जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे हमारे इम्युन सिस्टम में भी बदलाव होते हैं। 50 की उम्र पार करते ही शरीर के ब्लड प्रेशर लेवल का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। सामान्य तौर पर हमारे ब्लड प्रेशर को दो तरह से पढ़ा जाता है, पहला- सिस्टोलिक और दूसरा- डायस्टोलिक। नॉर्मल ब्लड प्रेशर का लेवल 120/80 मिमी. या फिर 120 ओवर 80 होता है। अगर आपका सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर लेवल 140 से ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि आप हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन के मरीज हैं।
बढ़ती उम्र के साथ-साथ ब्लड प्रेशर का लेवल (सिस्टोलिक) भी बढ़ता जाता है। साथ ही डायस्टोलिक घटता जाता है। कई बार सामान्य मामलों में भी यह स्थिति देखी गई है। दवाइयों के इस्तेमाल के बावजूद सिस्टोलिक लेवल बढ़ जाता है। वैसे तो इसके कारण अभी तक पता नहीं चल पाए हैं, लेकिन माना जाता है कि उम्र के साथ-साथ शरीर में हार्मोन्स भी बदलते हैं और इसी वजह से शरीर का ब्लड प्रेशर लेवल भी प्रभावित होता है।
बुजुर्गों को होती है ज्यादा नमक खाने की आदत
बुजुर्गों को ज्यादा नमक खाने की भी आदत होती है और उनकी यह आदत उनकी टेस्ट बड के कारण बढ़ती चली जाती है। धमनियों और अन्य रक्त वाहिकाओं में होने वाले परिवर्तनों के कारण हार्ट रेट में भी कमी देखी जाती है। बुजुर्गों को अगर हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी है, तो उन्हें समय-समय पर चेकअप कराते रहना चाहिए। इस दौरान शरीर में होने वाले सभी बदलावों या जैसा आप महसूस कर रहे हों, को डॉक्टर को बताएं। खानपान का ध्यान रखें। हेल्दी डाइट लें, शराब-सिगरेट आदि से बचें। खाने में नमक का इस्तेमाल कम करें। रोजाना एक्सरसाइज करें। साथ ही डॉक्टर द्वारा बताई गईं दवाइयों का सेवन जरूर करें।
ये भी पढ़ें: Health Tips: कैंसर और गठिया के लिए रामबाण इलाज है मछली का तेल, जानिए इसके 6 जबरदस्त फायदे