Janmashtami 2022: जानिए श्री कृष्ण के जीवन की कुछ अनोखी बातें, ‘अर्जुन से पहले इन्हे दिया था गीता का ज्ञान’

श्री कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं, उन्होंने द्वापर युग में रोहिणी नक्षत्र में अष्टमी तिथि के दिन जन्म लिया था.

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Janmashtami 2022: जानिए श्री कृष्ण के जीवन की कुछ अनोखी बातें, ‘अर्जुन से पहले इन्हे दिया था गीता का ज्ञान’

श्री कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं, उन्होंने द्वापर युग में रोहिणी नक्षत्र में अष्टमी तिथि के दिन जन्म लिया था और हर साल इस दिन को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध किया था और धर्म की स्थापना की थी इसके अलावा भी उन्होंने अपने जीवन काल में बहुत से बड़े बड़े कार्यों को अंजाम दिया जिनका मकसद जनकल्याण और समाज को शिक्षित करना था. भगवान श्री कृष्ण महाभारत के युद्ध में अर्जुन के सारथी के रूप में शामिल हुए और उन्होंने स्वयं शस्त्र नहीं उठाए, और इसी महाभारत के युद्ध से पहले उन्होंने अर्जुन को भागवत गीता का ज्ञान भी दिया था. आज हम आप सभी को भगवान श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प और अनजानी बातें बताने जा रहे हैं.

 

1. भगवान श्री कृष्ण को 64 कलाओं में निपुण बताया गया है. ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने महागुरु सांदीपनि से 64 दिनों में 64 कलाओं का ज्ञान ग्रहण कर लिया था और उन्होंने गुरु सांदीपनि को गुरु दक्षिणा के रूप में उनके मृत बेटे को वापस लौटा दिया था.

2. श्री कृष्ण माता देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान थे, व उनके बड़े भाई बलराम माता देवकी के ही सातवे पुत्र थे. इससे पहले पैदा हुए उनके सभी भाई- बहनों को उनके मामा कंस द्वारा मार दिया गया था, परंतु कंस वध के बाद श्री कृष्ण ने अपनी मां देवकी की विनती पर उनके बाकी के छह भाई-बहनों को उनसे मिलवाया था, जिसके बाद उन्होंने अपने भाई बहनों को मुक्ति दे दी थी.

3. भगवान श्री कृष्ण ने 17 साल की उम्र में ब्रज छोड़ दिया था और उसके बाद वो सिर्फ एक बार राधा रानी से मिले थे. परंतु उनका और राधा रानी का रिश्ता अंतर्मन से जुड़ा हुआ था. वो राधा रानी को ही अपनी शक्ति और सोच मानते थे.

4. भगवान श्री कृष्ण ने भागवत गीता का ज्ञान सबसे पहले अर्जुन के अलावा हनुमान और संजय को भी दिया था. हनुमान कुरुक्षेत्र में युद्ध के दौरान अर्जुन के रथ पर ध्वजा के रूप में सबसे ऊपर सवार थे.

5. भगवान श्री कृष्ण की उम्र 125 वर्ष थी उनका वध एक बहेलिया के तीर से हुआ था माना जाता है कि वह बहेलिया पिछले जन्म में सुग्रीव का भाई बाली था और जब प्रभु श्री राम ने बाली को छुपकर मारा था तो उन्होंने यह कहा था कि अगले जन्म में मेरी मृत्यु भी तुम्हारे हाथों होगी इसके बाद जब द्वापर युग में नारायण ने कृष्ण का अवतार लिया तो वे एक पेड़ के नीचे बैठे हुए थे. तो एक बहेलिए ने उनके पर पर एक निशान पर चिड़िया समझ कर तीर चलाया, वह तीर श्री कृष्णा के पैर में लगा और उन्होंने अपने शरीर को त्याग दिया.

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Story Author: Sarthak Jain



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