सिंगापुर में मौत का कहर बरपाने के बाद निपाह वायरस (Nipah Virus Infection) ने भारत में पैर पसारने लगा है। डॉक्टरों ने इसे लेकर एहतियात के तौर पर चेतावनी जारी कर दी है। निपाह वायरस जूनोटिक वायरस है, जो आमतौर पर जानवरों से इंसानों में दूषित भोजन या लोगों के बीच सीधे संपर्क के माध्यम से फैलता है।
यह वायरस (Nipah Virus) चमगादड़ के अलावा सुअर से फैलता है। इसके अलावा ये इंसान से इंसान में भी फैल सकता है। इस वायरस से पीड़ित चमगादड़ जब किसी फल को खा लेते हैं, और उसी फल या सब्जी को कोई इंसान या जानवर खाता है तो संक्रमित हो जाता है।
निपाह वायरस के ये हैं लक्षण
इसकी शुरुआत तेज सिरदर्द और फीवर से होती है।इससे इन्सेफलाइटिस भी हो सकता है। इसके अलावा नशो में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ होना, इन्फेक्शन होना। बार-बार उल्टियां आना। एटिपिकल निमोनिया होता है। गले में खराश होना। सिर चकराना आदि। इससे संक्रमित व्यक्ति का डेथ रेट 74.5 प्रतिशत होता है।
ज्यादातर मामलों में, इन्सेफलाइटिस और दौरे पड़ने जैसे गंभीर शिकायतें होती हैं 24 से 48 घंटों के भीतर कोमा में जाने का चांस रहता है। माना जाता है कि निपहा वायरस के संक्रमण की अवधि 4 से 14 दिनों तक होती है। इस ये रोग 45 दिनों में पूरे शरीर पर कब्जा कर लेता है।
निपाह वायरस से ऐसे करें बचाव
1. यह सुनिश्चित कर लें कि कोई भी फल जो आप खाने वाले हैं, उसे चमगादड़ ने ना खाया हो।
2. ताड़ के पेड़ों के पास खुले कंटेनरों में रखी हुई ताड़ी न पीएं।
3. निपाह वायरस से संक्रमित मरीज से दूरी बनाकर रखें।
4. संक्रमित व्यक्ति के शौचालय या बाथरूम में आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले कपड़े, बर्तन और वस्तुओं को अलग से साफ किया जाना चाहिए और स्वच्छता बनाए रखी जानी चाहिए।
5. हाथों को हमेशा साबुन से रगड़कर साफ करना चाहिए।
6. चिकित्सा स्टाफ को एन-95 मास्क पहनना चाहिए और रोगी के साथ मिलने के बाद मास्क और दस्ताने निकालते समय बेहद सावधानी बरतनी चाहिए।