उत्तराखंड के चार धामों में से एक केदारनाथ मंदिर के कपाट इस बार भी तय तारीख यानी 29 अप्रैल को ही खोले जाएंगे। केदारनाथ धाम के पुजारी ने मंदिर के कपाट खोलने की तारीख आगे बढ़ाने से मना कर दिया है। केदारनाथ धाम के कपाट मेष लग्न में प्रातः 6 बजकर 10 मिनट पर खोले जाएंगे। मंदिर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि केदारनाथ धाम को लेकर जो प्राचीन परंपरा है, उसे बरकरार रखा जाएगा।
26 अप्रैल को बाबा केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूर्ति चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान होकर पंचकेदार गद़्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ से अपने धाम के लिए 26 अप्रैल को प्रस्थान करेगी। इस यात्रा में मंदिर के पुजारी सहित 16 अन्य लोग ही धाम जाएंगे।
केदारनाथ धाम के कपाट खोलने का निर्णय उखीमठ में महाशिवरात्रि के दिन लिया जाता है और हिंदू पंचांग के अनुसार यह तिथि तय की जाती है। वहीं उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केदारनाथ धाम के पंडे और पुजारियों सहित मुख्य पुजारी रावल से अपील की है कि वे बदरीनाथ के कपाट खोले जाने की तिथि को आगे बढ़ाए जाने की तरह ही केदारनाथ के कपाट खोलने की तारीख भी आगे बढ़ाएं।
ज्योतिष पीठ बदरीनाथ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोलने की तय तारीख को आगे बढ़ाए जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने जगतगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित प्राचीन परंपरा का तोड़ने की बात कही है। इसी के साथ ही राज्य सरकार और टिहरी राजघराने पर इसका आरोप लगाया है। मंगलवार को केदारनाथ धाम के उखीमठ क्षेत्र में स्थित ओमकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ मंदिर के पंडे और पुजारियों के बीच वेद पाठी की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से मंदिर के कपाट खोलने की तारीख आगे न बढ़ाने का फैसला लिया गया।