इस साल सावन का पावन महीना 14 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस बार सावन के महीने में कुल 4 सावन सोमवर ही पड़ेंगे। सावन के महीने में भोलेनाथ की पूजा का काफी महत्व है। सावन (Shravan) को भोलेनाथ का महीना कहते हैं। सावन के महीने में भक्त अपने आराध्य शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-पाठ करते हैं। पौराणिक विश्वासों के आधार पर भक्त सावन के महीने में शिवजी के प्रिय रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने को बेहद शुभ मानते हैं।
भगवानशिव की पूजा के लिए मंत्र
सावन में भोलेनाथ की पूजा का सर्वश्रेष्ठ काल-प्रदोष समय माना गया है। किसी भी दिन सूर्यास्त से एक घंटा पहले और एक घंटा बाद के समय को प्रदोषकाल कहते हैं। सावन में त्रयोदशी, सोमवार और शिव चैदस प्रमुख हैं। भोलेनाथ को भष्म, लाल चंदन, रुद्राक्ष, आक के फूल, धतूरे का फल, बेलपत्र और भांग विशेष प्रिय हैं। उनकी पूजा वैदिक, पौराणिक या नाम मंत्रों से की जाती है। सामान्य व्यक्ति ऊँ नमः शिवाया या ऊँ नमों भगवते रुद्राय मंत्र से शिव पूजन और अभिषेक कर सकते हैं।
भगवान शिव का सबसे प्रिय फल कौनसा है
भगवान शिव को सावन के पावन महीने में आप उनको सबसे प्रिय फल के रूप में धतूरा चढ़ा सकते है। शिव को धतूरा प्रिय होने के पीछे संदेश यही है कि शिवालय मे जाकर शिवलिंग पर केवल धतूरा ही न चढ़ाएं, बल्कि अपने मन और विचारों की कड़वाहट भी शिवजी को अर्पित करें। ऐसा करने से ही शिवजी प्रसन्न होते हैं।
सावन महीने में शिव पूजन से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं:
सावन का महीना पूरी तरह से भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है और इस दौरान जो भक्त पूरे श्रद्धा भाव से पूजा, जल और दूध का अभिषेक करते हैं उनको समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि यदि कुंवारी कन्याएं सावन के महीने में विधि पूर्वक शिव पूजन करती हैं तो उन्हें अच्छे वर की प्राप्ति होती है।
पौराणिक विश्वासों के आधार पर भोलेनाथ (Bolenath) का प्रिय रंग हरा माना जाता है। सिर्फ सावन सोमवार (Sawan Somwar) में ही नहीं बल्कि भक्त शिवरात्रि (Shivratri) के समय हरे रंग के वस्त्र धारण करते हैं। भोलेनाथ की पूजा के समय हरे रंग के कपड़ों के अलावा संतरी, पीले, सफेद और लाल रंग के कपड़े भी शुभ माने जाते हैं।
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