15-16 मई, 2008 की दरमियानी रात नोएडा के जलवायु विहार स्थित एक घर में कुछ ऐसा हुआ था, जिसके बाद देश तो क्या दुनियाभर की नजरें भारत पर जा टिकी थीं। डॉक्टर राजेश तलवार और नुपूर तलवार के घर में दो कत्ल हुए थे। एक उनकी बेटी आरुषि तलवार (Aarushi Talwar Murder Case) का और दूसरा उनके नौकर हेमराज का। यह कत्ल किसने किए, क्यों किए, यह रहस्य आज भी बरकरार है।
आरुषि-हेमराज मर्डर केस को 11 साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन आज भी जब कभी इस घटना के बारे में बात की जाती है तो सबसे पहले जेहन में जो नाम आते हैं वह राजेश तलवार और नुपूर तलवार के होते हैं। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट तलवार दंपति को कत्ल और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुना चुकी है, लेकिन साल 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट विशेष अदालत के फैसले को पलटते हुए दोनों को दोषमुक्त कर चुका है।
क्या है आरुषि-हेमराज मर्डर केस की अनसुलझी गुत्थी?
आरुषि तलवार और हेमराज को किसने मारा, यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब किसी के पास नहीं है। नोएडा के जलवायु विहार में रहने वाले राजेश तलवार और नुपूर तलवार दोनों ही पेशे से डॉक्टर हैं। उनकी 14 वर्षीय इकलौती बेटी आरुषि तलवार साल 2008 में नौवीं क्लास में पढ़ती थी। मूल रूप से नेपाल का रहने वाला हेमराज उनके परिवार का चौथा सदस्य था। वह पिछले कई साल से तलवार दंपति के घर का काम-काज कर रहा था। तलवार दंपति भी हेमराज पर काफी भरोसा करते थे।
आरुषि के कमरे में ही किया था कत्ल
तलवार दंपति का 15 मई, 2008 का दिन तो हंसते-खेलते गुजरा, लेकिन उस रात जो हुआ उसके बाद से इस परिवार की हंसी कभी वापस नहीं आई। 15-16 मई की दरमियानी रात आरुषि का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया। आरुषि के कमरे में ही इस वारदात को अंजाम दिया गया था। कथित तौर पर सुबह 6 बजे तलवार दंपति को वारदात के बारे में पता चला, पुलिस को बुलाया गया और सुबह 8 बजे यह खबर नेशनल खबर का रूप ले चुकी थी।
घर की छत से मिली थी हेमराज की लाश
घर से हेमराज गायब था। पुलिस ने शुरूआती जांच में आरुषि की हत्या का शक हेमराज पर जताया। उसकी तलाश में पुलिस टीम दबिश दे रही थीं। हेमराज का पता बताने वाले को 20 हजार रुपये का इनाम देने का भी ऐलान किया गया, लेकिन यह कत्ल की गुत्थी और भी सिलवटों के साथ तब बड़ी हो गई जब 17 मई की सुबह तलवार दंपति के घर की छत पर लगा ताला खुलवाया गया और चादर से ढकी हुई हेमराज की लाश वहां से बरामद हुई।
आरुषि-हेमराज के कत्ल के आरोपी थे तलवार दंपति
अब पुलिस को एक नहीं बल्कि दो मर्डर केस सुलझाने थे। घर के अंदर 4 लोग थे, 2 लोगों की हत्या हो जाती है और बाकी 2 जिंदा थे। घर में किसी के दाखिल होने का कोई सबूत नहीं, छत पर ताला लगा था, लिहाजा इस डबल मर्डर केस का सबसे पहला शक किसी पर गया तो वह थे राजेश तलवार और नुपूर तलवार। उन्होंने अपनी बेटी और नौकर का कत्ल क्यों किया होगा, इसको लेकर सबसे बड़ी बात जो कही गई वो थी आरुषि और हेमराज के नाजायज रिश्ते।
क्या आरुषि-हेमराज के थे अवैध संबंध?
कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि उस रात तलवार दंपति ने आरुषि और हेमराज को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था, जिसके बाद उन्होंने गुस्से में आकर वारदात को अंजाम दिया होगा। मीडिया ने भी इस केस की जांच की और बगैर किसी तस्दीक के तलवार दंपति की निजी जिंदगी पर खुलकर हमला बोला। अदालत के दोषी ठहराने से पहले मीडिया तलवार दंपति को डबल मर्डर केस का दोषी ठहरा चुका था।
डबल मर्डर केस की जांच पर भी उठे थे सवाल
आरुषि-हेमराज मर्डर केस की जांच पहले पुलिस फिर सीबीआई और फिर सीबीआई की ही एक दूसरी टीम ने की थी। सीबीआई की एक टीम तलवार दंपति को कसूरवार मान रही थी तो दूसरी टीम उन्हें बेकसूर करार दे रही थी। एक टीम का मानना था कि हेमराज के दोस्तों विजय मंडल, कृष्णा और राजकुमार ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है। उन्हें गिरफ्तार किया गया, पूछताछ की गई, लेकिन उनके खिलाफ भी कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आए।
नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट में भी नहीं खुला राज
कुल मिलाकर शक के आधार पर केस की जांच आगे बढ़ती रही और सीबीआई अंधेरे में तीर चलाती रही। इस मामले में राजेश और नुपूर तलवार का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया गया, लेकिन उनके अपराध में शामिल होने से जुड़ी कोई संभावनाएं जाहिर नहीं हुईं। इस केस में शक तब और बढ़ गया जब आरुषि और हेमराज का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने बयान बदले। पहले कहा गया कि आरुषि के गुप्तांग से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई थी, बाद में सीबीआई की टीम को पोस्टमार्टम टीम में शामिल डॉक्टर दोहरे ने बताया कि आरुषि के गुप्तांग में असामान्य फैलाव था। ऐसा भी लगा कि जैसे उसके मरने के बाद किसी ने उसका गुप्तांग साफ किया हो।
हेमराज का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने कोर्ट को बताया?
हेमराज का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर नरेश राज ने अपनी रिपोर्ट में सब कुछ सामान्य होने का जिक्र किया था, लेकिन बाद में उन्होंने अदालत को बताया था कि हेमराज के गुप्तांग में सूजन थी। उनके इस बयान पर बचाव पक्ष के सवाल खड़े करने पर डॉक्टर नरेश राज ने कहा था, ‘मैं ये बात चिकित्सा न्यायशास्त्र (मेडिकल ज्यूरिस्प्रूडेंस) के हवाले से नहीं बल्कि अपने वैवाहिक जीवन के अनुभव के आधार पर कह रहा हूं।’ तलवार दंपति के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था, लेकिन शक के आधार पर जांच टीम उन्हें ही दोषी मान रही थी।
सीबीआई ने अदालत से केस बंद करने की गुहार लगाई थी
इस केस में एक वक्त ऐसा भी आया जब सीबीआई ने अदालत से इस केस को बंद करने की गुहार लगाई, लेकिन तब तलवार दंपति ने गुनहगारों को सलाखों के पीछे भेजने की बात कहते हुए जांच जारी रखने की अपील की। जिसके बाद सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को आरोपपत्र मानते हुए कोर्ट ने सुनवाई शुरू की और तलवार दंपति को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। सबूतों के 247 नमूनों, 39 सरकारी गवाहों, मेडिकल रिपोर्ट, स्पेशलिस्ट की दर्जनों रिपोर्ट्स के आधार पर अदालत ने माना कि तलवार दंपति के खिलाफ कोई भी सीधा सबूत नहीं है, लेकिन कई सबूत यह भी बता रहे हैं कि आरुषि और हेमराज की हत्या उनके अलावा किसी और ने नहीं की है।
2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलवार दंपति को बरी किया
विशेष अदालत से मिली उम्रकैद की सजा के खिलाफ तलवार दंपति की याचिका पर साल 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई की और स्पेशल कोर्ट के फैसले को पलटते हुए उन्हें बरी कर दिया। पिछले साल मार्च में सीबीआई ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इस मामले में हेमराज की पत्नी की याचिका और सीबीआई की अपील पर एक साथ सुनवाई हो रही है। सीबीआई तलवार दंपति को इस डबल मर्डर केस का दोषी मानती है, लेकिन अदालत उन्हें बाइज्जत बरी कर देती है। फिलहाल केस की समूची जांच को देखते हुए ऐसा लगता है कि 11 साल बाद आरुषि और हेमराज के कातिलों के पकड़े जाने की संभावनाएं अब न के बराबर हैं।
आरुषि-हेमराज मर्डर केस पर बन चुकी हैं 2 फिल्में
आरुषि तलवार और हेमराज मर्डर केस पर 2 बॉलीवुड फिल्में भी बन चुकी हैं। पहली फिल्म का नाम ‘तलवार’ और दूसरी फिल्म का नाम ‘रहस्य’ है। दोनों ही फिल्में साल 2015 में रिलीज हुई थीं। ‘तलवार’ में नीरज कबी और कोंकणा सेन शर्मा ने तलवार दंपति का किरदार निभाया था। इरफान खान सीबीआई अफसर की भूमिका में थे। मेघना गुलजार ने इस फिल्म का निर्देशन किया था। ‘रहस्य’ फिल्म में आशीष विद्यार्थी और टिस्का चोपड़ा ने तलवार दंपति की भूमिका निभाई थी। अभिनेता केके मेनन भी अहम किरदार में थे। मनीष गुप्ता ने इस फिल्म का निर्देशन किया था। इन फिल्मों और अविरूक सेन की किताब ‘आरुषि’ के आने के बाद बहुत से लोगों में यह विश्वास भी बढ़ा था कि तलवार दंपति वाकई में निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया गया है।
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