अजय देवगन को पिता वीरू देवगन ने बनाया सुपरस्टार, जानिए इस स्टंट डायरेक्टर की लाइफ की अनसुनी बातें

अजय देवगन (AjayDevgn) के पिता वीरू देवगन (veeru Devgn) 14 साल की उम्र में घर से भागे थे। लेकिन उनका ये सपना पूरा नहीं हो पाया। अपना ये सपना उन्होंने बेटे अजय देवगन से पूरा किया। जानिए इस स्टंट डायरेक्टर की ऐसी ही अनसुनी बातें।

अजय देवगन को स्टार बनाने में उनके पिता वीरू देवगन का बड़ा हाथ था(फोटो:ट्विटर)

अजय देवगन (AjayDevgn) के पिता वीरू देवगन (Veeru Devgn) का आज सुबह निधन हो गया। बॉलीवुड में स्टंट डायरेक्टर के तौर पर फेमस वीरू देवगन 1999 में आई ‘हिंदुस्तान की कसम’ जैसी फिल्म का निर्देशन भी कर चुके थे। इस फिल्म में अजय देवगन, मनीषा कोईराला (Manisha Koirala) और अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) मुख्य भूमिका में नजर आए थे।

अमृतसर में जन्में वीरू देवगन (Veeru Devgn Movies) की शादी वीणा देवगन से हुई थी। इस कपल के चार बच्चे हैं जिनमें अजय देवगन एक्टर और उनके दूसरे बेटे अनिल देवगन बतौर डायरेक्टर बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अजय देवगन को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनके पिता का काफी बड़ा हाथ था। आईए जानते हैं वीरू देवगन के ऐसे ही अनसुनी बातें।

1. 1957 में 14 साल की उम्र वीरू देवगन बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए घर से भाग गए थे। बिना टिकट के ट्रेन में सफर करने के लिए उन्हें टीटीई ने पकड़ लिया था और वीरू देवगन को अपने दोस्तों के साथ जेल की हवा खानी पड़ी थी।

2. जेल से बाहर आने के बाद जहां मुंबई के हालातों से हार कर उनके दोस्त वापस अमृतसर चले गए वहीं, वीरू देवगन यहां स्ट्रगल करते हुए बिना हार मानें कारपेंटर से लेकर टैक्सी साफ करने जैसे कई काम किए।

3. इस दौरान उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में मुकाम बनाने का अपना सपना बरकरार रखा और आए दिन वो फिल्म स्टूडियो के चक्कर काटने लगे। लेकिन अपने इस सफर में उन्हें एहसास हो गया कि इस दौर में सिर्फ चॉकेलेटी ब्वॉय को हीरो बनने का मौका मिलता है और वो इसमें सफल नहीं हो पाएंगे।

4. इसके बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में दूसरे फील्ड में किस्मत आजमानी शुरू कर दी। 1974 में उन्होंने स्टंट कोरियोग्राफर के तौर पर रोटी, कपड़ा और मकान फिल्म में काम किया। इसके बाद वो इंसाफ, सत्यम शिवम सुंदरम, दोस्ताना, क्रांति और फूल और कांटे जैसी फिल्मों के स्टंट डायरेक्टर रहे।

5. हालांकि, वीरू देवगन ने एक्टर बनने का सपना नहीं छोड़ा। उन्होंने तय किया कि बॉलीवुड में एक्टर बनने का सपना वो अपने बेटे अजय देवगन के जरिए पूरा करेंगे। इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की।

6. अपने बेटे को फिल्मों में लाने के लिए वीरू देवगन ने अजय देवगन को काफी उम्र में ही एक्टिंग, एक्शन. उर्दू सिखानी, डांस क्लासेज और हॉर्स राइडिंग सब करवानी शुरू कर दी। उन्होंने अजय के लिए घर में ही जिम बनवा दिया था।

7. जब अजय थोड़े बड़े हुए, तो वीरू देवगन उन्हें अपने साथ सेट पर ले जाने लगे। वो उन्हें अपनी एक्शन टीम का हिस्सा बनाने लगे। इससे अजय देवगन को फिल्ममेकिंग की धीरे-धीरे काफी समझ होने लगी।

8. अजय देवगन ने अपनी इसी काबिलियत का इस्तेमाल करते हुए कॉलेज टाइम के वक्त शेखर कपूर को असिस्ट भी किया। अजय देवगन ने उनकी फिल्म ‘दुश्मनी’ में बतौर अस्टिटेंट डायरेक्टर काम किया।

9. लेकिन अजय देवगन ने अब तक फिल्मों में एक्टर बनने का सपना नहीं देखा था। लेकिन उनके पिता अपने इस सपने को संजोए हुए थे और इसे अंजाम उन्होंने 1991 में आई फिल्म ‘फूल और काटें’ से दिया। हालांकि, अजय देवगन ने शुरूआत में इस फिल्म को करने से मना कर दिया था।

10. उन्होंने अपनी पिता की इस बात को खारिज करते हुए कहा कि उनकी उम्र अभी मात्र 18 साल की है और इस वक्त वो लाइफ को एंजॉय करना चाहते हैं। लेकिन वीरू देवगन के जुनून और मेहनत के आगे उन्हें झुकना पड़ा। अपनी पहली फिल्म से ही अजय देवगन ने सफलता के झंडे गाड़े और बॉलीवुड में फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।

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जागृति प्रिया :मुझे एंटरटेंमेंट, लाइफस्टाइल, हेल्थ, ट्रेंड और ब्यूटी की खबरें लिखना पसंद है। पाठकों को इनसे जुड़ी खबरों से अवगत कराती हूं। मैंने पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन करने के बाद माखनलाल यूनिवर्सिटी से मास्टर इन जर्नलिज्म किया है।