Nanda Saptami 2022: 30 नवंबर को सूर्य की पूजा करने से सारे कष्ट हो जाएंगे दूर, जानिए मुहूर्त और पूजा की विधि

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नंदा सप्तमी के नाम से जाना जाता है. इस दिन सूर्यदेव, भगवान गणेश, मां नंदा की पूजा की जाती है. जानते हैं नंदा सप्तमी की तारीख, मुहूर्त.

Nanda Saptami 2022: इस साल नंदा सप्तमी 30 नवंबर को मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नंदा सप्तमी के नाम से जाना जाता है. इस दिन खासतौर पर सूर्यदेव, भगवान गणेश और मां नंदा की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन इन देवी-देवताओं की आराधना से दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है और तेजस्वी होने का वरदान मिलता है. यह भी पढ़ें: वरुण धवन की सबसे खराब आदत का कृति सेनन ने किया खुलासा, खुद एक्ट्रेस को भी आता है बहुत गुस्सा!

कब मनाई जाएगी नंदा सप्तमी?

नंदा देवी जगत जननी मां पार्वती का ही स्वरूप हैं. पूजा के अलावा इस दिन दान का भी विशेष महत्व है. आइए जानते हैं इस साल नंदा सप्तमी की तारीख, मुहूर्त और पूजा विधि. नंदा सप्तमी इस साल 30 नवंबर 2022 को है. हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 29 नवंबर 2022 को सुबह 11 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी. अगले दिन 30 नवंबर 2022 को सुबह 08 बजकर 58 मिनट पर सप्तमी तिथि का समापन होगा. यह भी पढ़ें: HBD Mahira Sharma: पारस छाबड़ा नहीं बल्कि ये एक्टर था माहिरा शर्मा का पहला प्यार, लेकिन अधूरी रह गई प्रेम कहानी

सूर्य की क्यों की जाती है पूजा?

ज्योतिष ग्रंथों में सूर्य सप्तमी तिथि के स्वामी माने गए हैं, इसलिए शुक्लपक्ष की सप्तमी पर उगते हुए सूरज को जल चढ़ाने की परंपरा है. नारद पुराण के अनुसार इस दिन भगवान सूर्य के लिए ‘मित्र व्रत’ करने का वर्णन है. पुराणों के वर्णित है कि कश्यप ऋषि के तेज और अदिति के गर्भ से मित्र नाम के सूर्य ने जन्म लिया था. इसलिए नंदा सप्तमी के दिन सूर्य के मित्र रूप की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इनकी पूजा करने से जीवन सुखमय रहता है और वैवाहिक जीवन में आ रही अड़चने दूर हो जाती हैं.

इस दिन लोग रखते हैं खास व्रत

मान्यता है जो इस तिथि पर दिनभर व्रत रखकर, सूर्य की उपासना और फिर ब्राह्मण भोजन करवाता है उसके आत्मविश्वास और आयु में वृद्धि होती है और बीमारियों से छुटकारा मिलता है. तमाम तरह के दोषों का नाश होता है. नंदा सप्तमी में गर्म कपड़े, गुड़, लाल चंदन, तांबे के बर्तन का दान करने से बुद्धि और बल में बढ़ोत्तरी होती है.

इस दिन क्या-क्या करना चाहिए?

सबले पहले मुहूर्त के अनुसार सूर्य को जल अर्पित करे. इसके लिए तांबे के लौटे में लाल फूल, लाल चंदन, जल, अक्षत डालें और ऊँ घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें. उसके बाद संभव हो तो इस दिन व्रत रखें. इस दिन जरूरतमंदों को यथाशक्ति दान दें. व्रत में नमक युक्त भोजन ग्रहण न करें.

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Tanvi Sood :मेरा नाम तन्वी सूद है और मैं इस इंडस्ट्री में पिछले 6 साल से काम कर रही हूं. एक एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट होने के नाते मैं खबरों की परख रखती हूं और मुझे अपने काम से प्यार है. मुझे किताबें पढ़ना, कविताएं लिखना काफी पसंद है.