फिल्म सोनचिड़िया से पहले भी डाकू मान सिंह का किरदार निभा चुके हैं मनोज बाजपेयी, जानिए कौन था बीहड़ का ये बागी

फिल्म सोनचिड़िया में एक्टर मनोज बाजपेयी डाकू मान सिंह का किरदार निभा रहे हैं। यहां हम आपको रियल रॉबिन हुड डाकू मान सिंह के बारे में बता रहे हैं। डाकू मान सिंह लूटपाट और मर्डर करने के बावजूद भी गरीबों के मसीहा थे।

डाकू मान सिंह लुक में मनोज बाजपेयी। फिल्म सोनचिड़िया का पोस्टर। (फोटोः इंस्टाग्राम)

इस शुक्रवार यानि एक मार्च को फिल्म ‘सोनचिड़िया’ रिलीज होने वाली है। फिल्म को अभिषेक चौबे ने डायरेक्ट किया है। फिल्म में एक्टर मनोज बाजपेयी ने डाकू मान सिंह और सुशांत सिंह राजपूत ने बागी लखना का किरदार निभाया है। फिल्म में भूमि पेडनेककर ने भी एक लेडी डाकू का किरदार निभाया है। आशुतोष राणा फिल्म में एक पुलिस वाले का किरदार निभा रहे हैं। खैर, यहां हम आपको मनोज बाजपेयी जिस डाकू मान सिंह का किरदार निभा रहे हैं, हम उसके बारे में बताएंगे। लेकिन उससे पहले हम बताएंगे इस किरदार पर मनोज बाजपेयी का क्या कहना है?

एक्टर मनोज बाजपेयी ने अपने कैरेक्टर को लेकर काफी एक्साइटेड हैं। मनोज बाजपेयी दूसरी बार डाकू मान सिंह के किरदार को निभा रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 1994 में आई नेशनल अवार्ड विनिंग फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ में भी डाकू मान सिंह का किरदार निभाया है। मनोज बाजपेयी का कहना है कि पिछली फिल्म में शेखर कपूर ने एक अलग एंगल से कहानी को गढ़ा था और इस बार अभिषेक चौबे का अलग एंगल है। उन्होंने कहा कि ‘बैंडिट क्वीन’ 25 साल पहले आई थी। एक नई पीढ़ी को ‘बैंडिट क्वीन’ और डाकू मान सिंह के बारे में कुछ नहीं पता है। यह फिल्म लोगों को मान सिंह और रॉबिन हुड डकैतों की लाइफ के बारे में बताएगी। आइए जानते हैं डाकू मान सिंह के डकैती के सफर को…

बुर्जुगों से सुनी होगी कहानी

आपके दादा-दादी, नाना-नानी या घर किसी बुजुर्ग ने आपको कई कहानियां सुनाई होंगी। इन कहानियों में आपने देवी-देवताओं के साथ-साथ डाकुओं की कहानी भी सुनी होगी। अगर आपने ऐसी कहानी नहीं सुनी है, तो हम यहां आपको एक ऐसे डकैत की कहानी बताने जा रहे हैं, जिस पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं। अब आप कहेंगे की फिल्में तो अक्सर अच्छे लोगों पर या ऐसे मुद्दे पर बनती है जो एक सोशल मैसेज देती हैं। फिर इस डाकू पर इतनी फिल्में क्यों? इतना ही नहीं इस डाकू का एक मंदिर भी बना है और इसकी पूजा भी होती है।

डाकू मान सिंह गरीबों का रॉबिन हु़ड 

डाकुओं की कहानी जिक्र आते है आपको यह खयाल आता होगा कि डाकू अक्सर आते कहां से हैं और रहते कहां पर हैं। फिल्मों में आपने देखा होगा कि डाकू जंगल, बीहड़ों और गुफाओं में रहते हैं। हकीकत में भी कुछ ऐसा ही होता है। देशभर में चंबल के डाकुओं की कहानी प्रख्यात है। इन डाकुओं में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हुए डाकू मान सिंह। डाकू मान सिंह लूटपाट और मर्डर करने के बावजूद भी लोगों के मसीहा बने। उन्हें गरीबों का मसीहा और रॉबिन हुड कहा जाता है। कहा जाता है कि डाकू मान सिंह के खिलाफ 11 सौ से अधिक डकैतियां और लगभग 200 मर्डर के मामले दर्ज हुए थे। लेकिन उन्होंने कभी गरीबों को नहीं सताया। आगरा में जन्में डाकू मान सिंह ने चंबल के बीहड़ों में अपना राज स्थापित किया। राजस्थान के धौलपुर और मध्यप्रदेश के मुरैना जैसे एरिया में लोग उनके गुणगान करते थे।

