भारतीय घरों में खट्टे-मीठे स्वाद के लिए जाने-जाने वाली छोटी सी इमली (Tamarind) का उपयोग लोग ज्यादातर चटनी बनाने में या होली के मौसम में पानी पूरी का पानी बनाने में करते हैं। वहीं कभी बच्चे तो कभी युवतियां इसे चटकारे लेकर खाते दिखाई दे जाते हैं। इतना ही नहीं घर में बनने वाले कई तरह के व्यंजन इसके स्वाद के बिना अधूरे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि इमली में जितनी स्वाद में थिकी और चटपटी होती हैं वहीं इसमें कुछ लाभकारी गुण भी पाए जाते हैं। आज हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में इसके कुछ ऐसे ही लाभकारी गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं लेकिन उससे पहले ये जान लें कि इमली आखिरकार है क्या….
इमली क्या है?
इमली एक तरह का फल है और इसका वैज्ञानिक नाम टैमेरिन्डस इंडिका है। इसे अंग्रेजी में इसे टैमरिंड के नाम से जाना जाता है। कच्ची इमली हरे रंग की होती है और पकने के बाद यह लाल रंग में बदल जाती है। स्वाद में खट्टा-मीठा होने की वजह से इसका इस्तेमाल अधिक होता है। कच्ची इमली स्वाद में अत्यधिक खट्टी होती है। वहीं पक जाने के बाद इसमें थोड़ी मिठास भी घुल जाती है। कहा तो ऐसा भी जाता है कि इमली में मौजूद पोषक तत्व, ह्रदय, त्वचा, बाल, मोटापा और पेट संबंधी कई बीमारियों का इलाज करने में सहायक हो सकते हैं।
इमली के फायदे
इमली में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन में सहायक डाइजेस्टिव जूस को प्रेरित करने का काम करते हैं। इस कारण पाचन क्रिया पहले से बेहतर तरीके से काम करने लगती है। इमली के औषधीय गुण पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
इमली के बीज में ट्रिप्सिन इन्हिबिटर गुण (प्रोटीन को बढ़ाना और नियंत्रित करना) पाया जाता है। इस गुण के कारण यह मेट्स डिसआर्डर से संबंधित परेशानियों जैसे – हृदय रोग, हाई ब्लड शुगर, हाई-केलेस्ट्रोल, हाई-ट्रिगलीसिराइड और मोटापा को दूर करने में सहायक साबित हो सकता है। ऐसे में इमली का सीधे उपयोग भी हृदय संबंधी स्वास्थ्य में लाभकारी साबित हो सकता है।
इमली के औषधीय गुण तंत्रिका तंत्र में सुधार कर दिल की धड़कन को नियंत्रित करने का काम करते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इमली में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। दरअसल कैल्शियम, तंत्रिका तंत्र को सही गति देने का काम करता है।
इमली में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जिनमें इन्फेक्शन को रोकने, दर्द कम करने, प्रतिरोधक क्षमता को सक्रीय करने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने वाले गुण मौजूद होते हैं।
इमली के फायदे में पीलिया और लिवर स्वास्थ्य की परेशानी से बचाव भी शामिल है। कारण यह है, कि इमली में एंटीऑक्सिडेंट और हेप्टोप्रोटेक्टिव प्रभाव पाए जाते हैं। माना जाता है, कि यह प्रभाव इन दोनों ही समस्याओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं।
इमली के नुकसान
गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इमली के अधिक सेवन से बचना चाहिए, नहीं तो इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं।
डायबिटीज के मरीजों (जो इंसुलिन या शुगर संबंधित दवा का उपयोग करते हैं) को इमली का उपयोग करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
इमली के प्रयोग से ब्लड शुगर कम होता है। इसलिए, किसी भी सर्जरी से करीब दो हफ्ते पहले से इमली का प्रयोग बंद कर देना चाहिए। हो सकता है कि इसके उपयोग के कारण सर्जरी के बाद ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मुश्किल आए।
इमली में खून को पतला करने वाले गुण पाए जाते हैं। इसलिए, अगर आप खून को पतला करने वाली किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो इमली का उपयोग बिल्कुल न करें।