हिंदी पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली (Diwali 2022) का त्योहार मनाया जाता हैं. इसलिए इस बार दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा. हिंदू धर्म में इस त्योहार का बड़ा महत्व है. दिवाली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है. दिवाली (Diwali 2022) का त्योहार पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन घर में लक्ष्मी-गणेश और कुबेर देव की पूजा की जाती है. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. दिवाली (Diwali 2022) के दिन पूजा पूरे विधि विधान के साथ करनी चाहिए. क्योंकि, माना जाता है कि धन की देवी का वास वहीं होता है जहां प्रकाश और स्वच्छता पर जोर दिया हो. इस दिन घर का एक कोना भी अंधकार में नहीं होना चाहिए. आइए जानते हैं दिवाली (Diwali 2022) की रात मां लक्ष्मी की पूजा का महत्व, मुहूर्त और रातभर एक दीपक जलाए रखने की खास वजह
दीवाली (Diwali 2022) पर प्रदोष काल मुहूर्त
दिवाली के दिन यानी 24 अक्टूबर 2022 को रात 07 बजकर 02 मिनट से रात 08 बजकर 23 मिनट तक प्रदोष काल यानी की संध्या के समय मां लक्ष्मी की पूजा का उत्तम समय है.
प्रदोष काल – शाम 05:50 – रात 08:23
वृषभ काल – रात 07:02 – रात 08:58
दिवाली (Diwali 2022) पर रात्रि मुहूर्त
दीपावली पर चौघड़िया देखकर भी मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है. ये मुहूर्त बहुत शुभ माना गया है. दिवाली की रात 10 बजकर 36 मिनट से प्रात: 12 बजकर 11 मिनट पर लाभ का मुहूर्त रहेगा. यह भी पढ़ें: कार्तिक आर्यन ने ठुकरा दिया था 15 करोड़ का पान मसाला ऐड, अक्षय कुमार ने झट से लपक लिया
दिवाली (Diwali 2022) पर निशिता मुहूर्त
निशिता मुहूर्त यानी की मध्यरात्रि मुहूर्त, जिसमें आधी रात को मां लक्ष्मी की पूजा होती. धन की देवी की आराधना के लिए यह मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस समय देवी लक्ष्मी घर-घर में विचरण करती है और मां लक्ष्मी की पूजा से सहस्त्ररुप सर्व व्यापी लक्ष्मीजी सिद्धि होती हैं. 24 अक्टूबर 2022 या दिवाली के दिन ये निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 46 मिनट से प्रात: 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा. साधकर को पूजा के लिए 51 मिनट का समय मिलेगा.
क्यों जलाया जाता है दिवाली (Diwali 2022) की पूरी रात दीपक?
दिवाली (Diwali 2022) के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के बाद एक बड़ा दीपक देवी के समक्ष रातभर जलाने की परंपरा है. ऐसा करने की मान्यता है कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी रात में ही पृथ्वी पर घूमती हैं. मां लक्ष्मी को बहुत चंचल माना गया है. दीपक लगाकर इन्हें सदैव घर में निवास करने का विधान है. दिवाली के दिन ऐसा करने से मां लक्ष्मी देवी घर से नहीं जाती और जातक को धन, यश, वैभव, कीर्ति, आरोग्य प्राप्त होता है. दिवाली की रात एक दीपक को रातभर जलाकर काजल भी बनाया जाता है. जिसे अगली सुबह घर के सदस्य अपने आखों में लगाते हैं. साथ ही इस काजल का टीका घर की तिजोरी, अलमारी पर भी लगाया जाता है. मान्यता है इससे बाधाएं दूर होती हैं, घर में समृद्धि आती है.
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