दुनियाभर के कलाकारों के लिए एक जश्न का माहौल चल रहा है। अमेरिका के लॉस एंजिल्स में फिल्मों की दुनिया का सबसे अवार्ड फंक्शन जो हो रहा है। इस अवार्ड फंक्शन को हम सभी लोग ऑस्कर के नाम से जानते हैं, जिसे ‘द एकेडमी’ आयोजित करता है। ऑस्कर अवार्ड को द एकेडमी अवार्ड कहा जाता है। इस बार 91वां एकेडमी अवार्ड से कई दुनियाभर के कलाकारों, सिंगर आदि को सम्मानित किया गया है। भारत की पृष्ठभूमि पर बनी डॉक्यूमेंट्री को भी इसी कैटेगरी में ऑस्कर मिला है। लेकिन ये बॉलीवुड या भारत के खाते में नहीं गया है।
91वें एकेडमी अवार्ड में भारत की ओर से असमिया भाषा की फिल्म ‘विलेज रॉकस्टार्स’ को भेजा गया लेकिन ये फिल्म नॉमिनेशन राउंड तक भी नहीं पहुंच पाई। खैर, यहां हम आपको बताएंगे भारत का ऑस्कर का सफर। भारत की कितनी फिल्में ऑस्कर अवार्ड के लिए भेजी गईं? और कितनी नॉमिनेशन राउंड में पहुंची? और कितनी फिल्मों ने ऑस्कर जीता? इसके अलावा भारत ने किन-किन कैटेगरी में ऑस्कर में दस्तक दी और कामयाबी हासिल की। आपको बता दें कि भारत ने 30वें एकेडमी अवार्ड से नॉमिनेशन भेजना शुरू किया।
एक वोट से हारी ‘मदर इंडिया’
एकेडमी अवार्ड ने 1956 तक ‘बेस्ट फोरन लैंग्वेज फिल्म’ कैटेगरी को नहीं बनाया था। कैटेगरी बनने के बाद भारत की तरफ से 1957 में आई फिल्म ‘मदर इंडिया’ को इंग्लिश सब टाइटल के साथ ऑस्कर अवार्ड के लिए भेजा गया। यह भारत की पहली फिल्म थी, जिसे ऑस्कर के भेजा गया। फिल्म ‘मदर इंडिया’ को नॉमिनेशन राउंड के लिए सिलेक्ट कर लिया गया। इसके साथ चार अन्य विदेशी भाषा की फिल्मों को सिलेक्ट किया गया। लेकिन ऑस्कर अवार्ड हासिल करने में नाकामयाब साबित हुई। इसे फिल्म ‘नाइट्स ऑफ कैबिरिया’ से हारना पड़ा। आपको जानकार हैरानी होगी कि ‘मदर इंडिया’ मात्र एक वोट से हारी।
नॉमिनेशन राउंड में पहुंची फिल्म ‘सलाम बॉम्बे’
इसके बाद भारत की ओर से ‘मधुमती’, ‘साहिब बीबी और गुलाम’, ‘गाईड’, ‘आम्रपाली’, ‘मंथन’, ‘शतरंज के खिलाड़ी’, ‘सारांश’ जैसी फिल्में भी नॉमिनेट की गई लेकिन यह नॉमिनेशन राउंड तक भी नहीं पहुंच। साल 1988 में डायरेक्टर मीरा नायर की फिल्म ‘सलाम बॉम्बे’ 61वें एकेडमी अवार्ड के लिए भेजा गया। जोकि नॉमिनेशन राउंड तक पहुंची, लेकिन भारत को ऑस्कर दिलाने में नाकामयाब रही। हालांकि फिल्म ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में दो अवार्ड, नेशनल फिल्म अवार्ड में तीन अवार्ड, मोन्ट्रियल वर्ल्ड फिल्म फेस्टिवल में दो अवार्ड अपने नाम किए।
बोस्नियन फिल्म ने दिया ‘लगान’ को झटका
साल 2001 में आषुतोश गोवरिकर की फिल्म ‘लगान’ को भारत ने 74वें एकेडमी अवार्ड के लिए भेजा। फिल्म नॉमिनेशन राउंड तक पहुंच गई। इसके बाद विश्व के कई देशों ने फिल्म की तारीफें भी की। लोग कयास लगाने लगे थे भारत के खाते में पहला ऑस्कर अवार्ड आने वाला है, लेकिन ये कयास बहुत ही खत्म हो गए। बोसनियन फिल्म ‘नो मैन्स लैंड’ ने इस कैटेगरी में अवार्ड जीत लिया। इससे भारत को हैरानी भी हुई और उदासी भी। इस डिसीजन को राजनीति से प्रेरित बताया गया क्योंकि आमिर खान स्टारर लगान में ब्रिटिश सरकार की क्रूरता और गलत नीतियों को दिखाया गया था।
फिर भी भारत के खाते में छह ऑस्कर
इसके बाद भारत की ओर से देवदास, रंग दे बसंती, तारे जमीन पर, पीपली लाइव, बर्फी, दी गुड रोड (गुजराती), विसारनाइ (तमिल), न्यूटन जैसी फिल्मों को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया लेकिन कोई भी नॉमिनेशन राउंड तक नहीं पहुंच पाई। लेकिन ऐसा नहीं है कि भारत के खाते में ऑस्कर नहीं आए। भारत के पांच लोगों के खाते में छह ऑस्कर अवार्ड आए हैं। इनमें दो अवार्ड तो अकेले म्यूजिक कंपोजर और सिंगर एआर रहमान ने जीते हैं।
फिल्म गांधी के लिए भारतीय कॉस्टयूम डिजाइनर को ऑस्कर
आपको बता दें कि साल 2016 तक 11 भारतीय को चौदह ऑस्कर अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था जिनमें से पांच लोगो को ही ऑस्कर अवार्ड मिला। इनमें से तीन बेस्ट फोरन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी में सिलेक्ट हुए। सत्यजीत रे अकेले ऐसे भारतीय हैं जिन्हें हॉनरेरी एकेडमी अवार्ड से सम्मानित किया। जबकि एआर रहमान पहले ऐसे भारतीय हैं जिनको दो ऑस्कर अवार्ड मिले हैं। बता दें कि 1983 में भारतीय कॉस्टयूम डिजाइनर भानु आथैया और रवि शंकर ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुए थे। इन्हें फिल्म ‘गांधी’ के कॉस्टयूम डिजाइन के लिए नॉमिनेट किया गया। लेकिन भानु अथैया को बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन के लिए 55वां एकेडमी अवार्ड मिला।
एआर रहमान को मिले दो ऑस्कर अवार्ड
इसके बाद भी साल 2009 में आई फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर ने बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड में धूम मचा दी। यह एक ब्रिटीश फिल्म थी जो भारतीय पृष्ठभूमि पर बनी थी। इसमें कई अनिल कपूर सहित कई भारतीय कलाकारों ने काम किया। फिल्म को 81वें एकेडमी अवार्ड के लिए भेजा गया। इस फिल्म अलग-अलग कैटेगरी में तीन भारतीयों को ऑस्कर दिलाए। म्यूजिक कंपोजर और सिंगर एआर रहमान को बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग और बेस्ट ऑरिजनल स्कोर के लिए ऑस्कर मिला। वहीं गीतकार गुलजार को बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग के लिए ऑस्कर मिला। इसी फिल्म बेस्ट साउंड मिक्सिंग के लिए रेसुल पूकुट्टी को इसी साउंड मिक्सिंग की कैटेगरी में अवार्ड मिला।
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