बॉलीवुड को भाग मिल्खा भाग और रंग दे बसंती जैसी शानदार फिल्मे देने वाले डायेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा फिर से एक जबरदस्त कहानी के साथ दर्शकों के बीच उतरे हैं। डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहार की मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर फिल्म 15 मार्च को सिनेमा घरों में रिलीज होने वाली हैं। यह फिल्म सिर्फ रेप का मुद्दा ही नहीं बल्कि समाज के हर उस पहलू को लोगों के सामने रखेगी है जिसे हम सब पहचानते तो हैं लेकिन अनदेखा कर देते हैं। इस फिल्म में डायेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने केवल 8 साल के बच्चे के जरिए बेहद ही स्ट्रांग मैसेज देने का काम किया है। हिंदी रश डॉट कॉम की संवाददाता दीपाक्षी शर्मा ने इस फिल्म से जुड़ी कुछ अनकहीं बातों के बारे में डायरेक्टर ओमप्रकाश मेहरा से खास बातचीत की। देखिए बातचीत के कुछ खास अंश-
सवाल- मिल्खा सिंह -सुनील गावस्कर ने आपकी फिल्म की काफी तारीफ की है। साथ ही यह भी कहा है कि ये एक बेहतरीन संदेश देने वाली फिल्म है। इसके अलावा आप अपनी फिल्म से जुड़ी कोई खास कोई बात दर्शकों को बताना चाहेंगे?
राकेश ओमप्रकाश मेहरा – ये एक उम्मीद और इंस्पिरेशन देने वाली फिल्म है। फिल्म को देखकर आपको एक इंस्पिरेशन मिलेगी। जितना भी जिंदगी में बुरा हो जाए उससे झूझने की ताकत ये आपको देगी। बहुत जख्म है हमारे उनको खुरेदने की जगह उस पर मलहम लगाने जरूरत है। ये फिल्म आपके जख्म पर मलहम लगाने का काम करेगी। यह एक फैमिली फिल्म है लेकिन एक गहरे मुद्दे को उठाती है। बिना माफी के उठाती है, जैसे होना चाहिए वैसे दिखाती है। दर्शक इसमें ज्यादा शामिल होंगे। ये पहले वाले दर्शक नहीं रहे हैं। हिंदुस्तान बदल चुका है मेरी बहुत उम्मीद हैं। दर्शकों से।
सवाल: भाग मिल्खा भाग और रंग दे बसंती जैसी शानदार फिल्म बनाने के बाद आपने इस फिल्म को बनाने के बारे में सोचा तो उस वक्त आपके दिमाग में क्या था?
राकेश ओमप्रकाश मेहरा – एक यूनिसेफ का फिगर था कि 50 प्रतिशत जो रेप होते हैं। वो तब होते है जब महिलाएं शौच के लिए जाती है। लेकिन असली बात यह है कि बलात्कार का जो मुद्दा था वो मेरे दिमाग में था। कि ऐसे होता क्यों है? इंसान जानवर बनाता क्यों है? किसी के इच्छा के विरोध होकर उस पर हावी क्यों हुआ जाता है? शारीरिक शोषण तो है ही कि लेकिन साथ ही एक साइकोलॉजिकल नकुसान होता है वो क्या है ? उसके साथ लड़की को पूरी जिंदगी जीनी पड़ती है। आप फिर किसी को रेप विकटम बोलते हैं। वो उन सब चीजों के साथ कैसे जीती है। मतलब ये था कि उसको निशाना बनाने की जरुरत नहीं है। ये फिल्म न्याय के बारे में नहीं, बदले के बारे में नहीं है। शोर नहीं मचाती ये फिल्म । यह फिल्म कहती है कि इस तरह की घटना बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए, इसको लेकर लोगों की मानसिकता बदलनी चाहिए। जो कुछ कर सकते हैं वो आप कर सकते हैं। सबसे गरीब तबक हमारे झुग्गी-झोपड़ियों में रहता है। वहां रहने वाला आठ साल का बच्चा पीएम का दरवाज खटखटा सकता है तो आप भी कुछ भी कर सकते हैं। यह एक प्रेरणादायक स्टोरी है।
सवाल- ऐसे कोई चीज जो आप देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बोलने की इच्छा रखते हैं या फिर आप चाहते कोई ऐसा काम जो वो देश के लिए करें?
राकेश ओमप्रकाश मेहरा – मैं इसमें आपने आपको बोलूंगा पीएम मोदी को क्यों बोलूंगा। हम सबको इस मामले में मिलकर काम करना है समाज को भी। यह एक फिलिंग की बात है। मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर में जब ओम चिट्टी लिखता है तो वो कहता है कि मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर मैं गांधी नगर का रहने वाले हूं। मेरा नाम कन्हैया है आप मुझे प्यारे से कनू भी बुला सकते हैं। होली की रात मेरी मां के साथ गंदी बात हुई। कुछ लोगों ने उनके साथ रेप किया। आप तो देश के प्राइम मिनिस्टर है आपकी मां के साथ यदि ये होता तो कैसा लगता? ये एक मासूम सा सवाल है। मैं ये पूरी सोसाइटी से कहना चाहता हूं कि जब तक हम ये फील नहीं करेंगे कि यह मेरी मां के साथ हुआ होता तो क्या होता? तो इस मुद्दे पर हम सबको सोचना चाहिए कि इसे कैसे खत्म करें। ये अकेले का काम नहीं है।
सावल: आप फिल्म तुफान बनाने जा रहे हैं, जिसमें एक बार फिर फहरान अख्तर के साथ आप काम करेंगे। ऐसे में उनसे जुड़ी कोई बात जो आपको सबसे ज्यादा अच्छी लगती है काम करते वक्त ?
राकेश ओमप्रकाश मेहरा – आपने फिल्म में तो देखी ही होगी उनकी एक्टिंग। वैसे तो वो एक बेहतरीन एक्टर है ही साथ ही वो एक अच्छे इंसान भी हैं।
यहां देखिए फिल्म मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर का ट्रेलर…