बिग बॉस सीजन 12 की कंटेस्टेंट जसलीन मथारू का कल यानी 4 अप्रैल को जन्मदिन था। जसलीन का जन्म 4 अप्रैल 1990 को मुंबई में हुआ था। अपने इस खास मौके पर जसलीन मथारू ने अपना बर्थडे हिंदी रश डॉट कॉम के साथ मनाया। जसलीन मथारू को जन्मदिन पर बिग बॉस के उनके साथी सौरभ पटेल ने एक बेहद ही शानदार सरप्राइज पार्टी दी थी, जिसकी जसलीन मथारू को बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी। ऐसे में उन्होंने अपनी खुशी हिंदी रश के साथ बातचीत के दौरान शेयर की। आइए जानते हैं उनके साथ की गई खास बातचीत-
सवाल: अपना बर्थडे आप कितना एंजॉय कर रही हैं? साथ ही इस सरप्राइज के बारे में आप क्या कहेंगी?
जसलीन मथारू: मैं बहुत खुश हूं क्योंकि इस चीज की मैंने उम्मीद नहीं की थी। सुबह से मैं काफी बिजी थी इसके चलते सुबह से मैंने एक केक भी नहीं काटा था। शाम का पहला केक मैंने सौरभ भैया के साथ काटा है। इस चीज की मुझे बहुत खुशी है। मुझे इस बात की हैरानी है कि सौरभ भैया ने मुझे सरप्राइज किया। क्योंकि मुझे नहीं लगता था कि वो कुछ भी ऐसा करेंगे।
सौरभ पटेल: हमने बिस बॉस के अंदर इस बारे में बात की थी कि जसलीन का बर्थडे 4 अप्रैल को आता है और 8 को मेरा। उस समय जसलीन ने मुझसे पूछा भी था कि क्या भैया आप उस वक्त मेरे जन्मदिन पर मुंबई में रहेंगे। उसने आज ये चीज देख ली।
सवाल: बिग बॉस के बाद आपकी बॉन्डिंग कैसी रहीं?
सौरभ पटेल: हमारी बॉन्डिंग वैसी ही रही जैसे की पहले थी। इसलिए ही तो मैंने जसलीन को ऐसे परेशान किया।
जसलीन मथारू: हमारी बॉन्डिंग अभी भी वैसी की वैसी ही है। मैं और सौरभ भैया एक दूसरे से हफ्ते में तीन से चार बार तो मिल ही लेते हैं। ये मेरी बिल्डिंग के नीचे आ जाएंगे या फिर मैं कभी इन्हें पीक करने चली जाऊंगी। तो हम कभी भी कहीं भी घूमने चले जाते हैं। उनकी और मेरी बॉन्डिंग वैसी ही है जैसे की मेरे और भाई की। इस बार उन्होंने मुझे बहुत परेशानी किया 10 बार कॉल करके। इन्होंने कहा कि जसलीन मुझे चेहरे का ट्रीटमेंट करना है तो मैंने उन्हें कहा कि जहां मैं जाती हूं वहीं चलते हैं लेकिन मुझे नहीं पाता था कि उन्होंने इस तरह का सरप्राइज मेरे लिए रखा हुआ था।
सौरभ पटेल: मैं इसको इसी तरह से ही परेशान करता रहता हूं क्योंकि बिग बॉस के अंदर इन्होंने मुझे काफी परेशान किया है। काफी सारे चाय के ऑर्डर लेकर आती थी ये। आज भी मुझे वो बात याद है जिनका बदला में बाहर आकर ले रहा हूं। एक बात ये भी है कि जसलीन एक छोटी बच्ची की तरह है। ये बहुत मस्ती करती है लेकिन ये दिल से काफी इमोशनल है। ये जहां मस्ती करनी होती है वहां मस्ती करती है, लेकिन जहां मैच्योरिटी की बात आती है तो वहां ये वैसे ही बर्ताव करती है। चाहे बात घर संभालने से लेकर मम्मी पर ध्यान देने की क्यों ना हो। मुझसे संबंधित भी कोई बात होती है तो ये मुझे बताती जरूर है। ये साफ दिल की और मस्तीखोर भी है।
जसलीन मथारू: मुझे ये लगता है कि ये बहुत बड़ी बात है कि जहां मैच्योर होने की बात होती है आप वहां चीजे संभाल भी रहे हो और जहां मस्ती करने की बात हो रही है तो वहां आप खुलकर एंजॉय कर रहे हो। मुझे लगता है कि हर इंसान का जो बचपना है उसका बाहर आना बेहद ही जरूरी है। ऐसे में मैं उसमें किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रखती हूं। मुझे जैसे करना होता हैै मैं करती हूं। ऐसे ही सौरभ भैया भी हैं। ये वैसे गुस्सा नहीं होते लेकिन एक बार हुए थे जब आपने अपना कुर्ता फाड़ दिया था।
सौरभ पटेल: मुझे गुस्सा वैसे बहुत कम आता है क्योंकि गुस्से से चीजें बिगड़ती है। आप सभी ने देखा होगा कि मैं कितना कम गुस्सा करता हूं। कौन क्या कहता है इस बात पर ध्यान मत दो।
सवाल: श्रीसंत पर लगे बैन हटने की खुशी आप लोगों को कितनी है?
जसलीन मथारू: मैं तो बहुत खुश थी। मैंने श्रीसंत से बात करने की बजाए सीधा सबसे पहले भाभी ( भुवनेश्वरी) को फोन मिलाया। तो उन्होंने मुझे ये बात बताई, जिसे जानने के बाद मैं काफी खुश हुई। ऐसा इसलिए क्योंकि श्रीसंत अक्सर बताया करते थे कि उन्होंने किस तरह का बुरा वक्त झेला है। जो बातें उन्होंने मुझे बताई है वो सुनने के बाद मुझे फील हुआ कि उन्हें क्या-क्या चीजें झेलनी पड़ी। वो कई बार रोए भी हैं। ऐसे में जाहिर सी बात है कि हमारा रिश्ता एक फैमिली की तरह है। ऐसे में मुझे ये जानकर काफी खुशी हुई थी।
सौरभ पटेल: श्रीसंत के लिए सबसे जरूरी क्रिकेट था। क्योंकि जैसे डांसर के लिए टांगे जरूरी होती है, सिंगर के लिए गला वैसे ही एक क्रिकेटर के लिए क्रिकेट काफी जरूरी होता है। हमें बहुत खुशी हुई कि उन्हें ये सब चीजें वापस मिल रही है। जिन्होंने इस बैन को हटाया है उन्हें धन्यवाद। श्री भैया इससे बहुत खुश हैं। मेरी बात होती रहती है उनसे वो अपनी तैयारी में लगे रहते हैं। आगे वो बहुत अच्छा करने वाले हैं।
यहां देखिए जसलीन मथारू और सौरभ पटेल की मस्ती…