जानिए दीपिका पादुकोण और सोनम कपूर की शादी में कौन सी खास बातें हैं कॉमन!

बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर और आनंद आहूजा की तरह इस खास रीति-रिवाज से होगी बॉलीवुड के क्यूट कपल दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की शादी...

बॉलीवुड में 2018 में कई स्टार्स शादी के बधंन में बंध गए हैं। इस साल स्टार्स की शादियों का सीजन रहा है। सबसे पहले सोनम कपूर ने इसकी शुरुआत की। इसके बाद कई सितारों ने सात फेरे लिए। मई में सोनम कपूर ने आंनद आहूजा के साथ शादी कर मिसेज आहूजा बनी। सोनम की शादी की तस्वीरें और वीडियो देखकर ये कहना गलत नहीं है कि अनिल कपूर की लाडली की शादी किसी फेरीटेल स्टोरी से कम नहीं थी।

सोनम की शादी सोशल मीडिया में खूब चर्चा का विषय बनी रही और अब बॉलीवुड के क्यूट कपल रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण शादी को लेकर बॉलीवुड से लेकर फैंस के बीच सुर्खियों में छाए हुए हैं। चलिए आपको बताते हैं कितना कुछ कॉमन है दीपिका और सोनम की शादी में।

लाल जोड़ा पहनेंगी दीपिका पादुकोण

जैसा कि आपको पता ही है कि सोनम कपूर (Sonam Kapoor) ने अपनी शादी में रेड कलर का लहंगा पहना था। उन्होंने अनुराधा वकील क्रियेसन का बना हुआ दुल्हन का जोड़ाा पहना था। इसके साथ ही उन्होंने लोटस वर्क की गोल्ड ज्वैलरी पहनी थी। सोनम अपने जोड़े में किसी परी से कम नहीं लग रही थी। वहीं सोनम की राह पर चलते हुए दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) भी शादी के दिन लाल रंग के जोड़े में नजर आएंगी। दीपिका सब्यासाची के आउटफिट और ज्वैलरी पहनकर कहर बरपाएंगी।

इस रीति रिवाज से भी होगी शादी

इसके साथ ही सोनम और आंनद की तरह दीपवीर की शादी भी सिख रीति रिवाज से कराई जाएगी। चूंकि रणवीर सिंह पंजाबी-सिंधी परिवार से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए दीपवीर की शादी के बाद आनंद करज सेरेमनी भी होगी। इसमें पंजाबी-सिंधी रीति-रिवाज से दोनों की दोबारा शादी होगी।

जानिए क्या है ‘आनंद करज’ सेरेमनी

बताते चलें कि ‘आनंद करज’ सिख विवाह समारोह का नाम है। इसका अर्थ है ‘आनंदमय संघ’ या ‘जॉयफुल यूनियन’। इसकी शुरूआत गुरु अमर दास ने की थी। इसका आयोजन गुरुद्वारे में किया जाता है। यह शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा संचालित है। इस विवाह पद्धति में दहेज लेना अपराध माना जाता है।

वेल शादी के लिए भारतीय दुल्हन ज्यादातर लाल जोड़ा ही पहना पसंद करती हैं। हर दुल्हन यही चाहती है कि वो अपनी शादी में उस लाल जोड़े में किसी परी से कम न लगे।

कविता सिंह :विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।