जॉन अब्राहम की स्टारर फिल्ल रोमियो अकबर वॉल्टर ‘रॉ’ का ट्रेलर रिलीज हो चुका है। इस फिल्म में जॉन अब्राहम एक भारत की खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ के एक एजेंट का किरदार निभा रहे हैं। फिल्म का ट्रेलर देखने में काफी इंटरेस्टिंग है। इस फिल्म में भी जॉन अब्राहम ने देशभक्ति का जज्बा दिखा रहे हैं। यहां हम आपको बताएंगे जॉन अब्राहम की उन फिल्मों के बारे में जिसमें उन्होंने रॉ के एजेंट का किरदार निभाया और इन फिल्मों का दर्शकों पर क्या प्रभाव रहा। इसके अलावा इन फिल्मों ने कितना बिजनेस किया। जॉन अब्राहम रॉ एजेंट के साथ-साथ कई ऐसी फिल्में की जिसमें वह वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बने और लोगों के दिलों में देश भक्ति का जज्बा जगाया।
मद्रास कैफे
सबसे पहले हम बात करेंगे साल 2013 में आई उनकी फिल्म ‘मद्रास कैफे’ की। इस फिल्म में रॉ उन्हें श्रीलंका में एक खुफिया मिशन के लिए भेजती है। यह फिल्म भारतीय के राजनीतिक इतिहास पर आधारित फिल्म रही है। फिल्म को भारत और श्रीलंका में शूट किया गया। फिल्म में श्रीलंका में लिट्टे प्रमुख द्वारा किए जा रहे सिविल वॉर और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री को फिदायीन हमले में मारने की रणनीति को दिखाया गया है। जॉन अब्राहम भारत-श्रीलंका के इस विवाद को खत्म करना चाहते हैं। उन्हें पता चल जाता है कि लिट्टे के लोग भारत के तत्कालिक प्रधानमंत्री मारना चाहते हैं लेकिन वह उन्हें बचा नहीं पाते।
फिल्म को शूजीत सरकार ने डायरेक्ट किया। जॉन अब्राहम के अलावा इस फिल्म में नरगिस फकरी, सिद्धार्थ बासु और प्रकाश बेलावडी मुख्य भूमिका में थे। फिल्म को जॉन अब्राहम और रौनी लाहिड़ी ने प्रोड्यूस किया था। फिल्म 35 करोड़ रुपए के बजट में तैयार हुई थी और इसने 67 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की। फिल्म बजट से दोगुनी कमाई की। फिल्म क्रिटीक जॉन अब्राहम की काफी तारीफें की। इस फिल्म ने रिलीज होने के दौरान भारत की राजनीति को गरमा दिया था।
रॉकी हैंडसम
इसके बाद हम बात करते हैं साल 2016 में आई फिल्म ‘रॉकी हैंडसम’ की। इस फिल्म जॉन अब्राहम रॉ के पूर्व एजेंट होते हैं। फिल्म में उनकी पत्नी की मौत के बाद वह रॉ से रिटारयमेंट ले लेते हैं और एक पाव की दुकान चलाते हैं। फिल्म में उनकी एक बेटी भी दिखाई गई है। जोकि लापता होती है। अपनी बेटी को ढूंढते-ढूंढते उन्हें पता चलता है कि उनकी बेटी की तरह कई लोगों को किडनैप कर लिया गया है और चाइल्ड ट्रैफिंग की कोशिश की जा रही है। फिल्म इसी ताने-बाने पर गढ़ी हुई है।
फिल्म को निशिकांत कामत ने डायरेक्ट किया। फिल्म के प्रोड्यूसर जॉन अब्राहम और सुनीर खेत्रपाल थे। फिल्म को बनाने में 43 करोड़ रुपए की लागत आई। लेकिन फिल्म दर्शकों की उम्मीद पर खरी नहीं उतरी। फिल्म ने कुल मिलाकर साढ़े 35 करोड़ रुपए का बिजनेस किया।
परमाणुः द स्टोरी ऑफ पोखरण
साल 2018 में फिल्म आई ‘परमाणुः द स्टोरी ऑफ पोखरण।’ इसमें जॉन अब्राहम ने रॉ के आईएएस ऑफिसर का किरदार निभाया। फिल्म रियल घटना पर आधारित थी। फिल्म में दिखाया गया है कि भारत कैसे एक परमाणु संपन्न देश बनता है। फिल्म 1995 के दौर की है। जब चीन जैसा देश पहले ही 43 परमाणु मिसाइल का परीक्षण कर चुका होता है। संयुक्त राष्ट्र संघ की पॉलिसी के तहत किसी भी देश को परमाणु करने की मनाही होती है। लेकिन भारत, अमेरिका जैसे देश से बचते-बचाते यह सफल परिक्षण करता है। इस परीक्षण में डीआरडीओ, बार्क, भारतीय सेना और आईबी के कई लोग शामिल होते हैं।
फिल्म ‘परमाणुः द स्टोरी ऑफ पोखरण’ को अभिषेक शर्मा ने डायरेक्ट किया था। फिल्म में डायना पेंटी, बोमन ईरानी और अनुजा साठे मुख्य भूमिका में रहे। फिल्म 44 करोड़ रुपए के बजट में तैयार हुई थी। फिल्म ने कुल साढ़े 64 करोड़ रुपए से अधिक बिजनेस किया। फिल्म को काफी सराहना मिली।
इसके अलावा जॉन अब्राहम ने ढिशूम, फोर्स, फोर्स 2 और सत्यमेव जयते जैसी फिल्में की। इसमें उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का किरदार निभाया और लोगों में देशभक्ति का जज़्बा जगाया।
(फिल्म के बिजनेस आंकड़ा बॉक्स ऑफिस इंडिया से लिया गया है)
यहां देखिए जॉन अब्राहम ने कंगना रनौत को लेकर क्या कहा…