एक्सक्लूसिवः परिणीति चोपड़ा ने कही दिल की बात, बताया- मेरे पति में जरूर होनी चाहिए ये खूबियां

'बैटल ऑफ सारागढ़ी' पर आधारित फिल्म 'केसरी' 21 मार्च को रिलीज हो रही है। फिल्म में अक्षय कुमार और परिणीति चोपड़ा मुख्य किरदारों में हैं। हिंदी रश डॉट कॉम के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में परिणीति ने बताया कि उनके होने वाले पति में क्या खूबियां होनी चाहिए।

परिणीति चोपड़ा ने 'केसरी' फिल्म के लिए 3 मिनट में हां बोल दिया था। (फोटो- इंस्टाग्राम)

अक्षय कुमार और परिणीति चोपड़ा की फिल्म ‘केसरी’ की रिलीज में महज कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। ‘बैटल ऑफ सारागढ़ी’ पर आधारित यह फिल्म 21 मार्च को रिलीज हो रही है। इस फिल्म में अक्षय ब्रिटिश सेना के अधीन रही 36 सिख रेजिमेंट के कमांडर हवलदार ईश्वर का किरदार निभा रहे हैं। अक्षय और परिणीति कई शहरों में फिल्म का प्रमोशन कर चुके हैं। हिंदी रश डॉट कॉम से एक्सक्लूसिव बातचीत में परिणीति ने फिल्म से जुड़े कई मजेदार किस्से सुनाए। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनके होने वाले पति में कौन-कौन सी खूबियां होनी चाहिए।

परिणीति चोपड़ा से जब पूछा गया कि शादी के बारे में आपका क्या ख्याल है। आप शादी कब कर रही हैं। जवाब में परिणीति ने कहा, ‘फिलहाल तो मेरा शादी का कोई विचार नहीं है। अभी तो मुझे शादी समझ में नहीं आती।’ होने वाले पति में खूबियां बताते हुए अभिनेत्री ने कहा, ‘शादी के लिए तो सबसे पहले मेरी जिंदगी में एक अच्छा पार्टनर होना चाहिए। वो इंसान सही होना चाहिए। मुझे खुश रखे, मेरा ख्याल रखे, चाहे मैं उसके साथ ट्रैवल करूं या एक घर में रहूं। फिलहाल अभी तो मुझे शादी समझ में नहीं आती, लेकिन शादी के लिए बस इंसान सही होना चाहिए।’

इस दौरान परिणीति चोपड़ा ने अक्षय कुमार के बारे में तीन खास बातें भी बताईं। उन्होंने कहा, ‘अक्षय सर जब गाने सुनते हैं तो वो बिल्कुल बच्चे बन जाते हैं। दूसरी बात कि वो इकलौते मेरे ऐसे को-एक्टर हैं जो मुझे अपने साथ ले जाए बिना सेट पर नहीं जाते। वो मेरे कमरे से आने का इंतजार करते हैं। मेरा शॉट नहीं भी है तो भी साथ में ले जाते हैं। तीसरी चीज है कि वो हर मील के साथ मीठा खाते हैं। उन्हें मीठा बहुत ज्यादा पसंद है।’ उन्होंने बताया कि सेट पर अक्षय कुमार सभी लोगों से काफी हंसी-मजाक भी करते रहते थे।

बताते चलें कि 1897 में भारत-अफगान सीमा पर स्थित कोहट के सारागढ़ी पर बने ‘गुलिस्तान का किला’ पर कब्जा करने के लिए 10 हजार अफगान लड़ाकों ने धावा बोल दिया था। किले की सुरक्षा में 36 सिख रेजिमेंट के 21 सिख सैनिक तैनात थे। कमांडर हवलदार ईश्वर सिंह की अगुवाई में 20 जांबाज सैनिकों ने 600 अफगानियों को मौत के घाट उतारा था। इस युद्ध में सभी सिख सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे। ब्रिटिशर्स ने मरणोपरांत सैनिकों को तत्कालीन वीरता के सर्वोच्च पुरस्कार ‘इंडियन ऑर्डर ऑफ मेरिट’ से नवाजा था।

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राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।