साहूकारों से हड़पी जमीन छीनकर गरीबों को देना
डाकू मान सिंह ने अपने जीवन में 32 पुलिस कर्मियों का मर्डर किया था। उन्होंने अपने जीवन में किसी भी महिला और बच्चे को न तो मारा और न ही कभी उनका अपहरण किया। डाकू मान सिंह ने अधिकतर जमीन के मामलों को निपटारा किया। दरअसल, उस समय समाज में स्थापित साहूकार गरीबों की जमीनें हड़प लेते थे और अक्सर गरीब पिछड़ी जाति के होते थे, जिसके चलते उन्हें न्याय नहीं मिल पाता था। डाकू मान सिंह ने ऐसे ही गरीबों की मदद की और साहूकारों-व्यापारियों से जमीन छुड़ाकर गरीबों को वापसी करवाई। डाकू मान सिंह के दल में 17 डाकू शामिल थे।

मुठभेड़ में मौत के बाद बना मंदिर
डाकू मान सिंह का 1890 में हुआ। उन्होंने साहूकारों की जमीन हड़पने की घटना और क्षत्रीयों की अस्मिता की खत्म होता देख 1939 से डकैती में कदम रखा और 1955 तक बदस्तूर जारी रखा। मध्यप्रदेश के भिंड में सन 1955 में उनकी पुलिस से मुठभेड़ में मौत हो गई। उनके मरने पर गरीबों और उनके समुदाय को काफी दुख हुआ। उन्हें याद रखने और अपनी आने वाली पीढ़ी को डाकू मान सिंह के बारे में जानकारी देने के लिए उनका मंदिर भी बनवाया गया। डाकू मान सिंह का मंदिर उनकी जन्म स्थली खेड़ा राठौर गांव, आगरा, उत्तरप्रदेश में बनाया गया है। इसमें उनकी मूर्तियां स्थापित की गई हैं। उनकी रोजाना पूजा की जाती है।

डाकू मान सिंह पर बनी ये फिल्में

डाकू मान सिंह पर सबसे पहले साल 1971 में फिल्म बनी। फिल्म का नाम ही ‘डाकू मान सिंह’ रखा गया। इसे बाबूभाई मिस्त्री ने डायरेक्ट किया था। फिल्म में डाकू मान सिंह का किरदार एक्टर दारा सिंह ने निभाया था। इसके बाद 1994 में शेखर कपूर ने फूलन देवी के जीवन पर आधारित फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ बनाई, जिसमें डाकू मान सिंह के किरदार मनोज बाजपेयी ने निभाया। अब फिल्म ‘सोनचिड़िया‘ में भी डाकू मान सिंह के किरदार को दिखाया गया है, जिसे मनोज बाजपेयी ही निभा रहे हैं।

लोक गीतों-नाटकों में मान सिंह के गुणगान

डाकू मान सिंह पर उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कई लोक संगीत और नाटक बनाए गए हैं। उन्हें चंबल का शेर और रॉबिन हुड जैसी उपाधि लोगों ने दी। उनका पर बना ये गाना,’रास्ता चलता कोई नहीं लूटा, ना बहिनों से छीने हार, जो भी मिला सो बांट दिया, बहिनों को पहिनाए भात’ काफी फेमस है। डाकू मान सिंह का बेटा तहसीलदार सिंह भी एक बहुत बड़ा डकैत बना।

यहां देखिए मनोज बाजपेयी का वीडियो…

रमेश कुमार :जाकिर हुसैन कॉलेज (डीयू) से बीए (हॉनर्स) पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के बाद रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटकल साइंस में पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएमसी दिल्ली।