फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की रिलीज डेट को लेकर इसके फिल्ममेकर्स को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन फिल्म का प्रमोशन अब भी जारी है। फिल्म की स्टारकास्ट का मीडिया से मिलना जुलना-कायम है। विवेक ओबेरॉय की इस फिल्म में जर्नलिस्ट की भूमिका निभा रहे एक्टर दर्शन कुमार ने हिंदी रश डॉट कॉम को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में राजनीतिक फिल्ड में जर्नलिज्म में होने वाली मुश्किलों और फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ के साथ हुए अनुभव को साझा किए। यहां पढ़िए उन्होंने क्या कहा-
दर्शन कुमार से जब पूछा गया कि जर्नलिस्ट की भूमिका निभाते हुए आपने क्या कुछ महसूस किया? तो इस पर दर्शन कुमार ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं मैं इस फिल्म में एक जर्नलिस्ट का किरदार कर रहा हूं। इसमें मुझे ये सीखने को मिला कि पत्रकार लोग कितनी मेहनत करते हैं इस फिल्ड में। इंटरव्यू करने से पहले पत्रकारों की क्या तैयारियां होती हैं? आप किसी का भी इंटरव्यू करते हैं तो आप बिलकुल भी डरते नहीं।’
पत्रकारों की बॉडी लैंग्वेज पकड़ने की कोशिश
पत्रकारों को जो सही लगता है वो प्रश्न पूछ कर ही रहते हैं। पत्रकारों की बॉडी लैंग्वेज क्या होती है वो पकड़ने की कोशिश की है मैंने। ये सब करने में मुझे बहुत मजा आया। इससे पहले भी हम पत्रकारों से कई बार रूबरू हो चुके हैं लेकिन अब पता चलता है कि पत्रकारों का इरादा क्या होता है। किसी भी खबर को लोगों तक पहुंचाने के लिए पत्रकार जो मेहनत करते हैं वो देखने में समझने में मुझे बहुत मज़ा आया।
कुछ तो कहेंगे, लोगों का काम है कहना
जब दर्शन कुमार से पूछा गया कि पत्रकारों पर अक्सर नरेंद्र मोदी की समर्थन में रिपोर्टिंग करने के आरोप लगते हैं तो उस पर दर्शन कुमार ने कहा कि देखिए एक गाना बना हुआ है ‘कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना’। कुछ नहीं मिला तो चलो बात ही बना लेते हैं क्योंकि बात बनाने में कोई दिक्कत नहीं है। हमने देखा है कि पत्रकार अपना काम बड़ी ही ईमानदारी से करते हैं। वैसे भी हथेली की सारी उंगलियां एक सामान नहीं होती हैं।
यहां देखिए दर्शन कुमार और मनोज जोशी का इंटरव्यू…