Laddu Fek Holi Mathura: उत्तर-प्रदेश के ब्रज क्षेत्र की बात की जाए तो मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन और बरसाना में होली पर्व की धूम देखने लायक होती है। देश के चुनिंदा जगहों में से फेमस होली मथुरा में खेली जाती है। मथुरा में होली का पर्व बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाती है। ब्रज के सभी मंदिरों और गांव में होली महोत्सव की धूम देखने को मिलती है। यहां होली का पर्व 40 दिनों तक चलता है। जिनमें लड्डू फेक होली (Laddu Fek Holi) भी बहुत फेमस है। जहाँ देश के विभिन्न शहरों के साथ साथ विदेश से भी पर्यटक होली खेलने आते हैं।
ब्रज क्षेत्र में होली महोत्सव खासतौर से फाल्गुन शुक्लपक्ष अष्टमी यानी लड्डू फेक होली से शुरू होता है। होली के त्योहार को गोकुल, वृंदावन और मथुरा में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यहां रंग वाली होली से पहले लड्डू, फूल और छड़ी वाली होली भी मनाई जाती है।
लड्डू होली की परंपरा द्वापर युग से हुई शुरु:
पौराणिक कथा के अनुसार लड्डू होली को लेकर बताया जाता है कि द्वापर युग में बरसाने की होली खेलने का निमंत्रण लेकर सखियों को नंदगांव भेजा गया था। राधारानी के पिता बृषभानजी के न्यौते को कान्हा के पिता नंद बाबा ने स्वीकार कर लिया और स्वीकृति का पत्र एक पुरोहित के हाथों बरसाना भेजा। बरसाने में बृषभानजी ने नंदगांव से आए पंडे का स्वागत किया और थाल में लड्डू खाने को दिया। इस बीच बरसाने की गोपियों ने पंडे को गुलाल लगा दिया। फिर क्या था पंडे ने भी गोपियों को लड्डूओं से मारना शुरु कर दिया। इसी तरह से ब्रज क्षेत्र में लड्डू होली का शुभारंभ हुआ।
अगर ब्रज क्षेत्र में होली के पर्व की बात करें तो यहां कई दिनों तक होली खेली जाती है। जिसके लिस्ट आप यहां देख सकते हैं-
6 मार्च को वृंदावन में फूलों की होली खेली जाएगी। इस होली में बांके बिहारी मंदिर के कपाट खुलते ही पुजारी भक्तों पर फूलों की वर्षा करते हैं।
7 मार्च को गोकुल की छड़ीमार होली खेली जाएगी। गोकुल बालकृष्ण की नगरी है। यहां उनके बालस्वरूप को ज्यादा महत्व दिया जाता है।
8 मार्च चर्तुदशी के दिन से 10 मार्च तक ब्रज में रंग वाली होली खेली जाएगी।