आजकल के मौसम के बदलते मिजाज से न केवल हमारी सेहत ख़राब होती हैं बल्कि इन दिनों में मच्छर से फैलने वाली जानलेवा बीमारियां डेंगू-मलेरिया और चिकिनगुनिया का खतरा भी तेजी से बढ़ जाता हैं। क्या आप जानते हैं छोटा-सा दिखने वाला मच्छर भी आपकी जान का दुश्मन बन सकता है? मच्छर से कई तरह की बीमारियां होती है जिनमें मे से सबसे खतरनाक बीमारी मलेरिया हैं। वैसे तो इस बीमारी के फैलने के पीछे कई सारे कारण हैं लेकिन आस-पास की फैली गंदगी से पनपने वाले मच्छर इस रोग का कारण बनते हैं।
मलेरिया बुखार एक संक्रामक रोग है। जो फीमेल मच्छर एनोफिलीज के काटने से होता है। इस मच्छर में एक विशेष प्रकार का जीवाणु पाया जाता है जिसे डॉक्टरी भाषा में प्लाज्मोडियम कहा जाता है। यदि समय रहते इस इलाज पर गौर नहीं किया गया तो यह मर्ज जानलेवा भी हो सकता है। इस बीमारी के लक्षण तेज बुखार, पसीना आना, शरीर में दर्द और उल्टी आना हैं। ऐसे में सबसे पहले कोशिश करें कि अपने आस-पास गंदगी और पानी इकठ्ठा न होने दें इससे मच्छर को पनपने से रोका जा सकता है।
मलेरिया बुखार है क्या
अगर लोगों से पूछा जाए कि मलेरिया (Malaria Symptoms) क्या है, तो लोग अक्सर यही कहते हैं कि मलेरिया एक तरह का बुखार है, जो मच्छर के काटने से होता है। इसमें मरीज को ठंड लगती है और तेज बुखार आता है। हालांकि, यह सही है, लेकिन यह पूरी तरह से मलेरिया की परिभाषा नहीं है। ‘मलेरिया’ इटालियन शब्द ‘माला आरिया’ से लिया गया है। चिकित्सकीय रूप से मलेरिया एक प्रोटोजोआ परजीवी (जो दूसरे जीवों पर आश्रित होते हैं) के कारण होने वाली संक्रामक बीमारी है। मादा एनोफिलीज मच्छर इस परजीवी के लिए वाहक का काम करते हैं। मादा मच्छर स्थिर पानी में प्रजनन कर, परजीवी को मनुष्य तक फैलाते हैं। जब ये मच्छर किसी व्यक्ति को काटते हैं, तो परजीवी उसके शरीर में प्रवेश करता है और शुरू में कुछ दिनों के लिए लिवर में बढ़ने लगता है। फिर यह लाल रक्त कोशिकाओं को क्षति पहुंचना शुरू करते हैं। ऐसा ज्यादातर गर्म स्थानों में होता है, जिस कारण गर्म जगहों पर रहने वाले लोग इससे जल्दी प्रभावित हो जाते हैं।
मलेरिया के लक्षण
बुखार
ठंड लगना
पसीना
सिरदर्द
मतली और उल्टी
थकान
शरीर में दर्द
जोड़ों का दर्द
भूख में कमी
डायरिया
मलेरिया का घरेलू इलाज
मलेरिया का सही समय से इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है, लेकिन आज हम आपको बताएंगे मलेरिया से बचाव के लिए कुछ घरेलू उपचार…..
तुलसी: मलेरिया के उपचार में आप सबसे पहले आप 12 से 15 तुलसी के पत्ते लें। पत्तियों को कुचल लें और फिर इन्हें नीचोड़ कर रस निकाल लें। फिर इसमें आधा चम्मच काली मिर्च का पाउडर मिला लें। इस रस को दिन में तीन बार पिएं।
पपीता का पत्ता: पपीते के पत्तों को अच्छी तरह से धो लें। धोने के बाद इनको छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर पत्तों का रस निकाल लें। रस निकालते वक्त आप गर्म पानी का उपयोग करें। उसके बाद आप इसमें स्वाद के लिए शहद मिला सकते हैं। फिर इसका सेवन करें। अगर आप एक बार में इसका सेवन नहीं कर सकते हैं, तो एक बोतल में इसे डालकर फ्रिज में रख लें। जब भी इसका उपयोग करें, उससे पहले बोतल को अच्छी तरह हिला लें। ध्यान रहे कि इसे ज्यादा दिनों के लिए फ्रिज में स्टोर न करें। कोशिश करें कि उतना ही बनाए, जितनी जरूरत हो। आप दिनभर में एक से दो बार इस जूस का सेवन करें।
दालचीनी: एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाएं। एक चुटकी काली मिर्च पाउडर लें। पाउडर और काली मिर्च पाउडर को कुछ मिनट के लिए पानी में उबालें।फिर एक चम्मच शहद लें और इसमें एक गिलास पानी मिलाएं। अब आपका ये पेस्ट पूरी तरह से तैयार हैं।
सेब का सिरका: आधा कप सेब का सिरका लें। सेब के सिरके को अच्छे से पानी में घोल लें। इसमें दो से तीन गिलास पानी मिलाए। अब उसमें कपड़े के टुकड़े को भिगो दें। फिर इसे भीगे कपड़े को पैर के पीछे वाली मांसपेशियों पर रखें, जिसे काफ कहते हैं। ऐसा दिन में दो से तीन बार करें।
नींबू का रस: मलेरिया भगाना हो तो भी नींबू पानी का सेवन किया जा सकता है। मलेरिया में नींबू पानी बहुत ही असरदार काम करता है। एक गिलास गर्म पानी में नींबू का रस निचोड़कर उसका सेवन करें। ध्यान रहे पानी ज्यादा गर्म न हो, बल्कि गुनगुना हो। आप बुखार के वक्त एक से दो बार इसका सेवन करें।
मलेरिया में क्या खाएं
मलेरिया में खिचड़ी व दलिया जैसा खाना खाएं पच सके। खाने में गाजर, चुकंदर व पपीता आदि का सेवन करें। सादा खाना जैसे दाल-रोटी व हरी सब्जियों का सेवन करें। जो मांसाहारी हैं, वो अंडे का सेवन कर सकते हैं।
मलेरिया में क्या न खाएं
मलेरिया में तेल-मसाले या फैट वाले खाद्य पदार्थो को हाथ भी न लगाएं। मलेरिया में ठंडी चीज या तरल पदार्थ का सेवन न करें। ठंडी तासीर के फल या खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। चाय व कॉफी का सेवन न करें। सॉस और अचार का सेवन न करें।
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