नीरज पांडे ने 16 फरवरी को रिलीज हो रही अपनी आगामी फिल्म अय्यारी की समाशोधन के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फ़िल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) और द मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस का ट्विटर पर धन्यवाद किया। अपनी फिल्म को रिलीज करने के लिए नीरज को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। इससे पहले, सेंसर बोर्ड की परीक्षा समिति में नापास होने के बाद फिल्म को रेवाईसिंग कमेटी में भेजा गया था।
हाल ही में, फिल्म देखने के बाद, सीबीएफसी ने इसे मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस (एमओडी) के अधिकारियों के लिए स्क्रीनिंग का आयोजन करने के लिए कहा था, जिसे शनिवार के दिन देंखने के बाद फ़िल्म में कुछ बदलावों की मांग रखी गयी थी। बदलावों की मांग के बाद ही फ़िल्म को ‘यू / ए’ प्रमाण पत्र के साथ हरी झंडी दी गयी।
सेंसर ने जासूसी थ्रिलर को देखने के बाद मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस को यह फ़िल्म इसलिए नहीं दिखाई क्योंकि इसमे सिद्धार्थ मल्होत्रा और मनोज वाजपेयी सेना के अधिकारियों की भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि भ्रष्टाचार को दर्शाती इस फ़िल्म में दिखाया गया आदर्श हाउसिंग घोटाले का मुद्दा चिंता की वजह था।
आदर्श हाउसिंग सोसाइटी एक पॉश, 31-मंजिला इमारत थी, जिसका निर्माण कोलाबा में युद्ध में शहीद हुए जवानों की विधवा औरतों और रक्षा कर्मियों के लिए किया गया था। कई सालों से राजनेताओं, नौकरशाहों और सैन्य अधिकारियों ने कथित रूप से लैंड ओनरशिप, ज़ोनिंग, फ्लोर स्पेस इंडेक्स और सदस्यता के तौर पर नीचे बाजार दर पर सार्वजनिक संपत्ति के रूप में कॉपरेटिव सोसाइटी के इन फ्लैटों को हड़पने की कोशिश की थी। नवंबर 2010 में घोटाले का पता चलने के बाद महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को इस्तीफे देना पड़ा था।
जनवरी 2011 में, राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था, जिसमे दो साल में 182 गवाहों को खारिज करने के बाद, आखिरकार अप्रैल 2013 में अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इस रिपोर्ट में 25 अवैध अलॉटमेंट, जिसमें प्रॉक्सी द्वारा की गई 22 खरीदारी, और अशोक चव्हाण, विलासराव देशमुख, सुशीलकुमार शिंदे और शिवाजीराव निलंगेकर पाटिल सहित चार पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा निभाई गयी भूमिका, दो पूर्व शहरी विकास मंत्रियों, राजेश टोपे और सुनील तटकरे और विभिन्न गैरकानूनी एक्ट से 12 टॉप नौकरशाह पर रोशनी डाली गई थी। सीबीआई, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय आरोपों की जांच कर रहे हैं।
अय्यारी में, सिद्धार्थ और पूजा चोपड़ा के पात्रों द्वारा मुम्बई के कोलाबा में एक साजिश की कोशिश दिखाई गई हैं। फ़िल्म में चौकीदार की भूमिका निभा रहे नसीरुद्दीन शाह भी, इस विशेष साजिश के बारे में कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि इस बिल्डिंग का निर्माण शहीद सैनिकों की विधवाओं के लिए किया गया था। आदर्श घोटाले का संकेत देते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा “खा जाएंगे, नेता और नेता के चमचे”। नसीर फिल्म में एक महत्वपूर्ण कैमियो निभा रहे है और ट्रेलर में जब उन्हें ले कर जाया जाता है तो वो चिल्लाकर कहते है,”गरीब आदमी को उंगली नहीं करना, साहब।”
करीबी सूत्रों के अनुसार, फिल्म में कई घोटालों को उजागर किया गया है उनमें से आदर्श घोटाला एक है। स्रोत ने कहा, “यह साजिश का अभिन्न अंग है।” जब मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस द्वारा कथित तौर पर कई बदलावों के बारे में पूछा गया तो सूत्रों ने कहा, “फिल्म निर्माताओं को खुशी है कि उन्होंने ज़्यादा बदलाव की मांग नही की, केवल चार छोटे बदलाव किए गए थे जो हर किसी की संतुष्टि के लिए किए गए थे।”