Dussehra 2022: नवरात्रि के दसवें दिन को दशहरा के रूप में मनाया जाता है. हिंदू धर्म में दशहरा का बहुत अधिक महत्व होता है. बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा इस साल 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा. हिंदू संस्कृति में दशहरा को विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है, यह अश्विन के महीने के दौरान दसवें दिन को बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है. मान्यता के अनुसार, दशहरा का त्योहार रावण पर भगवान राम की जीत के साथ-साथ राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत के रूप में मनाया जाता है. इस दिन रावण का पुतला पुरे शहर में जलाया जाता है. दशहरा के दिन हवन करना शुभ माना जाता है. हवन करने से सभी दुख- दर्द दूर होते हैं और सुख- समृद्धि में वृद्धि होती है. आइए आपको बताते हैं हवन करने की विधि और सामग्री,
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हवन करने की विधि :
जिन लोगों को हवन करना हैं, वो सबसे पहले स्नान करके साफ कपड़े पहन कर बैठे. शास्त्रों के अनुसार, पति-पत्नी यदि दंपत्ति के साथ हवन करते हैं तो उसका पूर्ण फल मिलता है. हवन सामग्री को मिला कर उसमें शहद और घी में मिला लें. उसके बाद किसी स्वच्छ स्थान पर हवन कुंड का निर्माण करें. इसके बाद आम की लकड़ी और कपूर से हवन कुंड में अग्नि प्रज्जवलित करें. हवन कुंड में सभी देवी- देवताओं के नाम की आहुति दें. घी के साथ ‘ॐ ह्रीं क्लें चामुंडयै विच्छै नमः’ मंत्र से माता के नाम पर ‘माता’ का भोग लगाएं और फिर सभी देवताओं को नाम से 3 या 5 बार भोग लगाएं. इसके बाद पूरे हवन सामग्री से 108 बार हवन करें. अब हवन संपन्न होने के बाद कपूर और घी के दीपक से आरती करें. अब इसके बाद माता रानी को खीर, हलवा, पूरी और चना अर्पित करें और हवन करने के बाद कन्या भोज कराएं.
हवन सामग्री :
हवन करने के सामग्री में आपको आम की लकड़ी, पीपल का तना, बेल, नीम, गूलर की छाल, चंदन, अश्वगंधा ब्राह्मी, मुलठी की जड़, कपूर, तिल, चावल, लौंग, गाय का घी, गूगल, इलायची, चीनी, नवग्रह की लकड़ी, पंचमेव, सूखा नारियल और गोला, लाल कपड़ा, कलावा, सुपारी, पान, बताशा, पूरी और खीर और जौ लेना है.
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