‘ल‍िखे जो खत तुझे’ से लेकर ‘ए भाई! ज़रा देख के चलो’ तक…ये हैं गोपाल दास नीरज के 5 सदाबहार गाने

गोपाल दास अब इस दुनियां में नहीं रहे लेकिन उनके ये सदाबहार गाने हमें उनकी याद जरुर दिलाएंगे

गोपाल दास नीरज का कल शाम निधन हो गया| 93 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली| लेकिन बॉलीवुड में उन्होंने कई सदाबहार गाने लिखे है जो हमें सदा उनकी याद दिलाते रहेंगे| वो एक ऐसे गीतकार थे जिनके एक नहीं बल्कि कई गानें काफी फेमस हुए थे। उनकी पहली फिल्म थी ‘नई उम्र की फसल’ इस फिल्म में उन्होंने संगीतकार रोशन के साथ मिलकर ‘कारवां चलता रहा गुबार देखते रहे’ नाम के गाने को शब्द दिए| ये गाना जैसे ही बाहर आया लोगों ने इसे अपना प्यार दिया| इसके बाद उनका करियर आगे बढ़ा तो उन्होंने प्रेम पुजारी, शर्मिली जैसी कई फिल्में की|

मेरा नाम जोकर…

उनके निज़ी जीवन के बारे में बात करें तो उनका जन्म 4 जनवरी 1925 को यूपी के इटावा जिले के पुरावली गांव में हुआ था। फिल्म ‘नई उमर की नई फसल’ में पहली बार में ही उनका गीत ‘कारवां चलता रहा गुबार देखते रहे’ फेमस हो गया था जिसके बाद उन्होंने मेरा नाम जोकर तक गाने लिखे| गोपालदास नीरज बाद में बॉलीवुड को छोड़कर अलीगढ़ स्थित अपने घर लौट गए|

उन्होंने बॉलीवुड से अपना नाता तोड़ दिया| यही नहीं बल्कि इसके अलावा उन्होंने ‘देखती ही रहो आज दर्पण न तुम’, ‘प्यार का यह मुहूर्त निकल जायेगा’ जैसे गानों से लोकप्रियता हासिल की| बॉलीवुड को अलविदा कहने के बाद वह उन्हें कवि मंचों पर सक्रिय होते हुए देखा गया| संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें साल 1991 में उन्हें पद्मश्री और साल 2007 में उन्हें पद्मभूषण से नवाजा गया|

गोपाल दास नीरज का गाना ने शशि कपूर की फिल्म कान्यादान का गाना- लिखे जो खत तुझे भी लिखा था। ये गाना उस वक्त का पॉपुलर रोमांटिक गाना था। कन्‍यदान’ के ल‍िए प्रोड्यूसर राजेंद्र भाट‍िया ने जब नीरज से ये गाना ल‍िखने को कहा था तब वह काफी बिजी थे।

हालाँकि जब राजेंद्र भाटिया ने उन्हें दोबारा ये गाना लिखने को कहा तो मात्र 6 मिनट में ही उन्होंने यह गाना लिखकर तैयार कर दिया| फिल्म के साथ साथ ये गाना भी हिट हो गया| यहाँ तक कि फिल्म के निर्माता राजेंद्र भाटिया ने बाद में गोपाल दास को अपनी कनवर्ट‍िवल कार तोहफे में दी थी| फिल्म के इस गाने में इस कार को फिल्माया गया था|

 

गोपाल दास नीरज का कौनसा गाना आपको अच्छा लगा? नीचे कमेंट्स में बताइए|

श्रेया दुबे :खबरें तो सब देते हैं, लेकिन तीखे खबरों को मजेदार अंदाज़ में आपतक पहुंचाना मुझे बहुत अच्छा लगता है। पिछले चार साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में हूं। कुछ नया सीखने की कोशिश कर रही हूं। फिलहाल इंटरनेट को और एंटरटेनिंग बना रही हूं।