इस साल रहेगा महिला प्रधान फिल्मों का बोलबाला, इन बायोपिक के जरिए ये बॉलीवुड एक्ट्रेस दिखाएंगी अपना दम

कंगना रनौत झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर आधारित फिल्म 'मणिकर्णिका' में नजर आई थीं। इस साल दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, जैकलीन फर्नांडीज, जाह्नवी कपूर, तापसी पन्नू, भूमि पेडनेकर, ऋचा चड्ढा महिला खिलाड़ियों व चर्चित हस्तियों की बायोपिक्स में नजर आएंगी।

इस साल कई महिला खिलाड़ियों व चर्चित हस्तियों की बायोपिक्स रिलीज होंगी। (फोटो- ट्विटर)

पिछले कुछ वर्षों पर गौर करें तो देश की दिशा और दशा में काफी सुधार हुआ है। देश में तमाम तरह के मुद्दों पर नई सोच आगे आई है। बॉलीवुड भी इससे अछूता नहीं रहा है। नए कलाकारों की एंट्री, वेब सीरीज के दौर की शुरूआत और देश की महान हस्तियों की बायोपिक्स पर फिल्ममेकर्स का फोकस इस नई सोच से जुड़ा हुआ है। इस समय बॉलीवुड का पूरा फोकस नई कहानियों से ज्यादा राजनेताओं, महान विभूतियों और देश का सिर ऊंचा करने वाले खिलाड़ियों की बायोपिक बनाने पर है और बायोपिक को लेकर यह साल बहुत खास रहने वाला है, क्योंकि इस साल कई महिला प्रधान फिल्मों का बोलबाला रहेगा। यह फिल्में महिला खिलाड़ियों व जानी-मानी हस्तियों की बायोपिक होंगी।

दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, जैकलीन फर्नांडीज, जाह्नवी कपूर, तापसी पन्नू, भूमि पेडनेकर और ऋचा चड्ढा…यह वो अभिनेत्रियां हैं जो इस साल देश की महान महिलाओं के संघर्ष और साहस की कहानी को बड़े पर्दे पर जिंदा करेंगी। अपने अभिनय के दम से यह अभिनेत्रियां देश को उन सच्ची कहानियों के बारे में बतलाएंगी जो किसी शहर, कस्बे, गांव से अभी तक बाहर ही नहीं निकली हैं या फिर उनकी महानता को महिला होने के कारण समाज के दोयम चेहरे से ढक दिया गया है। चलिए इस सिलसिले की शुरूआत करते हैं एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर आधारित फिल्म ‘छपाक’ से…

लक्ष्मी अग्रवाल- एसिड अटैक पीड़िता

राजधानी दिल्ली की रहने वालीं लक्ष्मी अग्रवाल एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं। लक्ष्मी दिल्ली की खान मार्केट स्थित एक बुक शॉप में काम करती थीं। 22 अप्रैल, 2005 को एक शख्स ने इश्क में नाकाम होने के चलते उन पर तेजाब फेंक दिया था। इस एसिड अटैक में लक्ष्मी बुरी तरह झुलस गई थीं। लक्ष्मी की कई सर्जरी हुईं। घुटती जिंदगी के आगे उन्होंने हार नहीं मानी और आज वह एक मिसाल के तौर पर हमारे सामने खड़ी हैं। लक्ष्मी एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए काम करती हैं। अभिनेत्री दीपिका पादुकोण लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर आधारित फिल्म ‘छपाक’ में मुख्य भूमिका में हैं। मेघना गुलजार इस फिल्म का निर्देशन कर रही हैं।

साइना नेहवाल- भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। साइना ने एक नहीं बल्कि कई बार अपने खेल के दम पर देश का नाम रोशन किया है। दुनिया की पूर्व शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी रह चुकीं साइना नेहवाल इस जगह पर अपना नाम दर्ज कराने वालीं पहली भारतीय महिला हैं। लंदन ओलंपिक 2012 में साइना ने बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था। साइना की बायोपिक में श्रद्धा कपूर लीड रोल में नजर आएंगी। पिछले साल सितंबर में फिल्म की शूटिंग शुरू हुई थी। भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद श्रद्धा को ट्रेनिंग दे चुके हैं। अमोल गुप्ते फिल्म के डायरेक्टर हैं और भूषण कुमार इस फिल्म को प्रोड्यूस कर रहे हैं।

