दीपवीर वेडिंग: ज्वेलरी, ‘शाही भोज’ से लेकर मैरिज विला का खर्च जानकर उड़ जाएंगे होश!

दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की शादी ऐतिहासिक ढंग से मनाई जा रही है। केवल लेक कोमो के डेल बेलवियानेलो विला पर ही करीब दो करोड़ रुपए खर्च हो जाएंगे।

दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की शादी ऐतिहासिक ढंग से मनाई जा रही है। इसके लिए दीपवीर की ओर से दिल खोलकर खर्च किया जा रहा है। अगर इनके केवल लेक कोमो के डेल बेलवियानेलो विला पर ही करीब दो करोड़ रुपए खर्च हो जाएंगे। ये खर्च केवल वहां ठहरने का है। इसके अलावा सीप्लेन, डेकोरेशन, स्पेशल डीश, ज्वेलरी, ड्रेस, कलाकार आदि के खर्च अलग हैं। इसको लेकर अभी जो खर्च सामने आए हैं, उसे सुनकर तो होश उड़ रहे हैं। वैसे दीपवीर की शादी में हरकुछ स्पेशल हो रहा है तो फिर पैसे खर्च करने में पीछे थोड़ी हट सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह इटली के लेक कोमो के डेल बेलवियानेलो विला में सात दिन बिताएंगे। इसके लिए वे करीब दो करोड़ रुपया खर्च करेंगे। दीपवीर अपनी शादी के लिए इटली में 1,73,25,000 खर्च करेंगे। इस विले में एक दिन का किराया 8.5 लाख से 25 लाख रुपये है। इसके अलावा यहां पर सजावट के लिए वंदना मोहन को करोड़ो रुपए दिए गए हैं।

ज्वेलरी पर खर्च
इटली जाने से पहले ही दीपिका ने ज्वेलरी खरीद ली थी। दीपिका पादुकोण ने 20 लाख रुपए का मंगलसूत्र लिया। इस मंगलसूत्र में केवल डायमंड लगे हुए हैं। यह बहुत ही खास तरीके से बनाया गया है। इसके अलावा दीपीका ने दो और गले का हार लिया है। इनको भी खास तरीके से डिजाइन किया गया है। इसके अलावा रणवीर सिंह के लिए 200 ग्राम का गले का चेन लिया है। ऐसा चेन रणवीर सिंह ने पद्मावत में पहना था। इस तरह दीपिका पादुकोण ने कुल चार गहने खरीदे हैं। इनकी कीमत करीब एक करोड़ रुपए बताई जा रही है।

देखिए खर्चे की पूरी वीडियो…

खाने पर खर्च
दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की शादी में शाही भोज की व्यवस्था है। ये खाना बेहद ही स्पेशल है। इसके अलावा वेडिंग केक भी स्पेशली बनाया जा रहा है। हालांकि इसके लिए दीपिका और रणवीर करोड़ो रुपए खर्च कर रहे हैं। चूंकि इस खाने के लिए शेप स्वीटजरलैंड से बुलाए गए हैं। इनके साथ टर्म-कंडीशन रखा गया है कि वे लोग दुबारा इस तरह का खान कहीं और नहीं बनाएंगे। खबर यह भी है कि इसके लिए इनको मुंहमांगी कीमत दी गई है। अभी सीप्लेन आदि का खर्च सामने नहीं आया है। वैसे इसके लिए भी काफी खर्च किए गए हैं।

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रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.