Diwali 2022: माता लक्ष्मी के छोटे भाई कौन है? आखिर क्यों नहीं की जाती उनके बिना पूजा

हिंदू धर्म में शंख को उसी तरह से पवित्र माना जाता है जैसे की भगवान. शंख लक्ष्मी माता के छोटे भाई हैं.

Diwali 2022: हर साल दीपावली का त्यौहार धूमधाम से पूरे देश में मनाया जाता है. ऐसा कहते हैं कि दीपावली की रात हमारे घर में माता लक्ष्मी वास करती हैं और अन्न-धन के भंडार भरती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि माता लक्ष्मी के छोटे भाई कौन थे और उनके बिना कोई भी पूजा पूरी क्यों नहीं होती है. तो चलिए आज हम आपको माता लक्ष्मी के छोटे भाई के बारे में विस्तार से बताते हैं. यह भी पढ़ें: Bhediya: जानवरों की डॉक्टर बनेंगी कृति सेनन, फिल्म ‘भेड़िया’ से फर्स्ट लुक पोस्टर आया सामने!

विष्णु पुराण के अनुसार, मां लक्ष्मी के भाई हैं शंख. बहुत से लोग तो भगवान गणेश को मां लक्ष्मी का भाई मानते हैं, लेकिन यह सत्य नहीं है क्योंकि असल में मां लक्ष्मी के भाई हैं शंख. शंख अपने आप में बहुत खास माने जाते हैं. वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार, इसे बजाने से व्यक्ति के दिल की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं, स्मरण शक्ति बढ़ती है और सांस सम्बन्धी कई रोगों से भी आपको मुक्ति मिलती है. वहीं शंख को प्राचीन काल से ही पूजा का अंग माना गया है. हर वैदिक कार्य में शंख का होना जरूरी होता है. इतना ही नहीं माना जाता है जहां शंख का वास होता है वहा सुख-शांति, धन वैभव सब कुछ होता है। शंख को मंगलकारक माना गया है. शंख की महत्ता इसी से जानी जा सकती है कि प्राचीन काल में युद्ध प्रारंभ और अंत शंख की ध्वनि से ही होता था. यही कारण है कि देवी लक्ष्मी के हाथ में हमेशा एक शंख दिखाई पड़ता है. जैसे महालक्ष्मी की पूजा किए बगैर धनधान्य की प्राप्ति नहीं की जा सकती है, वैसे ही शंख की ध्वनि के बगैर आध्यात्मिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त करना मुश्किल है. शंख को विजय, समृद्धि, सुख, शांति, यश और कीर्तिमान का प्रतीक माना जाता है.

क्यों कहा जाता है शंख को माता लक्ष्मी का छोटा भाई?

माता लक्ष्मी की तरह शंख की उत्पत्ति भी सागर से ही हुई है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी. शंख उन 14 रत्नों में से एक है, जो समुद्र मंथन के दौरान निकले थे. इसी वजह से देवी लक्ष्मी और दक्षिणावर्ती शंख दोनों भाई-बहन माने गए है.  शास्त्रों में शंख को लक्ष्मी का छोटा भाई कहा गया है. ऐसा कहा जाता है कि शंख में देवी-देवता वास करते हैं. शंख भगवान विष्णु का सबसे प्रमुख और प्रिय अस्त्र भी है. वहीं धनतेरस और दिवाली के दिन घर में शुभ चीजें लेकर आने की परंपरा है. ऐसे में आप चाहें तो इन त्योहारों पर मां लक्ष्मी के छोटे भाई शंख को भी घर लेकर आ सकते हैं. इस मामले में वैसे तो दक्षिणावर्त शंख सबसे उत्तम माना जाता है. यह भी पढ़ें: Bhediya Trailer Out: ‘भेड़िया’ बन फिल्म में डराएंगे वरुण धवन, सामने आया हॉरर-कॉमेडी का मिक्स ट्रेलर!

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Tanvi Sood :मेरा नाम तन्वी सूद है और मैं इस इंडस्ट्री में पिछले 6 साल से काम कर रही हूं. एक एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट होने के नाते मैं खबरों की परख रखती हूं और मुझे अपने काम से प्यार है. मुझे किताबें पढ़ना, कविताएं लिखना काफी पसंद है.