Ashutosh Rana B’Day: लव स्टोरी से फिल्मी करियर तक, जानिए आशुतोष राणा की कहानी

जख्म, दुश्मन और संघर्ष जैसी फिल्मों में अपने शानदार अभिनय से दर्शकों के दिलों में राज करने वाले आशुतोष राणा (Ashutosh Rana) का आज जन्मदिन हैं। आशुतोष ने एक इंटरव्यू में अपनी जिंदगी के कुछ अनसुने किस्से साझा किए थे। इसमें उन्होंने बताया था कि जिंदगी में एक दिन ऐसा भी आया था जब उनको निर्माता निर्देशक महेश भट्ट ने उन्हें सेट से बाहर भगा दिया।

महेश भट्ट ने सहायक निर्देशकों से काफी नारजगी दिखाई कि आखिर उन्होंने सेट पर मुझे घुसने कैसे दिया। महेश भट्ट के गुस्से की वजह महज इतनी सी थी कि आशुतोष ने उनके पॉव छू लिए थे। आशुतोष ने इस अपमान के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और वो जब भी महेश भट्ट से मिलते थे तो उनके पॉव छू लेते थे।

आखिरकार एक दिन महेश भट्ट ने उनसे पूछ ही लिया कि तुम मेरे पैर क्यों छूते हो, जबकि तुम्हें पता है मुझे इससे नफरत है। आशुतोष ने इसके जवाब में कहा कि बड़ो के पैर छूना मेरे संस्कार है, जिसे मैं नहीं छोड़ सकता।

चलिए आशुतोष राणा के जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ अनुसुने किस्से के बारें में…

आशुतोष राणा ने तकरीबन 30 से ज्यादा फिल्मों और धारावाहिकों में अभिनय किया है।

आशुतोष को पहला टीवी सीरियल स्वाभिमान में पहला रोल मिला था। जिसमें वो एक गुंडे का किरदार निभा रहे थे।

इसके बाद आशुतोष ने महेश भट्ट के साथ कई फिल्मों में काम किया।

आशुतोष राणा ने 1994 के बैच के एनएसडी से छात्र रहे हैं।

मध्यप्रदेश के रहने वाले आशुतोष राणा मीडिल क्लास फैमली के थे। उन्होंने पहले एलएलबी की पढ़ाई की है। आशुतोष वकालत में अपना करियर बनाना चाहते थे।

अपने गुरू के आदेश में उन्होंने एनएसडी में एडमिशन लिया। पढ़ाई के बाद एनएसडी में ही आशुतोष को नौकरी का अवसर मिला। लेकिन आशुतोष ने वो ऑफर न चुनकर फिल्मों में आने का फैसला किया।

आशुतोष ने 32 साल की उम्र में फिल्म में डेब्यू किया था।

आशुतोष बॉलीवुड के आलावा मराठी, कन्नड़ और तेलुगू फिल्मों में भी एक्टिव रहते हैं।

आशुतोष भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त हैं।

आशुतोष ने एक्ट्रेस रेणुका शहाणे से शादी की है। उन दोनों के दो बच्चे हैं।

आशुतोष की पहली मुलाकात रेणुका से फिल्म जयति की शूटिंग के दौरान हुई थी।

बताते चलें कि रेणुका की आशुतोष के साथ ये दूसरी शादी है।

 

कविता सिंह :विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।