Amalaki Ekadashi 2020 Date: इस ख़ास दिन है आमलकी एकादशी ? पूजा में आंवले के पेड़ का है महत्व

Amalaki Ekadashi Kab Hai, Amalaki Ekadashi 2020 Date: होली से पहले फाल्गुन मास में और भी अन्य त्योहारों का काफी महत्व है। जिनमें से एक है 'आमलकी एकादशी' (Amalaki Ekadashi).

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Amalaki Ekadashi 2020 Date: इस ख़ास दिन है आमलकी एकादशी ? पूजा में आंवले के पेड़ का है महत्व
आमल की एकादशी

Amalaki Ekadashi 2020 Date: हिंदू धर्म में होली का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इसका एक विशेष महत्व भी है। हिंदू धर्म में दो बड़े त्योहारों में दिवाली और होली को गिना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। दो दिन पड़ने वाले इस त्योहार में पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन रंग खेला जाता है। वहीं होली से पहले फाल्गुन मास में और भी अन्य त्योहारों का काफी महत्व है। जिनमें से एक है ‘आमलकी एकादशी’ (Amalaki Ekadashi).

आमलकी एकादशी की तिथि (Amalaki Ekadashi 2020 Date)

इस वर्ष 06 मार्च शुक्रवार को आमलकी एकादशी मनाई जाएगी। आमलकी एकादशी फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को ही मनाई जाती है। इस दिन विशेष पर भक्त व्रत रखते हैं। जो लोग स्वर्ग और मोक्ष प्राप्ति की कामना रखते हैं, उनको आमलकी एकादशी के शुभ दिन पर आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए।

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आमलकी एकादशी कब है
आमल की एकादशी

आमलकी एकादशी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने का महत्व शास्त्रों में भी लिखा है। कहा जाता है कि आंवला भगवान विष्णु का प्रिय फल है। आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु का निवास माना जाता है। इसलिए ही आमल की एकादशी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का महत्व बताया गया है।

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आमलकी एकादशी व्रत (Amalaki Ekadashi Vrat)

आमलकी एकादशी व्रत (Amalaki Ekadashi Vrat) के पहले दिन व्रती को दशमी की रात्रि में एकादशी व्रत के साथ विष्णु भगवान की आराधना करनी चाहिए। उसके बाद आमलकी एकादशी के दिन प्रातः सुबह सूर्योदय से पहले ही स्नान करके विष्णु जी की प्रतिमा के सामने हाथ में तिल, कुश, मुद्रा और जल लेकर संकल्प करें। मेरा यह व्रत सफलतापूर्वक पूरा हो इसके लिए श्रीहरि मुझे अपनी शरण में रखें। विष्णु जी सदैव अपनी कृपा मुझ पर बनाए रखें। इसके बाद व्रती को आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।

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Story Author: lakhantiwari

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