बर्थडे स्पेशल : दर्शकों को हँसा-हँसा कर लोटपोट करनेवाले अरशद वारसी का सफर

आज है कॉमेडी किंग अरशद वारसी का जन्मदिन, बधाई नहीं देंगे आप ?

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बर्थडे स्पेशल : दर्शकों को हँसा-हँसा कर लोटपोट करनेवाले अरशद वारसी का सफर
आज है कॉमेडी किंग अरशद वारसी का जन्मदिन, बधाई नहीं देंगे आप ?

अपनी कॉमिक टाइमिंग और एक्टिंग से फिल्म इंडस्ट्री में मशहूर हुए एक्टर अरशद वारसी का आज अपना जन्मदिन मना रहे है। अपनी जिंदगी में कई उतार चढ़ाव के बाद फिल्मों में कॉमेडी कर अरशद आज इस मुकाम तक पहुंचे है। जहाँपर हर कोई उनका दीवाना है। मुन्ना भाई एमबीबीएसस का सर्किट हो या फिर किसी फिल्म का गंभीर किरदार हो, अरशद हमेशा उस किरदार में घुसे हुए नजर आए। इसी वजह से दर्शक उनको देखने के लिए काफी उत्साहित होते है। अरशद वारसी उन लोगों में से हैं, जिन्होंने अपनी मुश्किलों को ही अपनी ताकत में तब्दील कर लिया और अपने लिए एक नया मुकाम बनाया | अरशद वारसी को साल 2003 में आई फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ से पहचान मिली मगर हिंदी सिनेमा में उनका सफर सालों पहले शुरू हुआ था।

 

 

अरशद वारसी का जन्म 19 अप्रैल साल 1946 में मुंबई में हुआ था पर उनकी पढा़ई नासिक से पूरी हुई। अरशद ने अपनी जिंदगी में काफी स्ट्रगल किया है। बता दें कि अरशद ने महज 14 साल की उम्र में ही अपने माता पिता को खो दिया। इसके बाद अरशद ने सिर्फ 17 साल की उम्र में ही घर घर जा कर ब्यूटी प्रोडक्ट्स और लिपिस्टिक बेंचना शुरु कर दिया।

 

 

मशहूर फिल्ममेकर महेश भट्ट की फिल्मों में जूनियर असिस्टेंट की भूमिका अदा की। फिल्म ठिकाना और काश में उन्होंने जूनियर असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया। 1991 में अरशद वारसी ने इंडिया डांस कॉम्पिटीशन जीता। इसके अलावा वर्ल्ड डांस चैंपियनशिप में भी इनकी प्रस्तुति को काफी सराहा गया। इसके बाद अरशद ने खुद की एक डांस एकेडमी खोली। इसी जगह पर उनकी मुलाकात मारिया गोरेट्टी से हुई जिससे उन्होंने 1993 में शादी भी की।

 

 

साल 1996 में अरशद वारसी ने बॉलीवुड में पहली फिल्म की। फिल्म का नाम था ‘तेरे मेरे सपने। ये फिल्म अमिताभ बच्चन के प्रोडक्शन हाउस ए.बी.सी.एल के बैनर तले बनी थी। इस फिल्म के लिए अरशद को जया बच्चन ने रोल ऑफर किया था। फिल्म में चंद्रचूर सिंह, प्रिया गिल, सिमरन और प्राण जैसे कलाकार भी थे। अरशद की ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई। लेकिन इसके बाद ‘हीरो हिंदुस्तानी’, ‘होगी प्यार की जीत’ और ‘जानी दुश्मन’ जैसी कई फिल्में सिनेमाघरों में कुछ खास करने में कामयाब नहीं हो पाईं।

 

 

इसके बाद अरशद ने कई छोटी-मोटी फिल्मों में काम किया। लेकिन उन्हें साल 2003 में आई फिल्म ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ और साल 2006 में आई फिल्म ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ से मिली। इसमें निभाये गए सर्किट के किरदार ने अरशद को सभी का चहेता बना दिया। अरशद को इस फिल्म के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला।

 

 

साल 2013 में आई फिल्म ‘जॉली एलएलबी’ के लिए भी अरशद को खूब तारीफें मिलीं। इसके बाद निर्देशक रोहित शेट्टी की गोलमाल सीरीज में नजर आये। जिसमें दर्शकों ने उन्हें बेहद पसंद किया। अरशद सिर्फ कॉमिक रोल ही बल्कि इंटेंसिव रोल भी बेहद उम्दा तरीके से अदा करते हैं, यह उन्होंने फिल्म ‘इश्किया’ और ‘डेढ़ इश्किया’ में साबित कर दिखाया है। इन दोनों ही फिल्मों में उनके द्वारा निभायी गयी भूमिका दर्शकों द्वारा सराही गयी थी।

 

 

अरशद वारसी के कुल पांच किरदार ऐसे हैं जिनकी वजह से उन्हें लोग हमेशा याद रखना चाहेंगे। साल 2003 में आई फिल्म मुन्ना भाई में सर्किट का किरदार, साल 2006 में लगे रहो मुन्ना भाई, साल 2005 में रिलीज हुई फिल्म सहर, साल 2006 में गोलमाल और उसकी सभी सीरीज और साल 2010 में आई फिल्म इश्किया में अरशद ने गजब का रोल अदा किया है।

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Story Author: मनीषा वतारे

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