Teacher’s Day 2022: जानिए डॉ एस. राधाकृष्णन की कुछ अनसुनी बातें, शिक्षा के क्षेत्र में किया है बड़ा योगदान!

हमारे देश में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को देश पूर्व राष्ट्रपति डॉ एस. राधाकृष्णन जी के जन्मदिवस के उपलक्ष में मनाया जाता है.

हम सभी के जीवन में शिक्षकों का बहुत महत्व होता है. वो हम सभी को जीवन के इस कठिन मार्ग पर आगे बढ़ना सिखाते हैं, व हमें इस दुनिया में अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी उजाले की ओर लेकर जाते हैं. हमारे देश में प्रतिवर्ष 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है.यह दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिवस की याद में मनाया जाता है. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमारे देश भारत के सबसे पहले उपराष्ट्रपति थे. उन्हें ही भारत के दूसरे राष्ट्रपति बनने का सम्मान भी प्राप्त हुआ था. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को उनके शिक्षा और तत्वज्ञान के रूप में उनके योगदान के लिए जाना जाता था.

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शिक्षक दिवस पर छात्र करते हैं सभी अध्यापकों का शुक्रिया अदा

शिक्षक दिवस के दिन को सभी शिक्षकों, गुरुओं व प्रोफेसर आदि के योगदान को सराहने व उनका धन्यवाद करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन पूरे देश के सभी स्कूलों में बच्चे अपने गुरुओं और मेंटर्स का शुक्रिया अदा करते हैं, और अपने सभी माननीय अध्यापकों के सम्मान के लिए कविता,गाना और नृत्य आदि प्रस्तुत करते हैं.

आज हम आप सभी को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के विषय में कुछ अनसुनी और अनकही बातें बताने जा रहे हैं.

1. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म 5 सितंबर 1888 को एक तेलुगु परिवार में हुआ था. वह बचपन से ही एक होनहार छात्र थे और उन्हें बहुत सी छात्रवृत्तियां भी प्रदान की गई थी. उन्होंने अपनी स्कूलिंग तिरुपति से की थी और उसके बाद वे वेल्लोर चले गए थे.

2. डॉ राधाकृष्णन जी ने मद्रास के सेंड क्रिश्चियन कॉलेज से फिलॉसफी की पढ़ाई की थी. उन्हें हमारे देश के सबसे महान फिलॉस्फर्स में से एक माना जाता है.

3. डॉ राधाकृष्णन जी की डिग्री कंप्लीट होने के बाद वह मद्रास प्रेसिडेंसी कॉलेज में फिलॉसफी के प्रोफेसर बन गए थे, और उसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मैसूर में एक फिलॉसफी प्रोफेसर के रूप में कार्य किया.

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4. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने हजारों बच्चों को शिक्षा के मार्ग पर आगे बढ़ने में बहुत मदद की व उन सभी को शिक्षा का महत्व समझाया.

5. डॉक्टर राधाकृष्णन जी हमारे देश के सबसे पहले उपराष्ट्रपति थे और उसके बाद साल 1962 में उन्होंने देश के राष्ट्रपति की गद्दी को संभाला और 1967 तक इस पदवी पर बने रहे.

6. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को हमारे देश के सबसे ऊंचे नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है.

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