Happy Birthday Google: गूगल की जरूरत आज के समय में किसे नहीं पड़ती है. हमारी जिंदगी में गूगल एक अहम हिस्सा बन चुका है. वहीं आज गूगल 23वां जन्मदिन मना रहा है. इस मौके पर चलिए आपको बताते हैं आखिर इसकी शुरूआत कब हुई, किसने की और कैसे हुई? तो चलिए आज जानते हैं गूगल की कहानी के बारे में. यह भी पढ़े: Aaj Ka Rashifal 2022: इन राशि वालों को रखना होगा अपना खास ख्याल, जानें क्या कहता है आज आपका राशिफल?
दो दोस्तों ने मिलकर शुरू किया था
गूगल की कहानी काफी खास है. 1995 में स्टैडफोर्ड यूनिवर्सिटी से इसकी कहानी शुरू होती है. लैरी पेज (Larry Page) स्टैंडफोर्ड को अपनी ग्रेजुएशन करने पर विचार कर रहे थे और वहां छात्र सर्गी ब्रिन (Sergey Brin) को उन्हें कैंपस दिखाने का काम दिया गया था. जब वह पहले मिले थे, तो उनकी काफी चीजों पर सहमति नहीं हो पाई थी. लेकिन एक साल के भीतर उन्होंने पार्टनरशिप कर ली. उन्होंने साथ मिलकर एक सर्च इंजन बनाया. उन्होंने पहले Google.stanford.edu एड्रेस पर एक इंटनेट सर्च इंजन बनाया था. जिसका नाम उन्होंने BackRub रखा. हालांकि, बाद में इसे बदल कर Google कर दिया गया था. गूगल को एक कंपनी के तौर पर सितंबर 1998 में रजिस्टर कराया गया था.
क्यों रखा गया था इसका नाम गूगल?
अब आप भी सोचते होंगे आखिर गूगल का नाम कैसे पड़ा होगा. तो आपको बता दें, इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है. जानकारी के मुताबिक, 1920 में गणितज्ञ Edward Kasner ने अपने भांजे Milton Sirotta को एक ऐसी संख्या के लिए नाम चुनने में मदद करने के लिए कहा, जिसमें 100 शून्य मौजूद हों. ऐसे में Sirotta ने उन्हें ‘googo’ का नाम सुझाया था. Kasner ने इस शब्द का इस्तेमाल करने का फैसला किया. यह शब्द साल 1940 में शब्दकोश में आ गया. Kasner ने उस साल मैथमेटिक्स एंड द इमेजिनेशन नाम से एक किताब लिखी और उस किताब में उन्होंने 100 जीरो के साथ नंबर के लिए googol शब्द का इस्तेमाल किया.
यह भी पढ़े: KRK: कमाल आर खान का जेल से आने के बाद छलका दर्द, कहा- ‘बॉलीवुड के लोग फर्जी केस में फंसा सकते हैं…’
Googol से बना Google
1998 में जब कंपनी की शुरुआत की गई, तो को-फाउंडर लेरी पेज और Sergei Brin ने ‘गूगल’ नाम तय किया. क्योंकि वे इंजीनियर थे और इस शब्द से अवगत थे. हालांकि, उन्होंने Googol शब्द को जैसे के तैसा नहीं लेते हुए, उसमें कुछ बदलाव करके Google कर दिया. इसके पीछे उनका मकसद दुनिया भर की जानकारी को एक जगह साथ में करना था. इसलिए उन्होंने यह नाम लिया, जो 100 जीरो को दिखाता था.
1998 में शुरू हुई थी कंपनी
गूगल ने सिलिकॉन वैली के निवेशकों का भी ध्यान अपनी तरफ खींचा. अगस्त 1998 में सन के को-फाउंडर Andy Bechtolsheim ने लेरी और सर्जी को 1 लाख अमेरिकी डॉलर का चेक दिया और गूगल इंक की आधिकारिक तौर पर शुरुआत हो गई. इस निवेश के साथ, टीम जो पहले डोर्मेटरी में काम करती थी, वह अपने पहले दफ्तर में शिफ्ट हो गई. कंपनी का पहला दफ्तर कैलिफोर्निया के सबअर्बन मैन्लो पार्क में था, जिसका मालिकाना हक Susan Wojcicki के पास था जो अब यूट्यूब के सीईओ बन चुकी हैं.
बता दें, गूगल की आरंभिक सार्वजनिक सेवाएं पांच साल बाद 19 अगस्त 2004 में शुरू हुई थी. कम्पनी ने अपने 1,96,05,052 शेयरों का दाम 85 डॉलर प्रति शेयर रखा. शेयरों को बेचने के लिए एक अनूठे ऑनलाइन निलामी फ़ॉर्मेट का इस्तेमाल किया गया. कहा जाता है कि 67 अरब डॉलर की बिक्री ने गूगल को बाज़ार में 23 अरब डॉलर से अधिक की राशि से बाजार पूंजीकरण किया. 2,710 लाख शेयरों का विशाल बहुमत गूगल के नियंत्रण में रहा और काफी गूगल कर्मचारी शीघ्र ही कागज़ी लखपति बन गए थे.
यह भी पढ़े: शाहरुख़ खान ने किया खुलासा, शर्टलेस फोटोशूट के दौरान उनकी टीम ने कर दी थी ऐसी हरकत!
बॉलीवुड और टीवी की अन्य खबरों के लिए क्लिक करें: