आज के समय में फोटोग्राफी का पैमाना बढ़ गया है. फोन का कैमरा हो या फिर नार्मल कैमरा, हर कोई बेहतरीन पल को कैद करने की कोशिश करता है. कैमरे में कैद की गई तस्वीरें हमेशा के लिए यादगार बन जाती हैं. एक समय ऐसा था की लोगो के पास कैमरा नहीं हुआ करता था. लंबा रास्ता तय करने के बाद लोग फोटो स्टूडियो में जाकर फोटो खिंचवाते थे. हालांकि जैसे-जैसे तकनीक बढ़ी, वैसे-वैसे सहूलियतें भी आईं. आजकल लोग अपने खूबसूरत पलों को हैंडी कैमरा, फोन के कैमरे से सहेजते हैं. आज के दिन फोटोग्राफी के शौकीन लोग ‘वर्ल्ड फोटोग्राफी डे’ (World Photography Day) मना रहे हैं. ये दिन फोटोग्राफरों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल मनाया जाता है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे इस दिन से जुड़ी कहानी.
विश्व फोटोग्राफी डे का इतिहास :
‘वर्ल्ड फोटोग्राफी डे’ (World Photography Day) का इतिहास 1837 से जुड़ा है. जब फ्रांसीसी जोसेफ नाइसफोर और लुइस डॉगेर ने ‘डॉगोरोटाइप’ का आविष्कार किया था. यह दुनिया की पहली फोटोग्राफिक प्रक्रिया थी. 19 अगस्त, 1839 को फ्रांस सरकार ने ‘डॉगोरोटाइप’ आविष्कार की घोषणा की थी और इसका पेटेंट भी प्राप्त किया था. इसी दिन की याद में ‘वर्ल्ड फोटोग्राफी डे’ (World Photography Day) यानी ‘विश्व फोटोग्राफी डे’ मनाया जाता है. दिलचस्प बात यह है कि पहली टिकाऊ रंगीन तस्वीर 1861 में ली गई थी और पहली डिजिटल तस्वीर 1957 में बनाई गई थी. डिजिटल कैमरे का आविष्कार दो दशक बाद हुआ था.
विश्व फोटोग्राफी दिवस का थीम :
जानकारी के अनुसार, इस बार ‘विश्व फोटोग्राफी डे’ (World Photography Day) का थीम Pandemic lockdown through the lens यानी ‘लैंस के माध्यम से महामारी का लॉकडाउन’ है.
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