डेबोरा हेरॉल्ड- भारतीय साइक्लिस्ट

डेबोरा हेरॉल्ड का नाम आपने शायद ही सुना हो। अंडमान निकोबार में जन्मी डेबोरा की कहानी काफी प्रेरणादायक है। डेबोरा यूनियन साइकिलिस्ट अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा और यूसीआई में भाग लेने वालीं पहली भारतीय महिला साइक्लिस्ट हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 2004 में आई सुनामी के दौरान डेबोरा पोर्ट ब्लेयर में फंस गई थीं। वह करीब एक हफ्ते तक एक पेड़ के नीचे रही थीं। डेबोरा की बायोपिक में जैकलीन फर्नांडीज लीड रोल में हैं। जैकलीन कहती हैं कि जब उन्हें इस बायोपिक का ऑफर मिला तो डेबोरा की कहानी सुनकर उनकी आंखें भर आई थीं। बताते चलें कि इस फिल्म में कार्तिक आर्यन भी नजर आएंगे।

गुंजन सक्सेना- फ्लाइट लेफ्टिनेंट (भारतीय वायुसेना)

भारतीय वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट रहीं गुंजन सक्सेना की बायोपिक में अभिनेत्री जाह्नवी कपूर नजर आएंगी। साल 1994 में गुंजन एयरफोर्स के उन 25 ट्रेनी पायलट्स में शामिल थीं, जिन्हें वायुसेना के पहले बैच में शामिल होने का अवसर मिला था। दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद गुंजन ने देश की सेवा करने का मन बनाया और वायुसेना में शामिल हुईं। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने कई घायल जवानों को अपनी जान पर खेलकर बचाया था। इस बहादुरी के लिए उन्हें शौर्य वीर पुरस्कार से नवाजा गया। इस पुरस्कार को पाने वाली गुंजन देश की पहली महिला हैं। जाह्नवी कपूर गुंजन से लगातार फिल्म को लेकर टिप्स ले रही हैं। वायुसेना की ड्रेस पहले जाह्नवी की कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं।

चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर- शूटर्स दादी

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की रहने वालीं ‘शूटर्स दादी’ के नाम से मशहूर चंद्रो तोमर (87) और प्रकाशी तोमर (82) दुनिया की सबसे बुजुर्ग शूटर्स हैं। तोमर परिवार के कई चिराग आज शूटिंग के क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। ‘शूटर्स दादी’ पर इससे पहले कई डॉक्यूमेंट्रीज़ भी बन चुकी हैं। चंद्रो और प्रकाशी तोमर जेठानी-देवरानी हैं। अनुराग कश्यप उनकी बायोपिक बना रहे हैं। फिल्म में तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर ‘शूटर्स दादी’ का किरदार निभाएंगी। अभिनेता विनीत सिंह भी इस फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म की शूटिंग शुरू हो चुकी है। बॉलीवुड राइटर तुषार हीरानंदानी इस फिल्म से निर्देशन के क्षेत्र में डेब्यू कर रहे हैं। फिल्म का नाम पहले ‘वुमनिया’ रखा गया था, लेकिन टाइटल को लेकर विवाद होने के बाद अनुराग ने इस फिल्म का नाम ‘सांड की आंख’ रख दिया।

शकीला- एडल्ट फिल्मों की क्रांतिकारी अभिनेत्री

दक्षिण भारतीय वयस्क फिल्मों की अभिनेत्री शकीला का जन्म चेन्नई में हुआ था। 90 के दशक में साउथ की एडल्ट फिल्मों में अभिनेत्री शकीला का सिक्का चलता था। शकीला ने तमिल, तेलुगू, मलयाली, कन्नड़ फिल्मों में काम किया है। समाज की हीन नजरों की शिकार रहीं शकीला के जीवन में एक वक्त ऐसा भी आया था जब वह सबसे ज्यादा फीस लेने वालीं अभिनेत्री बन गई थीं और एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्हें फिल्मों में काम मिलना ही बंद हो गया। शकीला ने अपनी बायोग्राफी में इस बात का जिक्र किया था कि उनकी मां ने ही उन्हें देह व्यापार में धकेला था। शकीला की बायोपिक में अभिनेत्री ऋचा चड्ढा लीड रोल में हैं। इंद्रजीत लंकेश इस फिल्म के निर्देशक हैं।

यह तो उन महिलाओं की बायोपिक्स हैं जो इस साल रिलीज होने के लिए तैयार हैं, लेकिन बायोपिक बनने का सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता है। आने वाले साल में टेनिस की भारतीय स्टार प्लेयर सानिया मिर्जा, शूटर अभिनव बिंद्रा, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव, हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद, भारत के मशहूर फुटबॉल कोच सैयद अब्दुल रहीम, बैडमिंटन प्लेयर पीवी सिंधु और दिवंगत राजनेता जॉर्ज फर्नांडिस की बायोपिक भी आपको बड़े पर्दे पर देखने को मिलेगी।

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राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।