Holashtak 2020 Date: हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार होली पर्व से ठीक आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाते हैं। प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से पूर्णिमा तक रहते हैं। अगर इस वर्ष की बात की जाए तो इस बार होलाष्टक 03 मार्च से 09 मार्च तक रहेंगे। वहीं होलिका दहन के बाद समाप्त हो जाएंगे। होलाष्टक (Holashtak) के इन 8 दिनों के अंतराल में किसी भी तरह का कोई भी मांगलिक कार्य जैसे शादी, मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं किया जाता है। वहीं होलाष्टक के दिनों में आप विशेष पूजा विधि के साथ ऐसे उपाय कर सकते हैं, जिससे आपको धन-संपत्ति में वृद्धि, संतान प्राप्ति और नौकरी में तरक्की मिलेगी।
होलाष्टक (Holashtak) के दौरान करें ये विशेष पूजा
1. होलाष्टक के दिनों को भक्तों को लड्डू गोपाल की पूजा विधि विधान से करनी चाहिए। पूजा के दौरान गाय के शुद्ध घी और मिश्री से हवन करना चाहिए। इस विधि से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।
2. होलाष्टक में जौ, तिल और शक्कर से हवन करने से आपको अपने करियर में तरक्की मिलेगी।
3. होलाष्टक के दिनों में कनेर के फूल, गांठ वाली हल्दी, पीली सरसों और गुड़ से हवन करने से धन-संपत्ति में वृद्धि के योग बनते हैं।
4. इसी के साथ ही अगर आप होलाष्टक के दिनों में भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं तो आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। इससे शरीर के सभी रोग दूर होते हैं।
होलाष्टक (Holashtak) में नकारात्मकता का प्रभाव
हिंदू धर्म ग्रंथों और पौराणिक मान्यताओं के आधार पर बताया जाता है कि होलाष्टक के समय में भक्त प्रह्लाद को अनेक प्रकार की यातनाएं दी गई थीं, इसलिए इस 8 दिनों के समय को नकारात्मकता वाला माना जाता है। इसी के चलते इन दिनों में किसी तरह के मांगलिक कार्य से दूर रहा जाता है।
होलाष्टक में करें भगवान की वंदना
होलाष्टक के आठ दिनों के बीच आपको भगवान का भजन, जप, तप आदि करना चाहिए। कहा जाता है इन दिनों में भक्त प्रह्लाद पर कष्टों की बौछार की गई। जिसके चलते उनके काफी कष्ट हुआ। वहीं इन दिनों भगवान विष्णु या फिर अपने इष्टदेव की आराधना करनी चाहिए। जिस प्रकार भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद के सभी संकटों का निवारण किया था, ठीक वैसे ही भगवान आपके कष्टों को भी दूर करेंगे।
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