26 जनवरी बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए भी ख़ास है। फिल्ममेकरों ने तो कई ऐसी फ़िल्में बनाई है जिसमे 26 जनवरी की महत्वपूर्णता बताई गई है। इन फिल्मों के जरिए कोशिश की जाती है कि समाज में बुराइयां खत्म करने के लिए जागरूगता फैलाई जाए। अभिनेता मनोज कुमार की ज्यादातर फ़िल्में सोशल इशू पर ही बनाई गई। अब इसी तर्ज पर बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार भी चल रहे हैं। अक्षय कुमार भी ऐसी कई फ़िल्में कर चुके हैं जो सोशल मैसेज देती है जिनमे ‘पैड मैन’ और ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ जैसी फिल्मों के नाम शामिल हैं।
आइए हम आपको बॉलीवुड की उन पांच फिल्मों से रूबरू करवाते हैं जिन्हे देखने के बाद देशभक्ति जागती है और समाज के लिए अच्छा सन्देश भी मिलता है।
आरक्षण
प्रकाश झा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘आरक्षण’ ने समाज को सन्देश दिया कि छोटी जाति के लोग कितने भी पढ़े-लिखे क्यों ना हो, उन्हें दबाकर ही रखा जाता है। यही वजह है कि आरक्षण आज देश का अहम विवादित मुद्दा है। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, मनोज बाजपेई, सैफ अली खान और दीपिका पादुकोण ने अहम किरदार निभाया है।
न्यूटन
राजकुमार राव की फिल्म ‘न्यूटन’ नक्सलवाद और इलेक्शन के बीच होने वाली समस्या पर आधारित है। इस फिल्म को ऑस्कर के लिए भी नॉमिनेट किया गया था।
टॉयलेट एक प्रेमकथा
अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर की फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेमकथा’ शौचालय की समस्या को लेकर बनाई गई। इस फिल्म के रिलीज के बाद कई छोटे छोटे गावं में शौचालय बनवाए गए।
पैडमैन
अक्षय कुमार और राधिका आप्टे की फिल्म ‘पैडमैन’ के रिलीज होने के बाद समाज में इस बात को लेकर काफी जागरूगता फ़ैल गई कि महिलाओं के मासिक के समय उन्हें गंदे कपड़े का इस्तमाल ना कर पैड का उपयोग करना चाहिए। तब ही जाकर वे गंभीर बिमारियों से दूर रह सकती हैं।
सुई धागा
वरुण धवन और अनुष्का शर्मा की फिल्म ‘सुई धागा’ के निर्माण का उद्देश्य था मेड इन इंडिया के तर्ज पर खुद का छोटा मोटा कारोबार शुरू करना। इस फिल्म के बाद से देश के उद्योग जगत में कई तरह के बदलाव भी हुए।
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