तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) जल्द ही गेम ओवर नाम की फिल्म में नज़र आने वाली हैं | इस फिल्म में वो एक वीडियो गेम क्रियेटर की भूमिका निभा रही हैं| ये फिल्म एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर है| हाल में ही हिंदीरश डॉट कॉम से बातचीत करते हए तापसी पन्नू ने बॉलीवुड में अपने किरदारों के चुनाव से लेकर गेम ओवर (Game Over) के बारे में भी खास बातचीत की| यहां पढ़ें-
सवाल: क्या आप अपने किरदार खुद चुनती है या ये आपके पास आ जाते हैं?
तापसी पन्नू : कुछ मैं ढूंढने जाती हूँ और कुछ मेरे पास आ जाते हैं| गेम ओवर मेरे पास आ गया था|
सवाल: गेम ओवर का ट्रेलर बहुत ही कन्फ्यूजिंग लग रहा है, समझ नहीं आ रहा है किसका गेम ओवर हो रहा है?
तापसी पन्नू : एकदम! अगर हम पूरी कहानी थियरेटिकल ट्रेलर में दिखा देंगे तो थियेटर में क्या दिखाएंगे? तो मुझे लगता है कि ट्रेलर ऐसा होना चाहिए जो आपकी उत्सुकता और दिलचस्पी बढाए बाकी पिक्चर तो आपको थियेटर में जाकर ही देखनी पड़ेगी|
सवाल: गेम ओवर के ट्रेलर के हर फ्रेम में हैं आप हैं तो क्या फिल्म में भी हम आपको इतना ही देखेंगे?
तापसी पन्नू : ओवरडोज़ तो नहीं हो रहा मेरा (हँसते हुए)? हाँ ! कुछ 90 % आप मुझे देखेंगे इस फिल्म में|
सवाल: तो क्या इस वजह से आप नर्वस फील कर रही हैं? कोई प्रेशर है?
तापसी पन्नू : हाँ घबराहट है, ये देखने के लिए कि क्या लोग मुझे 2 घंटे झेल पाएंगे या नहीं? मेरा ये डर रहता है कि फिल्म में मैं ऑडिएंस को दो घंटे होल्ड कर पाऊँगी कि नहीं क्योंकि इस फिल्म में उन्हें मुझे बहुत देखना है| तो ये एक तरह से एक्टर के लिए ये बहुत ही बड़ा चैलेन्ज होता है कि आपकी जनता आपको देख पा रही है या नहीं? आपमें वो बात है होल्ड करने की नहीं|
सवाल: क्या आपका ये किरदार आपकी अबतक की फिल्मों के मुकाबले मुश्किल था?
तापसी पन्नू : अगर मुश्किल नहीं होता तो मैं ये करती नहीं| क्योंकि जब भी मैं फिल्में चुनती हूँ तो देखती हूँ कि जनता के पैसे और समय की वैल्यू होनी चाहिए| ऐसी फिल्म चुनो कि वो जो पैसे खर्च कर रहे हैं टिकट खरीदने में, आपको जो समय दे रहे हैं, जो शायद कभी नहीं लौटेगा , पैसे तो फिर भी आ जायेंगे वो बर्बाद ना हो| ये मेरा पहला क्राइटेरिया होता है| दूसरा ये होता है कि मेरे लिए क्या एक्साइटिंग है फिल्म में? बात ये नहीं है कि रोल 10 मिनट का है या 2 घंटे का| बात है कि मुझे कितना मज़ा आएगा ये करने में| मज़ा तभी आएगा जो नया होगा| अगर मैं वही करती रही जो मेरा ट्राईड और टेस्टेड फार्मूला है तो सेट पर जाने में कोई उत्सुकता ही नहीं रहेगी| तो इस फिल्म में ऐसा ही था कई मुश्किल चीजें थी| मुझे लगा नहीं था कि मैं कर पाऊँगी | मुझे आजतक फ्रैक्चर भी नहीं हुआ है| तो मेरे लिए दोनों पैरों का फ्रैक्चर होना और व्हीलचेयर पर होना, करीब 25 दिनों तक मैं व्हीलचेयर पर थी| 60 % प्रतिशत फिल्म मुझे व्हीलचेयर पर दिखाती है , तो हर दिन 12 घंटे मैं लेगकास्ट और व्हीलचेयर पर होती थी|
सवाल: इस फिल्म में आपका जो किरदार है सपना का उसे निक्टोफोबिया हुआ होता है?
तापसी पन्नू : हां, उसे अँधेरे से डर लगता है क्योंकि उसकी लाइफ में एक हादसा हुआ है अँधेरे में जिसकी वजह से अँधेरा उसे उस घटना की याद दिलाता है| इसे एनिवर्सरी रिएक्शन कहते हैं जो उसकी बॉडी हादसे के एक साल बाद उसे याद दिलाने लगती है अपने आप ही| तो वो (किरदार) इस परेशानी से गुज़र रही है| इसके बाद हाउस इनवेज़न होता है उसके साथ जो डबल ट्रबल लाता है|
सवाल: क्या असल ज़िन्दगी में कोई फोबिया है ? या किसी चीज से डर लगता हो?
तापसी पन्नू : हाँ! पानी के अंदर जाने का फोबिया था| आज से 7 साल पहले जब पानी मेरे गले तक आता था तो मुझे ऐसा लगता था कि मैं मर जाउंगी| लेकिन फिर मैंने इससे लड़ने का फैसला किया| बचपन में स्विमिंग पूल में मेरे अंदर बहुत पानी चला गया था| तो आज से 7 साल पहले मैंने जबरदस्ती स्विमिंग सीखी|
यहां देखिये ये तापसी पन्नू का ये वीडियो इंटरव्यू –