फिल्म नोटबुक का सॉन्ग ‘सफर’ यूट्यूब पर ट्रेंड बना रहा है। वैसे तो फिल्म के सभी सॉन्ग शानदार हैं, लेकिन ये सॉन्ग यंग जनरेशन को काफी भा रहा है। इस सॉन्ग को मोहित चौहान ने गाया है और म्यूजिक विशाल मिश्रा ने कंपोज किया है। सॉन्ग का म्यूजिक और आवाज जितनी शानदार है उतनी ही खूबसूरत इसका पिक्चराइजेशन हुआ है। खैर, यहां हम आपको इस सॉन्ग के म्यूजिक कंपोजर विशाल मिश्रा और सिंगर मोहित चौहान से रूबरू करवाते हैं। हिंदी रश डॉट कॉम के संवाददाता धमेंद्र दुबे ने विशाल मिश्रा और मोहित चौहान से एक्सक्लूसिव बातचीत की। उन्होंने इस सॉन्ग के बारे में अपने अनुभवों और खास पहलुओं को हमसे अपने फैंस के लिए सांझा किया।
सवालः आपके पास फिल्म नोटबुक के लिए सलमान खान का ऑफर आया तो आपका क्या रिएक्शन था और क्या कुछ आपके दिमाग में चल रहा था?
विशाल मिश्राः बहुत अच्छा रिएक्शन था। ऑफर इतना सनसनीखेज नहीं था। एक साधारण प्रोसेस था स्क्रिप्ट सुनी नितिन सर (डायरेक्टर नितिन कक्कर) ने जब 30 मिनट तक उन्होंने स्क्रिप्ट देखी तो मुझे कहा कि यह बहुत ही स्पेशल है। इस फिल्म के गाने किसी और फिल्म में नहीं जाएंगे और किसी और फिल्म के गाने इस फिल्म में नहीं आएंगे। सलमान खान सर बहुत ही सपोर्टिव रहे। मैं इसका क्रेडिट अपने प्रोड्यूसर अश्विन सर और अनुराग सर, जिन्होंने मुझे काम करने की काफी छूट दी। नौ महीने लगे हैं, 200 से ज्यादा लोग, करीब 15 हजार किलोमीटर तक ज्यादा ट्रेवल किया, तब जाकर ये गाना बना है। लोगों ने काफी पसंद किया है। मैं उन सभी लोगों का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने हमें प्यार दिया। मैं उम्मीद करता हूं कि इतना ही प्यार आप फिल्म को भी दे। फिल्म देखिए, यह काफी सुंदर फिल्म है। नितिन कक्कर जी ने इसे काफी खूबसूरती से डायरेक्ट किया है। जहीर इकबाल और प्रनूतन ने भी अच्छा काम किया है। आप जाइये फिल्म देखने। आपको काफी पसंद आएगी।
सवालः आपने जब सफर गाने की धुन सुनी तो कैसा लगा? आपका क्या रिएक्शन था?
मोहित चौहानः मुझे जब विशाल का मुझे कॉल आया कि एक गाने के लिए मुझे आपकी जरुरत है। तो मैंने उनसे कहा कि मुझे गाने का एक रफ स्क्रैच भेज दें, जब मैंने इस गाने की धुन सुनी तो मुझे सुकून मिला कि ऐसे गाने भी बना रहे हैं आजकल। मेरे संगीत की शुरुआत भी अपने एल्बम से हुआ था। मेरे बैंड का जो एल्बम था सिल्क रूट का। इसके बाद मुझे फिल्मों का काम मिलना शुरू हुआ। तो मेरे जहन में हमेशा से फ्रीडम वाला स्पेस रहा है। जब मैंने सफर का धुन सुना तो मुझे लगा कि यह मेरी एल्बम का गाना भी हो सकता था। इसमें एक फ्री वाली फीलिंग है। लीग से हटकर इन्होंने ये गाना बनाया हुआ है। जो भी इसको सुनता है, एकदम उसको अटैच होता है। गाना बहुत ही सुंदर हूं और मैं अपने आप को खुशनसीब मानता हूं की ये गाना मुझे गाने को मिला। नोटबुक जैसी फिल्म में मेरी भी एसोसिएशन है। इनकी (विशाल) वजह से। मैं सलमान खान साहब का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे अप्रूव किया कि ये गाना मैं ही गाऊंगा। मैंने जब गाने का वीडियो देखा तो मुझे बहुत अच्छा लगा।
सवालः आपने बड़े-बड़े म्यूजिशियन के साथ काम किया है, जब आपको पता चला कि विशाल जैसे नए म्यूजिशियन हैं, तो आपके दिमाग में क्या चल रहा था?
मोहित चौहानः मैंने जब इनकी धुन सुनी तभी इनकी इमेज बन गई। कौन है ये बंदा और कैसा हो सकता है। जब इनसे पहली बार मिला तो ऐसा लगा कि मैं इनसे पहले मिल चुक हूं। जबकि मैं इनसे पहले कभी नहीं मिला। मैं काफी रिलेक्स जिससे की मैंने आसानी से धुन पर गाना गा लिया।
सवालः मराठी और तमिल फिल्मों में काम किया इसके बाद बॉलीवुड में डेब्यू किया। आप यहां तक कैसे पहुंचे?
विशाल मिश्राः पता नहीं लगा यहां तक कैसे पहुंच गए। बस कोशिश रहती है कि लोगों को किस तरह से सुकून दिया जा सकता है। बस अच्छे गाने बनाने की कोशिश रहती है। खुद के अंदर बदलाव लाने की कोशिश है। मैं म्यूजिक कंपोज करेन के लिए ही जीता हूं। लोगों के आशिर्वाद से मैं गा लेता हूं। मेरा सबसे पहले काम गाना बनाने है। नोटबुक का ये गाना बनाने के लिए मैंने नौ महीने तक कश्मीर को महसूस किया है। मुझे खुशी है कि लोगों ने इस गाने को प्यार दिया है।
सवालः सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं रहने का खास कारण?
मोहित चौहानः हर बात लोगों तक नहीं पहुंचानी चाहिए। गाना पहुंच जाए मेरा और वो लोगों को पसंद आ जाए। वो सबसे बड़ी इनायत है। लोगों का आर्शिवाद है। हालांकि मैं फेसबुक और ट्विटर पर हूं। लोगो मेरे साथ जुड़े हुए भी हैं। सोशल चीजें करता हूं। सिक्किम का ब्रांड एम्बेसडर हूं। वहां सात कॉन्सर्ट किए, वो भी बिना किसी फीस के।
यहां देखिए मौहित चौहान और विशाल मिश्रा का पूरा इंटरव्यू…