हिंदू पंचांग के मुताबिक़ इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 25 मार्च से हो रही है। नवरात्रि के नौ दिनों का शास्त्रों में बहुत महत्व बताया गया है। इन 9 दिनों माँ देवी के 9 स्वरूपों की बड़े ही धूमधाम से पूजा की जाती है। हिंदू धर्म-ग्रंथो में ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में मां शक्ति की साधना से प्रसन्न होकर माता अपने भक्तों पर पूरे वर्ष कृपा बनाए रखती हैं।
हिन्दू पंचांग के मुताबिक, हिंदू नववर्ष का शुभारंभ भी चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से ही माना जाता है। ज्योतिषों की मानें तो इस वर्ष नवरात्रि के समय कई शुभ योग भी बन रहे हैं। जो भक्तों के लिए लाभकारी हैं। नवरात्रि में निम्न पूजा विधि से माँ को प्रसन्न कर सकते हैं। साथ ही शुभ मुहूर्त पर पूजा करने से भी माँ प्रसन्न होंगी।
चैत्र नवरात्रि पर माँ को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय:
25 मार्च नवरात्रि का पहला दिन भक्तों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन दिन भक्तों को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। इस दिन प्रातः काल उठकर भक्तों को स्नान कर माँ को जल अर्पित करना चाहिए। इसके उपरान्त भक्तों को सफ़ेद मिष्ठान से माँ का भोग लगाना चाहिए। वहीं विद्यार्थियों को नवरात्रि के दौरान ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके साथ ही भक्त दशांग, गूगल और शहद मिश्रित हवन सामग्री से हवन करें।
चैत्र नवरात्रि का शुभ मुहूर्त:
प्रातः सुबह 6 बजकर 19 मिनट से 7 बजकर 17 मिनट तक
पूजा विधि :
सर्व प्रथम भक्त घर की साफ-सफाई करें। उसके बाद गंगाजल छिड़क कर चौकी को पवित्र करना न भूलें। इसके बाद भक्त चौकी के समक्ष किसी बर्तन में मिट्टी फैलाकर ज्वार के बीज बो दें। मां दुर्गा की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें और दुर्गा जी का रोली से तिलक करें। नारियल में भी तिलक लगाएं। कलश स्थापना करने से पहले कलश पर स्वास्तिक अवश्य बना लें। कलश में जल, अक्षत, सुपारी, रोली एवं मुद्रा (सिक्का) डालें और फिर एक लाल रंग की चुन्नी से लपेट कर रख दें।