आपने अक्सर सुना होगा कि लोग चने भीगो कर खाने के लिए बोलते हैं। चना एक अंकुरित आहार माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं छोटा सा दिखने वाला चना पाचन तंत्र सहित कैंसर और एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी से रक्षा करता है। चने में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम साइसर एरीटिनम है। चने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर और विटामिन-बी सहित कई अन्य पोषक तत्व होते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं चने खाने के फायदे।
चने के फायदे (Benefits of Chickpeas)
शुगर पर नियंत्रण
शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में चना अहम भूमिका निभाता है। चना शरीर में अतिरिक्त बल्ड शुगर को दबाने का काम करता है। शुगर का एक कारण अत्यधिक भूख लगना भी है और चना भूख को कम करने का काम करता है। इसके पीछे लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (रक्त शर्करा के स्तर पर कार्बोहाइड्रेट का प्रभाव), फाइबर व प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का होना है।
पाचन तंत्र
पाचन तंत्र के लिए भी चने के फायदे बहुत हैं। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसलिए चना पेट संबंधी समस्याओं जैसे गैस, कब्ज, डायरिया और सख्त मल आदि को ठीक कर स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है । फाइबर कब्ज जैसी स्थितियों के अलावा कोलन कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकता है। पाचन के लिए अंकुरित चने के फायदे बहुत हैं।
हड्डी स्वास्थ्य
हड्डियों के लिए काबुली चना के फायदे बहुत हैं। यह कैल्शियम से समृद्ध होता है और कैल्शियम हड्डियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। यह हड्डियों को स्वस्थ बनाने और उन्हें मजबूत रखने में सहयोग करता है। शरीर कैल्शियम का निर्माण नहीं करता है, इसलिए इसकी पूर्ति कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों से की जाती है। मजबूत हड्डियों के लिए आप रोजाना चने का सेवन कर सकते हैं।
एनीमिया के लिए
चना के औषधीय गुण एनीमिया जैसी घातक बीमारी से भी बचा सकते हैं। यह एक जानलेवा बीमारी है, जो सबसे ज्यादा महिलाओं में देखी जाती है। यह समस्या शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का उचित विकास नहीं होने की वजह से होती है। इसके होने का सबसे बड़ा कारण आयरन की कमी है। चना आयरन से समृद्ध होता है। इसलिए एनीमिया से निजात दिलाने में यह आपकी मदद कर सकता है।
महिलाओं में हार्मोन को करता है नियंत्रित
चना एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है, जो रजोनिवृत्ति (उम्र बढ़ने के साथ प्रजनन हार्मोन में गिरावट) और रजोनिवृत्ति के बाद के नकारात्मक लक्षणों को दूर करने का एक प्राकृतिक तरीका हो सकता है। कि चना अपने एस्ट्रोजेनिक गुणों से रजोनिवृत्ति के लक्षणों और ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) के उपचार में सहायक हो सकता है।