बीहड़ के इन 5 खूंखार डकैतों पर बनी हैं फिल्में, सुल्ताना डाकू से लेकर मान सिंह तक की दिखाई गई है ऐसी कहानी

भारत में डाकुओं की कहानी आप सभी से बचपन से ही सुनी होगी। यहां हम आपको बता रहे हैं, उन डाकुओं के बारे में जिन पर फिल्में बनी। इन डाकुओं ने अपने जीवन में हमेशा गरीबों और पिछड़ों की मदद की और शोषण करने वाले अमीरों को मौत के घाट उतार दिया।

  |     |     |     |   Updated 
बीहड़ के इन 5 खूंखार डकैतों पर बनी हैं फिल्में, सुल्ताना डाकू से लेकर मान सिंह तक की दिखाई गई है ऐसी कहानी

एक मार्च को फिल्म सोनचिड़िया रिलीज हुई है। इस मल्टीस्टारर फिल्म में चंबल के डकैतों के जीवन और संघर्ष को दिखाया गया है। इसमें एक्टर मनोज बाजपेयी डाकू मान सिंह का किरदार निभा रहे हैं। डाकू मान सिंह वैसे तो बागी थे लेकिन उन्होंने कभी भी किसी निहत्थे और असहाय लोगों पर हाथ नहीं उठाया। उनके इसी बर्ताव के चलते गरीबों ने उन्हें अपना मसीहा माना और अमीरों ने उन्हें लुटेरा। यहां हम आपको बताएंगे कि ऐसे डाकुओं के बारे में जिन्होंने गरीबों और असहाय के दिलों पर राज किया, लेकिन अमीरों, जमींदारों और अंग्रेज की नाक में दम कर दिया।

सुल्ताना डाकू
सबसे पहले हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जन्में डाकू सुल्ताना की। डाकू सुल्ताना अपने जीवन में केवल अमीरों को लूटा और लूटे हुए माल को गरीबों में बांट देता था। सुल्ताना डाकू इस तरह से गरीबों के साथ न्याय करता था। उसने कभी किसी की हत्या नहीं की। डाकू सुल्ताना बहुत ही साहसी और दबंग था। उसका डर उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब और मध्यप्रदेश में फैला हुआ था। हालांकि उसका काम सिर्फ उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से लेकर गोंडा तक सीमित था। कहा जाता है कि वह जहां भी डकैती डालने जाता था, वहां पहले ही लूटने चेतावनी के साथ चिट्ठी भेज देता था।

Sultana Daaku

सुल्ताना डाकू पर कई फिल्में और नाटक बन चुके हैं। इतना ही नहीं उस पर किताब भी लिखी जा चुकी है। उत्तर प्रदेश के कई लोकगीतों में सुल्ताना डाकू का जिक्र मिलता है। इन फिल्मों और नाटकों में उनके चरित्र का महिमामंडन किया गया है। कहा जाता है कि सुल्ताना डाकू ने गरीबों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई हुई थी। उसने कभी गरीबों की मदद के लिए चंदा दिया। छोटे और गरीब दुकानदारों ने सामान की कीमत से डबल भुगतान किया। कहा जाता है कि उसे एक गांव के प्रधान की हत्या के आरोप में फांसी की सजा हुई।

फूलन देवी
फूलन देवी के नाम आज हर कोई वाकिफ है। फूलन देवी के जीवन पर फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ भी बनी है। फूलन देवी ने पहले एक साधारण महिला थी। लेकिन उनके साथ हुए बलात्कार ने उनकी लाइफ को बदल दिया। 11 लोगों ने उनके साथ बलात्कार किया। उनके परिवार ने न्याय पाने के लिए पुलिस से लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की। मजबूर होकर उन्होंने बंदूक हाथ में उठाई और डकैतों के गैंग में शामिल हो गई और उन 11 लोगों के मौत के घाट उतार दिया। वह उस वक्त चर्चा में आईं जब उन पर सवर्ण जाति के 22 लोगों की हत्या का आरोप लगा।

