Akshaya Tritiya 2020 Date: हिन्दू धर्म ग्रंथों और पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया का पावन पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लोकभाषा में इसे आखातीज या वैशाख तीज भी कहा जाता है। कहते हैं कि त्रेता और सतयुग का आरम्भ भी इसी दिन हुआ था। इसलिए इसे कृतयुगादि तृतीया भी कहते हैं। इस वर्ष अक्षय तृतीया का पावन पर्व 26 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा करने से पापों का नाश होता है और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
अक्षय तृतीया 2020 का शुभ मुहूर्त:
तीया तिथि प्रारंभ: 11:50 बजे (25 अप्रैल 2020)
तृतीया तिथि समापन: 13:21 बजे (26 अप्रैल 2020)
अक्षय तृतीया का महत्व:
अक्षय तृतीया की तिथि को लेकर बताया जाता है कि इस दिन को स्वयं सिद्ध मुहूर्त के रूप में जाना जाता है। इस तिथि को बिना किसी पंचांग को देखे भी कोई भी शुभ मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, घर, भूखंड या वाहन आदि की खरीदारी से सम्बंधित कार्य किए जा सकते हैं। धर्मराज को इस तिथि का महत्व समझाते हुए माता पार्वती कहती हैं कि कोई भी स्त्री, जो किसी भी तरह का सुख चाहती है उसे यह व्रत करते हुए नमक का पूरी तरह से त्याग करना चाहिए। स्वयं में भी यही व्रत करके मैं भगवान शिव के साथ आनंदित रहती हूँ।
इसी के साथ ही विवाह योग्य कन्याओं को भी उत्तम वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखना चाहिए। जिनको संतान नहीं हो रही हो वे स्त्रियां भी इस व्रत करके संतान सुख प्राप्त कर सकती हैं। स्वर्ग के राजा इंद्र की पत्नी देवी इंद्राणी इसी व्रत के पुण्य प्रताप से जयंत नामक पुत्र की माँ बनी।देवी अरुंधति ने यही व्रत करके अपने पति महर्षि वशिष्ठ के साथ आकाश में सबसे ऊपर का स्थान प्राप्त किया। प्रजापति दक्ष की पुत्री रोहिणी इसी व्रत के कारण अपने पति चंद्र की सबसे प्रिय रानी रहीं।