Pitru Paksha 2022: पितृ पूजन सभी हिंदू घरों में किया जाता है. सभी जानते हैं कि पितृपक्ष में पितरों को तर्पण देने के लिए और अपने दिवगंतों की आत्मा की शांति के लिए उनका श्राद्ध किया जाता है. वहीं श्राद्ध के समय कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए. वहीं घर में चार-पांच भाई बहन होने पर किसे करना चाहिए पूर्वजों का श्राद्ध इसके बारे में आज हम आपको बताते हैं.
किसे करना चाहिए पूर्वजों का श्राद्ध
जिस तरह माता-पिता की अंतिम क्रिया ज्येष्ठ पुत्र यानी सबसे बड़ा पुत्र और कनिष्ठ पुत्र यानी सबसे छोटा पुत्र के द्वारा किया जाना विशेष धार्मिक महत्व रखता है. कहा जाता है कि वैसे तो बड़े पुत्र को ही करना चाहिए, लेकिन उसके ना होना या अदि वो नहीं करे तो छोटा पुत्र कर सकता है. वैसे ही पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म में ज्येष्ठ अथवा कनिष्ठ पुत्र के द्वारा ही किया जाना चाहिए. हालांकि इसमें सभी भाइयो का योगदान बहुत जरूरी होता है लेकिन श्राद्धकर्म सब मिलकर करें लेकिन विधान ज्येष्ठ अथवा कनिष्ठ पुत्र द्वारा ही किया जाना चाहिए.
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अलग-अलग पुत्रों को करना चाहिए
वहीं जब किसी परिवार में सभी पुत्र अलग-अलग रहते हों तो सभी को पितरों का श्राद्ध करना चाहिए. पुत्र न होने पर पौत्र या प्रपौत्र भी श्राद्ध करने का अधिकारी होता है. वहीं यदि किसी का पुत्र है ही नहीं तो भाई को श्राद्ध करने का अधिकार होता है.
कहा जाता है कि पितृपक्ष(Pitru Paksha) के दौरान पितृ किसी न किसी रूप में धरतीलोक पर आते हैं और अपने परिजनों को आशीर्वाद देते हैं ऐसा भी माना जाता है कि पितृपक्ष के समय हम सभी जाने-अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे पितृ नाराज हो जाते है और वापस वापस लौट जाते हैं.
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