Chaitra Purnima 2020 Date: हिंदू धर्म ग्रंथों में चैत्र माह की पूर्णिमा का बड़ा महत्व लिखा है। इस पूर्णिमा के दिन भगवान श्री विष्णु जी की पूजा का महत्व है। विष्णु जी के भक्त इस दिन सत्यनारायण की पूजा करते हैं। उपासक भगवान् की कृपा पाने के लिए पूर्णिमा का उपवास भी रखते हैं। इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा 08 अप्रैल यानी बुधवार को पड़ रही है। लेकिन इसका उपवास 7 अप्रैल से किया जा रहा है।
प्राचीन मान्यताओं के आधार पर बताया जाता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीकृष्ण जी ने ब्रज नगरी में रास उत्सव रचाया था। इस रास उत्सव को महारास के नाम से भी जाना जाता है। वहीं ये भी कहा जाता है कि इस दिन प्रभु श्रीराम जी के परम भक्त हनुमान जी का जन्म भी हुआ था। चैत्र पूर्णिमा के भगवान् हनुमान जी का जन्मदिन भी बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसलिए भी चैत्र पूर्णिमा विशेष मानी गई है। इसी के साथ ही वैशाख महीना का आगमन हो जाता है।
चैत्र पूर्णिमा 2020 पूजा का शुभ मुहूर्त:
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ अप्रैल 7, 2020 को 12:02:47 बजे
पूर्णिमा समाप्त अप्रैल 8, 2020 को 08:06:17 बजे
कैसे करें चैत्र पूर्णिमा की पूजा?
पूर्णिमा के दिन प्रातः उपासक द्वारा स्नान-दान, हवन, चप- तप और व्रत का काफी महत्व है। इस दिन हनुमान जयंती होने की वजह से पूर्णिमा की पूजा करना अत्यंत फलदायी होता है। इसके बाद सूर्य देव की पूजा करें और उनका मंत्र जाप करें। रात्रि के समय भगवान् चंद्र देव की पूजा का भी महत्व है।
इस दिन भक्त प्रातः उठकर स्नान कर भगवान विष्णु के दर्शन के लिए मंदिर जाएं, नहीं तो घर पर ही अपने घर के मंदिन में भगवान् विष्णु जी को नमन करें। तत्पश्चात भगवान् को जल अर्पित करें। उसके बाद उनका भोग लगाएं। फल चढ़ाएं। इसके साथ ही भगवन को पीला वस्त्र चढ़ाएं और विष्णु मंत्र का जाप करें।