लड़का, लेकिन मेरी लाइफ में ज्यादातर ये एकतरफा ही रहा है। एकतरफा प्यार का अपना ही मजा है। मैंने जिसकी दुआ की थी वो मुझे अब तक तो नहीं मिली है।
सवाल: ‘सूफियाना प्यार मेरा’ की खास बात क्या लगती है आपको?
राजवीर सिंह: एक तो इसकी खास बात ये है कि इसमें ज्यादा मेलोड्रामा नहीं है। जैसा कि आप देखते हैं कि एक ही किरदार के आसपास कहानी घूमती है तो इसे अवॉयड किया गया है क्योंकि आप देखते हैं कि ऑडिएंस को कुछ चीजें देखनी होती हैं। दूसरी इसकी खास बात इसकी भाषा है। हर डायलॉग, कहानी और स्क्रीनप्ले बहुत ही अच्छे से लिखा गया है| तीसरा ये है कि इसमें कुछ ऐसी रस्मो-रिवाज दोहराई गई है जो लोग भूल चुके हैं। जो 200 साल पुरानी है और चौथी चीज ये है कि इसमें एक्टर्स बहुत अच्छे हैं।
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