Phoolan Devi

डकैतों के साथ रहने के दौरान फूलन देवी ने कभी गरीबों और पिछड़ों को नहीं सताया। साल 1983 में इंदिरा गांधी सरकार ने उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा लेकिन फूलन देवी ने उनके सामने अपने साथियों के हित में कुछ शर्तें रखी। सरकार ने उनकी सभी शर्ते मान ली लेकिन बाद में उन्हें धोखा दिया। फूलन देवी को बिना एफआईआर दर्ज किए 11 साल तक जेल में रखा गया। 1994 में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उन्हें जेल से रिहा किया और मिर्जापुर से लोकसभा चुनाव लड़ाया, जिसमें वह जीत गई। 2001 में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।

डाकू मान सिंह
देशभर में चंबल के डाकुओं की कहानी प्रख्यात है। इन डाकुओं में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हुए डाकू मान सिंह। डाकू मान सिंह लूटपाट और मर्डर करने के बावजूद भी लोगों के मसीहा बने। उन्हें गरीबों का मसीहा और रॉबिन हुड कहा जाता है। कहा जाता है कि डाकू मान सिंह के खिलाफ 1100 से अधिक डकैतियां और लगभग 200 मर्डर के मामले दर्ज हुए थे। लेकिन उन्होंने कभी गरीबों को नहीं सताया। डाकू मान सिंह ने अपने जीवन में 32 पुलिस कर्मियों का मर्डर किया था। उन्होंने अपने जीवन में किसी भी महिला और बच्चे को न तो मारा और न ही कभी उनका अपहरण किया।

Manoj Bajpayee man SIngh

डाकू मान सिंह ने अधिकतर जमीन के मामलों को निपटारा किया। दरअसल, उस समय समाज में स्थापित साहूकार गरीबों की जमीनें हड़प लेते थे और अक्सर गरीब पिछड़ी जाति के होते थे, जिसके चलते उन्हें न्याय नहीं मिल पाता था। डाकू मान सिंह ने ऐसे ही गरीबों की मदद की और साहूकारों-व्यापारियों से जमीन छुड़ाकर गरीबों को वापसी करवाई। डाकू मान सिंह के दल में 17 डाकू शामिल थे। मध्यप्रदेश के भिंड में सन 1955 में उनकी पुलिस से मुठभेड़ में मौत हो गई। उनके मरने पर गरीबों और उनके समुदाय को काफी दुख हुआ। उनके मरने के बाद डाकू मान सिंह मंदिर को बनवाया गया।

गॉडमदर
मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के अलावा गुजात में भी एक लेडी डकैत थी। नाम था संतोख बेन जडेजा। ये पूरे गुजरात में गॉडमदर के नाम से फेमस थी। इस लेडी डॉन पर फिल्म भी बन चुकी है। फिल्म का नाम भी ‘गॉडमदर’ रखा गया और एक्ट्रेस शाबाना आजमी ने इस महिला का किरदार निभाया था। इन्होंने भ्रष्ट राजनीतिक व्यवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई। गरीबों की मदद की और शोषण करने वाले अमीरों को मौत के घाट उतार दिया। उनकी पति की हत्या करने वाले लोगों को मारकर बदला लेती है।

Godmother

इस लेडी डॉन ने पोरबंदर के कुटिया से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा। वह महेर समाज की पहली महिला विधायक भी बनीं। उन पर 18 लोगों की हत्या करने का आरोप लगा। साल 2011 में हार्ट अटैक होने से मौत हो गई।

यहां देखिए फिल्म सोनचिड़िया का रिव्यू वीडियो…

Exclusive News, TV News और Bhojpuri News in Hindi के लिए देखें HindiRush । देश और दुन‍िया की सभी खबरों की ताजा अपडेट के ल‍िए जुड़िए हमारे FACEBOOK पेज से ।

Story Author: रमेश कुमार

जाकिर हुसैन कॉलेज (डीयू) से बीए (हॉनर्स) पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के बाद रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटकल साइंस में पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएमसी दिल्ली।

ramesh.kumar@hidirush.com     +91 9004241611
601, ड्यूरोलाइट हाउस, न्यू लिंक रोड, अंधेरी वेस्ट,मुंबई, महाराष्ट्र, इंडिया- 400053
Tags: ,

Leave a Reply