International Human Rights Day 2022: मानवाधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है. मानवाधिकार संरक्षण के लिहाज से ये दिन बेहद खास है. मानवाधिकार दिवस की औपचारिक शुरुआत 1950 से हुई, जिसका उद्देश्य विश्वभर के लोगों को मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूक करना और इसके पालन के प्रति सजग रहने का संदेश देना है. मानवाधिकार (Human Rights Day) का मतलब है कि गैर-भेदभावपूर्ण यानी सभी को एक समान अधिकार मिलना चाहिए, किसी को इससे बाहर नहीं किया जा सकता है. इस साल मानवाधिकार दिवस 2022 की थीम डिग्निटी, फ्रीडम और जस्टिस फॉर ऑल रखी गई है. आज हम आपको बताएंगे आखिर क्यों मनाया जाता है मानवाधिकार दिवस. यह भी पढ़ें: आखिर क्यों बजरंगबली की शनिवार के दिन पूजा करने से प्रसन्न हो जाते हैं शनि देव, वजह जानकर होंगे हैरान
मानवाधिकार दिवस का महत्त्व:
10 दिसंबर 1984 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाई गई मानवाधिकारों (Human Rights Day) की सार्वभौमिक घोषणा का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है. ये मानवाधिकार के पहला वैश्विक दस्तावेज था जो सभी जनता के मौलिक अधिकारों को रेखांकित करता है जिन्हें यूनिवर्सिली संरक्षित करने की आवश्यकता है. ये दिन लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है. सभी लोगों को सामान तौर पर स्वास्थ्य, आर्थिक, सामाजिक और शिक्षा का अधिकार मिल सके. मानवाधिकार (Human Rights Day) एक ऐसी रेखा है जिसमें जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग और आदि चीजें एक रेखा और एक पंक्ति में रहने में मदद करती हैं.
मानवाधिकार दिवस मनाने की घोषणा:
आपको बता दें, दूसरे विश्व युद्ध में हुई भारी जनहानि के बाद सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1984 को मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) मनाने की घोषणा की गई थी. इस मामले में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1950 को एक प्रस्ताव 432 (वी) पारित कर पुरे विश्व को 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाने का मांग की थी. उस समय मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) के इस प्रस्ताव पर 48 देशों ने हस्ताक्षर कर अपनाया था.
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