Indian Air Force Day 2022: 8 अक्टूबर का दिन हर एक भारतीय के लिए खास है और वो इसलिए क्योंकि आज पूरा देश मना रहा है इंडियन एयर फॉर्स डे. इस दिन से जुड़ी हर एक खास बात आपको पता होनी चाहिए. आखिर क्यों मनाया जाता है इंडियन एयर फॉर्स डे? कहां से हुई थी इसकी शुरुआत? आइए आपको देते है भारतीय वायुसेना से जुड़ी अनके रोचक जानकारी.
क्या है इसका इतिहास?
इंडियन एयर फॉर्स की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा की गई थी, इसलिए हर साल इस दिन भारतीय वायुसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसका गठन यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयर फोर्स को सहायता प्रदान करने के लिए किया गया था, खासकर जापान के खिलाफ द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि देश के स्वतंत्र होने से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) कहा जाता था. 1 अप्रैल 1933 को वायुसेना का पहला दस्ता बना जिसमें 6 आएएफ-ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था. आजादी के बाद वायुसेना के नाम में से “रॉयल” शब्द को हटाकर सिर्फ “इंडियन एयरफोर्स” कर दिया गया था. किंग जॉर्ज VI ने 1945 में “रॉयल” के साथ IAF के योगदान को सम्मानित किया था. भारत के गणतंत्र बनने के बाद 1950 में इस मानद उपाधि को हटा दिया गया था. यह भी पढ़ें: HBD Gauri Khan: ‘पावर लेडी’ कही जाने वाली गौरी छिब्बर शादी के बाद बनी ‘खान’, आज है करोड़ों की मालकिन!
एयर फोर्स को आर्मी से किसने किया था आजाद?
आजादी से पहले वायु सेना आर्मी के तहत ही काम करती थी. एयर फोर्स को आर्मी से ‘आजाद’ करने का श्रेय भारतीय वायु सेना के पहले कमांडर इन चीफ, एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को जाता है. आजादी के बाद सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को भारतीय वायु सेना का पहला चीफ, एयर मार्शल बनाया गया था. वह 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस पद पर बने रहे थे.
‘नभ: स्पृशं दीप्तम’ कहां से लिया गया?
भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’. यह गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है. यह महाभारत के युद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है यहीं से इसे लिया गया था.
वायुसेना का ध्वज
वायुसेना ध्वज, वायु सेना निशान से अलग, नीले रंग का है जिसके शुरुआती एक चौथाई भाग में राष्ट्रीय ध्वज बना है और बीच के हिस्से में राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों अर्थात् केसरिया, श्वेत और हरे रंग से बना एक वृत्त है. यह ध्वज 1951 में अपनाया गया था.
बता दें कि भारतीय एयरफोर्स दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है. भारतीय वायुसेना अपनी स्थापना के बाद से अब तक कई युद्धों में शामिल हो चुकी है. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ चार बार युद्ध में हिस्सा लिया है. पहली बार वायुसेना ने 1948, उसके बाद 1965 और 1971 व 1999 में युद्ध में हिस्सा लिया था. इसके अलावा, वायुसेना 1962 में चीन के सामने अपना दम दिखा चुकी है. तो ये है भारतीय वायुसेना से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें जिनके बारें में आपको जरुर पता होना चाहिए.
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